देवरिया।
सनबीम स्कूल, देवरिया ने अपने 13वें वार्षिकोत्सव को बेहद भव्य और उत्साहपूर्ण तरीके से मनाया। इस मौके पर छात्रों ने सांस्कृतिक संध्या ‘जय संहिता – बेहतर कल के लिए कालातीत सबक’ के माध्यम से महाभारत की प्रासंगिकता और उसके संदेशों को वर्तमान परिदृश्य में प्रस्तुत किया। इस आयोजन का उद्देश्य मानवता, धर्म, और नैतिक मूल्यों की रक्षा के साथ आने वाली पीढ़ियों को एक बेहतर भविष्य का संदेश देना था।
कार्यक्रम के जरिए बताया गया कि अन्याय और अधर्म के विरुद्ध खड़ा होना मानव धर्म का हिस्सा है। साथ ही यह संदेश भी दिया गया कि युद्ध किसी समस्या का समाधान नहीं, बल्कि शांति और सौहार्द से ही दुनिया को बेहतर बनाया जा सकता है।
मुख्य अतिथियों का स्वागत
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि प्रोफेसर अजय शुक्ला (आंग्ल भाषा विभागाध्यक्ष, दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय, गोरखपुर) और अन्य विशिष्ट अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन से हुआ। विद्यालय की उपनिदेशिका श्रीमती नीतू मिश्रा ने स्वागत भाषण दिया।
इस मौके पर नगर पालिका अध्यक्षा श्रीमती अलका सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी श्रीमती शालिनी श्रीवास्तव, स्काउट एंड गाइड के जिला संगठन आयुक्त श्री आशुतोष शाह, और सनबीम स्कूल समूह के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने उपस्थिति दर्ज कराई।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की झलक
कार्यक्रम की शुरुआत ‘वीणा पुस्तक धारिणी वाणी मंगल करिणि’ सरस्वती वंदना से हुई, जिसमें माधवी, सिद्धि, प्रांजलि और अन्य छात्रों ने भाग लिया। इसके बाद ‘सुरों का संगम’ कार्यक्रम में भारतीय संगीत की विविध शैलियों का संगम देखने को मिला, जिसमें बच्चों ने “डगर चलत छेड़त श्याम सखी रे” और “अयि गिरि नंदिनि” जैसे गीतों की शानदार प्रस्तुति दी।
नर्सरी और केजी वर्ग के छात्रों ने ‘अतिथि देवो भव’ और ‘द कृष्णा विदिन’ जैसे कार्यक्रमों में नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
महाभारत के संदेशों का जीवंत प्रदर्शन
‘जयति सत्यम्’ और ‘लक्ष्य भेदन’ कार्यक्रमों के माध्यम से सत्य की विजय और लक्ष्य प्राप्ति के महत्व को दर्शाया गया। पांडवों और कौरवों के संघर्ष को दर्शाने वाला नृत्य ‘धर्माधर्म रथी’ और भगवान कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए गीता उपदेशों पर आधारित ‘गीतामृतम्’ ने महाभारत के संदेशों की वर्तमान प्रासंगिकता को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया।
नारी शक्ति का संदेश
कार्यक्रम ‘नारी शक्ति: पराशक्ति’ में महिला सशक्तिकरण का संदेश दिया गया। नाटिका ने यह दिखाने की कोशिश की कि आधुनिक नारी अब किसी भी अन्याय का डटकर मुकाबला करने में सक्षम है।
अन्य आकर्षण
आत्मरक्षा कौशल के अंतर्गत छात्रों ने ताइक्वांडो के जरिए ईंट तोड़ने, जिम्नास्टिक और सेल्फ डिफेंस का प्रदर्शन किया। इसके अलावा, ‘सेटर्ड लाइफ्स’ और ‘जय संहिता’ जैसी लघु नाटिकाओं ने मानवता और शांति का संदेश दिया।
कार्यक्रम का संचालन विद्यालय की शिक्षिका मधुमिता तिवारी और छात्रों की टीम ने किया। प्रधानाचार्य श्री अरविंद शुक्ला ने विद्यालय की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए अतिथियों और दर्शकों का धन्यवाद किया।
यह वार्षिकोत्सव न केवल छात्रों की प्रतिभा को प्रदर्शित करने का मंच बना, बल्कि समाज के लिए एक गहन संदेश भी छोड़ गया।