गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने ‘लंदन आई’ की तर्ज पर ‘गोरखनाथ आई’ बनाने की तैयारी में फिर से जुट गया है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए कंसल्टेंट फर्म की नियुक्ति हेतु EOI (Expression of Interest) मांगा गया है। आगामी 8 जुलाई को प्री-बिड मीटिंग आयोजित की जाएगी और 19 जुलाई को बिड खोला जाएगा। कंसल्टेंट फर्म ‘गोरखनाथ आई’ के लिए रामगढ़झील पर स्थान चयन और उसकी उपयोगिता का निर्धारण करेगी।
परियोजना की पृष्ठभूमि
गोरखनाथ आई बनाने की मांग सबसे पहले सांसद रवि किशन शुक्ला ने दिसंबर 2020 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की थी। उनकी इस मांग पर मुख्यमंत्री ने गोरखपुर विकास प्राधिकरण को प्रस्ताव बनाने का निर्देश दिया था। जनवरी 2021 में EOI मांगा गया, और कुछ फर्मों के साथ प्री-बिड मीटिंग भी हुई थी, लेकिन किन्हीं कारणों से यह योजना आगे नहीं बढ़ पाई थी।
देश का पहला ‘कैंटिलीवर आब्जर्वेशन व्हील’
रामगढ़झील पर ‘गोरखनाथ आई’ बनने के बाद यह देश का पहला ‘कैंटिलीवर आब्जर्वेशन व्हील’ होगा। इसके निर्माण से गोरखपुर देश और दुनिया के पर्यटकों को आकर्षित करेगा। सांसद रवि किशन शुक्ला की इच्छा है कि गोरखपुर में इस व्हील की ऊंचाई 151 मीटर हो, ताकि यह लंदन आई से भी ऊंचा और देश का पहला कैंटिलीवर आब्जर्वेशन व्हील के रूप में ख्याति प्राप्त कर सके।
‘लंदन आई’ का परिचय
लंदन में टेम्स नदी के दक्षिणी तट पर 135 मीटर ऊंचा घूमने वाला अवलोकन पहिया ‘लंदन आई’ स्थापित है। यह लंदन के सबसे लोकप्रिय पर्यटक आकर्षणों में से एक है। ‘गोरखनाथ आई’ भी इसी तर्ज पर बनने जा रही है, जिससे गोरखपुर को एक नई पहचान मिलेगी।
परियोजना की प्रगति
गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने ‘गोरखनाथ आई’ परियोजना के लिए कंसल्टेंट फर्म की नियुक्ति हेतु EOI जारी किया है। 8 जुलाई को प्री-बिड मीटिंग होगी और 19 जुलाई को बिड खोला जाएगा। कंसल्टेंट फर्म ‘गोरखनाथ आई’ के लिए स्थान चयन और उसकी उपयोगिता का निर्धारण करेगी। इस परियोजना के लिए रामगढ़झील को चुना गया है, जहां पर ‘गोरखनाथ आई’ का निर्माण किया जाएगा।
पर्यटकों के लिए आकर्षण
‘गोरखनाथ आई’ के निर्माण से गोरखपुर में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। यह व्हील देश और दुनिया के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा। इससे गोरखपुर की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। पर्यटन के माध्यम से गोरखपुर में विकास के नए द्वार खुलेंगे।
पर्यावरणीय दृष्टिकोण
परियोजना के तहत रामगढ़झील के आसपास का क्षेत्र भी विकसित किया जाएगा। झील की सफाई और उसके संरक्षण के लिए विशेष ध्यान दिया जाएगा। पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए भी प्राधिकरण द्वारा विभिन्न उपाय किए जाएंगे। ‘गोरखनाथ आई’ के निर्माण से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि पर्यावरण संरक्षण को भी बल मिलेगा।
स्थानीय लोगों की उम्मीदें
गोरखपुर के स्थानीय लोगों को ‘गोरखनाथ आई’ परियोजना से काफी उम्मीदें हैं। उन्हें विश्वास है कि इस परियोजना के माध्यम से गोरखपुर को एक नई पहचान मिलेगी और शहर का विकास होगा। स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि ‘गोरखनाथ आई’ के निर्माण से रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और उनके जीवन स्तर में सुधार होगा।
सरकार की भूमिका
उत्तर प्रदेश सरकार इस परियोजना के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस परियोजना को हरी झंडी दिखा दी है और इसके लिए आवश्यक वित्तीय सहायता भी उपलब्ध कराई जा रही है। सरकार की मंशा है कि इस परियोजना के माध्यम से गोरखपुर को एक नई पहचान मिले और राज्य का पर्यटन उद्योग भी सशक्त हो।