इस बार के लोकसभा चुनाव में देवरिया और सलेमपुर लोकसभा सीटों के मतदाताओं में खासा उत्साह देखा जा रहा है। सातवें चरण में 1 जून को होने वाले मतदान को लेकर लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने के लिए तैयार हैं। नए मतदाता विशेष रूप से उत्साहित हैं, क्योंकि यह उनका पहला अनुभव होगा जिसमें वे देश के भविष्य के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
देवरिया जनपद के मतदाताओं का कहना है कि वे इस बार वोट देते समय बेरोजगारी, महंगाई, स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा, सड़क और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं के मुद्दों को ध्यान में रखेंगे। इन समस्याओं ने लंबे समय से जनपद के लोगों को परेशान किया है, और अब वे एक ऐसा जनप्रतिनिधि चुनना चाहते हैं जो इन समस्याओं का ठोस समाधान प्रस्तुत कर सके।
बेरोजगारी और महंगाई:
देवरिया के युवाओं का कहना है कि बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी उन्हें अच्छे रोजगार नहीं मिल रहे हैं। महंगाई ने भी लोगों की जिंदगी को मुश्किल बना दिया है। रोजमर्रा की वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं, जिससे आम जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मतदाताओं का मानना है कि एक अच्छे जनप्रतिनिधि के चयन से इन समस्याओं का समाधान हो सकता है।
स्वास्थ्य सेवाएं:
स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति भी संतोषजनक नहीं है। देवरिया और सलेमपुर में अस्पतालों की स्थिति खस्ता है और लोगों को इलाज के लिए दूर-दराज के शहरों में जाना पड़ता है। गांवों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की हालत भी चिंताजनक है। मतदाताओं का कहना है कि वे ऐसे उम्मीदवार को वोट देंगे जो स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार कर सके और हर व्यक्ति को उचित चिकित्सा सुविधा मुहैया करवा सके।
शिक्षा:
शिक्षा का स्तर भी एक बड़ा मुद्दा है। सरकारी स्कूलों की स्थिति खराब है और निजी स्कूलों की फीस आम जनता की पहुंच से बाहर है। मतदाताओं का कहना है कि वे ऐसे जनप्रतिनिधि को चुनना चाहेंगे जो शिक्षा के स्तर को सुधार सके और हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर सके।
सड़क और पानी:
सड़कें टूटी हुई हैं और कई जगहों पर पानी की समस्या है। गांवों में सड़कें नहीं होने से लोगों को आने-जाने में बहुत मुश्किल होती है। पानी की आपूर्ति भी पर्याप्त नहीं है, जिससे लोग पीने के पानी के लिए परेशान होते हैं। मतदाताओं का कहना है कि वे ऐसे जनप्रतिनिधि को वोट देंगे जो इन बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बना सके।
अच्छे जनप्रतिनिधि की जरूरत:
इस बार के चुनाव में मतदाताओं का कहना है कि वे एक ऐसे जनप्रतिनिधि को चुनना चाहते हैं जो उनके मुद्दों को सही ढंग से संसद में उठा सके और उनके समाधान के लिए काम कर सके। उन्हें एक ऐसे नेता की जरूरत है जो उनकी आवाज बने और देवरिया जनपद को एक नई पहचान दिला सके।
मतदाताओं का यह भी कहना है कि इस बार का चुनाव देश के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है। वे इस बार सोच-समझकर अपना वोट देंगे और एक अच्छे प्रत्याशी को चुनेंगे जो उनके सपनों को साकार कर सके। युवाओं का कहना है कि वे अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए एक ऐसे नेता को चुनेंगे जो रोजगार के अवसर पैदा कर सके और महंगाई पर काबू पा सके।
इस बार के लोकसभा चुनाव में देवरिया और सलेमपुर लोकसभा सीटों के मतदाताओं में खासा उत्साह देखा जा रहा है। सातवें चरण में 1 जून को होने वाले मतदान को लेकर लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने के लिए तैयार हैं। नए मतदाता विशेष रूप से उत्साहित हैं, क्योंकि यह उनका पहला अनुभव होगा जिसमें वे देश के भविष्य के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
देवरिया जनपद के मतदाताओं का कहना है कि वे इस बार वोट देते समय बेरोजगारी, महंगाई, स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा, सड़क और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं के मुद्दों को ध्यान में रखेंगे। इन समस्याओं ने लंबे समय से जनपद के लोगों को परेशान किया है, और अब वे एक ऐसा जनप्रतिनिधि चुनना चाहते हैं जो इन समस्याओं का ठोस समाधान प्रस्तुत कर सके।
बेरोजगारी और महंगाई:
देवरिया के युवाओं का कहना है कि बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी उन्हें अच्छे रोजगार नहीं मिल रहे हैं। महंगाई ने भी लोगों की जिंदगी को मुश्किल बना दिया है। रोजमर्रा की वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं, जिससे आम जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मतदाताओं का मानना है कि एक अच्छे जनप्रतिनिधि के चयन से इन समस्याओं का समाधान हो सकता है।
स्वास्थ्य सेवाएं:
स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति भी संतोषजनक नहीं है। देवरिया और सलेमपुर में अस्पतालों की स्थिति खस्ता है और लोगों को इलाज के लिए दूर-दराज के शहरों में जाना पड़ता है। गांवों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की हालत भी चिंताजनक है। मतदाताओं का कहना है कि वे ऐसे उम्मीदवार को वोट देंगे जो स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार कर सके और हर व्यक्ति को उचित चिकित्सा सुविधा मुहैया करवा सके।
शिक्षा:
शिक्षा का स्तर भी एक बड़ा मुद्दा है। सरकारी स्कूलों की स्थिति खराब है और निजी स्कूलों की फीस आम जनता की पहुंच से बाहर है। मतदाताओं का कहना है कि वे ऐसे जनप्रतिनिधि को चुनना चाहेंगे जो शिक्षा के स्तर को सुधार सके और हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर सके।
सड़क और पानी:
सड़कें टूटी हुई हैं और कई जगहों पर पानी की समस्या है। गांवों में सड़कें नहीं होने से लोगों को आने-जाने में बहुत मुश्किल होती है। पानी की आपूर्ति भी पर्याप्त नहीं है, जिससे लोग पीने के पानी के लिए परेशान होते हैं। मतदाताओं का कहना है कि वे ऐसे जनप्रतिनिधि को वोट देंगे जो इन बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बना सके।
अच्छे जनप्रतिनिधि की जरूरत:
इस बार के चुनाव में मतदाताओं का कहना है कि वे एक ऐसे जनप्रतिनिधि को चुनना चाहते हैं जो उनके मुद्दों को सही ढंग से संसद में उठा सके और उनके समाधान के लिए काम कर सके। उन्हें एक ऐसे नेता की जरूरत है जो उनकी आवाज बने और देवरिया जनपद को एक नई पहचान दिला सके।
मतदाताओं का यह भी कहना है कि इस बार का चुनाव देश के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है। वे इस बार सोच-समझकर अपना वोट देंगे और एक अच्छे प्रत्याशी को चुनेंगे जो उनके सपनों को साकार कर सके। युवाओं का कहना है कि वे अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए एक ऐसे नेता को चुनेंगे जो रोजगार के अवसर पैदा कर सके और महंगाई पर काबू पा सके।