उत्तर प्रदेश के देवरिया जनपद में पुलिस ने दरोगा की वर्दी पहनकर घूम रही एक महिला को गिरफ्तार किया। महिला का नाम रजनी दुबे है और वह देवरिया जनपद के ग्राम सभा निशानिया की निवासी है। पुलिस को उस पर शक होने पर जब पूछताछ की गई तो सारा मामला खुलकर सामने आ गया। मामला देवरिया के खामपार थाना क्षेत्र का है, जहां गुरुवार को पुलिस ने महिला को फर्जी दरोगा की वर्दी पहने पकड़ा और उसके खिलाफ कार्रवाई की।
महिला ने कबूला फर्जीवाड़ा, बताया मकसद
पुलिस की जानकारी के अनुसार, रजनी दुबे ने पूछताछ में बताया कि वह लखनऊ में एक घर में केयरटेकर के रूप में काम करती है और कुछ निजी कारणों से उसने पुलिस की वर्दी सिलवाई थी। पूछताछ में यह भी पता चला कि वह अपनी इस वर्दी का इस्तेमाल किराए में छूट पाने के लिए करती थी। रजनी ने बताया कि उसे यह वर्दी पहनने का शौक था और वह पिछले कुछ वर्षों से इसी तरह से अपने काम में इसका लाभ उठा रही थी
बाइक पर पकड़े जाने पर हुआ खुलासा
पुलिस के अनुसार, रजनी को भिनगारी बाजार के पास पकड़ा गया, जहां वह बाइक पर एक व्यक्ति और दो बच्चों के साथ जा रही थी। उसकी हरकतों से पुलिस को शक हुआ और उन्होंने उसे रोक कर पूछताछ की। इस दौरान, उसने खुद को दरोगा बताया, लेकिन उसके जवाबों में विरोधाभास होने के कारण पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। रजनी ने स्वीकार किया कि वह दरोगा नहीं है और लखनऊ में बतौर केयरटेकर काम करती है। उसने यह वर्दी केवल किराए में राहत पाने के लिए पहनी थी।
महिला के खिलाफ मामला दर्ज, पुलिस ने किया चालान
खामपार थाना प्रभारी महेंद्र कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि महिला के खिलाफ फर्जीवाड़ा करने का मामला दर्ज कर लिया गया है। साथ ही नियमों के अनुसार उसका चालान भी किया गया। इस मामले में महिला से और भी पूछताछ की जा रही है ताकि अन्य किसी प्रकार के गलत उपयोग की संभावना को जांचा जा सके। महिला का कहना है कि उसने वर्दी लखनऊ में सिलवाई थी और कुछ व्यक्तिगत लाभ के लिए इसका इस्तेमाल करती थी।
इस मामले के खुलासे के बाद यह साफ हो गया कि किस तरह कुछ लोग सरकारी पदों का फर्जीवाड़ा कर समाज में गलत संदेश फैलाते हैं। पुलिस ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए चेतावनी दी है कि जो भी व्यक्ति इस प्रकार के कृत्यों में शामिल पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।