spot_img

Top 5 This Week

Related Posts

deoria news मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने गोवंशीय एवं महिषवंशीय पशुओं में होने वाले संक्रमण लंपी स्किन डिजिज (LSD) से बचाव हेतु दी जानकारी

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा0 पी०एन० सिंह ने बताया है कि प्रदेश के सीमावर्ती राज्यों राजस्थान, हरियाणा आदि से प्रदेश के पश्चिमी 15 जनपदों में लंपी स्किन डिजिज (LSD) का गोवंशीय एवं महिषवंशीय पशुओं का संक्रमण हुआ है। यह एक विषाणुजनित रोग है। इसका प्रसार प्रभावित पशुओं से वेक्टर (मच्छर, मक्खी, किलनी आदि) के माध्यम से अन्य पशुओं में होता है इस बीमारी से संक्रमित पशुओं को बुखार होता है तथा पूरे शरीर पर गांठे (NODULE) बन जाती है तथा पशु खाना-पीना छोड़ देता है, जिससे कमजोर हो जाता है, गर्भित पशुओं में गर्भपात हो सकता है तथा चमड़े पर बनी हुयी गांठों में मवाद भी पड़ सकता है। यदि पशुओं में उपरोक्त लक्षण प्राप्त होते है तो उन्हें अन्य सामान्य पशुओं से पृथक रखा जाय तथा इसकी सूचना तत्काल विभाग को दिया जाय सम्बन्धित क्षेत्र में कीटनाशक का छिड़काव, फागिंग, साफ-सफाई करायी जाये। पशुओं को सदैव साफ पानी पिलाये तथा पशु के दूध को उबाल कर प्रयोग करें बीमार पशु की देख-भाल करने वाले व्यक्ति को भी स्वस्थ पशुओं से दूर रहना चाहिए। संक्रमण की स्थिति में पशुओं को सामूहिक चरने के लिए न भेजे तथा यदि किसी पशु की मृत्यु होती है तो शव को खुले में न फेकें तथा वैज्ञानिक तरीके से दफनायें यह बीमारी पशुओं से मनुष्यों में नहीं फैलती है, इसलिए किसी भी अफवाह से बचे जनपद में LSD संक्रमण के प्रसार को रोकने एवं उपचार हेतु जिलाधिकारी के आदेश पर समस्त 16 विकास खण्डों के खण्ड विकास अधिकारियों को सेक्टर मजिस्ट्रेट तथा उप जिलाधिकारीगण को तहसीलवार जोनल मजिस्ट्रेट नामित किया गया है तथा पशुपालन विभाग द्वारा समस्त विकास खण्डों में उपचार हेतु रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया है। डेडिकेटेड गो आश्रय स्थल बनाने हेतु तहसील देवरिया में कांजी हाऊस – बैकुण्ठपुर, सलेमपुर तहसील में नगर पंचायत सलेमपुर का चिन्हांकन किया गया है, जिसमें आवश्यकता पड़ने पर समस्त प्रोटोकाल (उपचार के साथ-साथ सेनेटाइजेशन, वेस्ट मैनेजमेंट एवं पौष्टिक आहार की व्यवस्था) का पालन किया जायेगा ISD संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने हेतु जनपद में संचालित गो आश्रय स्थलों / गो संरक्षण केन्द्रों कान्हा गोशालाओं, पंजीकृत / अपंजीकृत गोशालाओं तथा जनपदीय / अन्तर्राज्यीय सीमा से 02 किमी0 के अन्दर समस्त गोवंशीय / महिषवंशीय पशुओं में सघन टीकाकरण कराये जाने का निर्णय लिया गया है। उक्त टीकाकरण की कार्यवाही 19 सितंबर से प्रारम्भ कर 25 सितंबर तक होगी, जिसके अन्तर्गत प्रतिदिन 4000 टीके गोवंश में लगाये जायेंगे। इस हेतु टीम का गठन कर लिया गया है।
जनपद में अन्य जनपदों से गोवंशीय एवं महिषवंशीय पशुओं के परिवहन को पर पूर्णतः प्रतिबन्धित किया गया है तथा अग्रिम आदेशों तक गौवंशीय एवं महिषवंशीय पशुओं का कोई भी हाट / मेले का आयोजन नहीं किया जायेगा।

Popular Articles