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देवरिया जनपद के इस मंदिर के शक्तियों के कारण अंग्रेजों को भी झुकना पड़ा बदलना पड़ा अपना रास्ता।

Ahilyapur Durga Temple: देवरिया जनपद में एक ऐसा मंदिर है जिस के बारे में कहा जाता है कि मंदिर में ऐसी शक्ति है जिस वजह से अंग्रेजों को भी रास्ता बदलना पड़ा था जो आज देवरिया जनपद के विभिन्न क्षेत्र के बुजुर्ग मंदिर के बारे में चर्चा करते हैं।

देवरिया जनपद को देवों की नगरी यूं ही नहीं कहा जाता है क्योंकि देवरिया में ज्यादातर मंदिर आपको मिल जाएंगे इस मंदिरों में से एक मंदिर दुर्गा शक्ति पीठ के नाम से जाना जाता है, जो नवरात्रि के पर्व पर दूरदराज से मंदिर में लोग पूजा पाठ करने पहुंचते हैं, जो देवरिया जिला मुख्यालय से मात्र 10 किलोमीटर पूरब में अहिल्यापुर गांव के समीप रेलवे लाइन के किनारे स्थित है, मंदिर की रहस्यमई चमत्कार के आगे अंग्रेज भी काफी हैरान हो गए थे, जिसकी कहानी आज भी चर्चा का विषय बनी रहती है।

अहिल्यापुर दुर्गा मंदिर देवरिया जनपद में काफी प्रसिद्ध मंदिर है इस मंदिर में यूं तो 12 महीना भक्तों की लाइन लगी रहती है, लेकिन नवरात्रि के समय मंदिर में पूजा करने वाले भक्तों की संख्या बढ़ जाती है जिस वजह से मंदिर परिसर में सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल की भी तैनाती करनी पड़ती है। कहा जाता है कि अहिल्यापुर दुर्गा मंदिर में जो भक्त सच्चे दिल से पूजा पाठ करने के बाद मांगता है उसकी मनोकामना पूर्ण हो जाती है, यही वजह है कि देवरिया के अहिल्यापुर मंदिर में बिहार राज्य की अधिकतर लोग पूजा पाठ करने आते हैं, देवरिया जनपद के लगभग सभी गांव से लोग दुर्गा मंदिर में पूजा पाठ करने पहुंचते हैं, अहिल्यापुर दुर्गा मंदिर कहा जाता है कि यह मंदिर अंग्रेजो को अपनी शक्ति के आगे झुकने पर मजबूर कर दिया था, स्थानीय लोगों का कहना है कि जब अंग्रेजों को यह एहसास हुआ कि यहां कोई शक्ति है उसके बाद मंदिर का निर्माण कराया गया जो आज काफी प्रसिद्ध है। हालांकि इसके बारे में पुक्ता जानकारी उपलब्ध नहीं है।

वहीं आसपास गांव के लोगों का यह भी कहना है कि जब अंग्रेजों के द्वारा रेलवे लाइन बिछाई जा रही थी उस समय अंग्रेजों को काफी समस्या हुई क्योंकि जिस स्थान पर मंदिर बना है, उसी स्थान से होकर रेलवे लाइन अंग्रेज बिछाना चाहते थे लेकिन रेलवे लाइन मंदिर के रास्ते से होकर नहीं जा पा रहा था, स्थानीय लोगों का कहना है कि अंग्रेजो के द्वारा पूरे दिन मेहनत का रेलवे लाइन बिछाने का लिए कार्य किए जाते थे,लेकिन रात में वह सारे किए हुए कार्य पहले जैसे हो जाते थे, जिस वजह से अंग्रेज काफी परेशान हो गए उन्हें लगा कि यह किसी इंसान के द्वारा ऐसा किया जा रहा है, लेकिन अंग्रेजों ने जब रात में इसकी निगरानी किया तो उनकी आंखे फटी की फटी रह गई, आखिर रेलवे लाइन बिछाने में क्यों दिक्कत आ रही है अंग्रजो को पता चला कि पूरे दिन की किए हुए कार्य अपने आप पहले जैसे हो रहा है।

इसके बाद अंग्रेजों ने इस घटना के बारे में विद्वानों को बताया जिस के बाद पूजा पाठ करने वाले विद्वानों ने बताया कि यहां दुर्गा माता का निवास है, और वह नहीं चाहती है कि यहां से रेलवे लाइन बने जिस के बाद अंग्रेजों ने पूजा पाठ किया और रेलवे लाइन को मंदिर के स्थान से हटाकर दूसरे जगह से, मजबूरन ले जाना पड़ा, यह बात आसपास के लोगों का कहना है, लेकिन इसका कोई पुक्त प्रमाण नहीं मिला है, लेकिन भक्तों अहिल्यापुर दुर्गा मंदिर पर काफी आस्था रखते हैं और प्रतिदिन सैकड़ो की संख्या में लोग पहुंचकर मंदिर में पूजा पाठ करते हैं वही नवरात्रि के समय हजारों में संख्या पहुचते है।

अहिल्यापुर मंदिर की चमत्कार का किस्सा सुनकर लोग काफी प्रभावित होते हैं, और मंदिर से भक्तों का आस्था जुड़ा हुआ है, यही वजह है कि अहिल्यापुर मंदिर आज पूरे देवरिया में काफी प्रसिद्ध है, जहां मंदिर में दर्शन करने के लिए नवरात्रि के समय श्रद्धालुओं को घंटो इंतजार करना पड़ता है, स्थानीय लोगों का कहना है कि अहिल्यापुर मंदिर में पूजा पाठ करने से दुखों से मुक्ति मिलती है और इच्छा के अनुसार फल मिलता है।

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