गोरखपुर के रामगढ़ताल रिंग रोड परियोजना के निर्माण में आ रही बाधाएं जल्द ही समाप्त होने वाली हैं। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने इस परियोजना के तहत जमीन अधिग्रहण के लिए आवश्यक मुआवजे की दर तय कर दी है। 10 एकड़ जमीन के कास्तकारों से सहमति बन गई है और उन्हें सर्किल रेट से दोगुना मुआवजा दिया जाएगा। यह प्रस्ताव जिला प्रशासन के पास भेज दिया गया है और स्वीकृति मिलने के बाद भूमि अधिग्रहण का कार्य आरंभ होगा।
रिंग रोड परियोजना के लिए 74.56 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। यह सड़क सहारा एस्टेट से कूड़ाघाट तक 4 किलोमीटर लंबी होगी, जो आवागमन को सुगम बनाएगी और शहर के विकास को गति देगी। वर्तमान में सड़क निर्माण के लिए 52% भूमि अधिग्रहित हो चुकी है, और शेष भूमि के लिए अधिग्रहण का कार्य प्रशासन की मंजूरी के बाद शुरू होगा।
इस परियोजना के अंतर्गत, कास्तकारों को उचित मुआवजा देने के लिए जीडीए ने प्रशासन के साथ कई बैठकें की हैं। कास्तकारों की सहमति और मुआवजे की दर तय होने के बाद अब इस परियोजना में और देरी की संभावना नहीं है। रिंग रोड का निर्माण न केवल यातायात समस्या का समाधान करेगा बल्कि आसपास के क्षेत्रों के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
रिंग रोड के निर्माण से गोरखपुर में आवागमन का नया रास्ता खुलेगा, जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या कम होगी और लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। यह परियोजना गोरखपुर शहर के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है, और प्रशासन इसके शीघ्र कार्यान्वयन के लिए तत्पर है। जल्द ही इस परियोजना का कार्य पूर्ण होने की उम्मीद है, जिससे गोरखपुर के निवासियों को बड़ी राहत मिलेगी।