Gorakhpur-Siliguri Expressway: गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे: उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल को जोड़ने वाला गेम चेंजर प्रोजेक्ट

उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल को जोड़ने वाले गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य जल्द शुरू हो सकता है। यह हाई-स्पीड कॉरिडोर भारतमाला परियोजना के अंतर्गत बनाया जा रहा है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने राज्यसभा सांसद और जेडीयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय कुमार झा को इस प्रोजेक्ट की प्रगति की जानकारी दी। डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार कर मंत्रालय को सौंप दी गई है, और 2025 तक इस परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

परियोजना का दायरा और लागत

गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 519 किलोमीटर होगी। इसमें उत्तर प्रदेश में 84.3 किलोमीटर, बिहार में 416.2 किलोमीटर और पश्चिम बंगाल में 18.97 किलोमीटर हिस्सा शामिल है। इस परियोजना पर कुल ₹32,000 करोड़ की लागत आने का अनुमान है। इस ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट का पूरा मार्ग नए निर्माण के तहत होगा।

बिहार के लिए गेम चेंजर

राज्यसभा सांसद संजय झा ने इस एक्सप्रेसवे को बिहार के लिए गेम चेंजर परियोजना बताया है। उन्होंने कहा कि इससे न केवल उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जाना-आना सुगम होगा, बल्कि व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। बिहार के आठ जिलों, जिनमें पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, और किशनगंज शामिल हैं, से यह कॉरिडोर होकर गुजरेगा।

राष्ट्रीय राजमार्ग विकास का उद्देश्य

केंद्रीय मंत्रालय ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास एक सतत प्रक्रिया है। सरकार को विभिन्न राज्यों से समय-समय पर सड़क उन्नयन और विकास के प्रस्ताव प्राप्त होते रहते हैं। इन प्रस्तावों पर निर्णय निम्न मानदंडों के आधार पर लिया जाता है:

  1. कनेक्टिविटी की आवश्यकता
  2. प्राथमिकता और बजट की उपलब्धता
  3. पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के साथ तालमेल

परियोजना का इतिहास और प्रगति

इस हाई-स्पीड कॉरिडोर का प्रस्ताव एनएचएआई ने वर्ष 2021 में रखा था। इसके लिए सर्वेक्षण का कार्य एलएन मालवीय इंफ्रा प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, भोपाल को सौंपा गया था। अब डीपीआर तैयार कर इसे मंजूरी के लिए मंत्रालय को सौंपा गया है।

व्यापार और यातायात के लिए लाभदायक

गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे का निर्माण न केवल यातायात को सुगम बनाएगा, बल्कि व्यापार के नए रास्ते भी खोलेगा। यह परियोजना बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के बीच आर्थिक और औद्योगिक संबंधों को मजबूती प्रदान करेगी। गोरखपुर से सिलीगुड़ी की वर्तमान यात्रा में 15 घंटे लगते हैं, जिसे इस कॉरिडोर के माध्यम से घटाकर मात्र 9 घंटे किया जा सकेगा।

ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट

यह पूरा एक्सप्रेसवे ग्रीनफील्ड परियोजना के तहत बनाया जाएगा, जिससे नए क्षेत्र विकसित होंगे। इसके निर्माण से तीनों राज्यों के ग्रामीण और शहरी इलाकों में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

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