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Deoria News: महाकुंभ भगदड़ की शिकार महिला का शव पहुंचा घर, डीएम ने परिजनों को बंधाया ढांढस

देवरिया: प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेले के दौरान हुई भगदड़ की दर्दनाक घटना में जान गंवाने वाली महिला का शव शनिवार को उसके पैतृक गांव पहुंचा। जैसे ही शव गांव में पहुंचा, परिजनों में कोहराम मच गया और पूरे गांव का माहौल शोकाकुल हो गया। इस दुखद घटना की सूचना मिलते ही जिले के डीएम मौके पर पहुंचे और grieving परिवार को ढांढस बंधाने की कोशिश की।

महाकुंभ में हुआ था हादसा
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मृतक महिला अपने परिवार के साथ महाकुंभ मेले में स्नान के लिए गई थी। स्नान के दौरान अचानक मची भगदड़ में महिला गंभीर रूप से घायल हो गई थी। स्थानीय प्रशासन और सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत घायल महिला को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस हादसे की खबर सुनते ही परिवार के अन्य सदस्य प्रयागराज पहुंचे और कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद शव को गांव लाया गया।

गांव में पसरा मातम
महिला के शव के गांव पहुंचते ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। गांव के लोग भी बड़ी संख्या में उनके घर पहुंचे और परिवार को सांत्वना दी। मृतका के पति और बच्चों की हालत बेहद खराब थी, वे बार-बार बेसुध हो जा रहे थे। गांव में शोक का माहौल ऐसा था कि हर कोई इस असामयिक मृत्यु पर दुख व्यक्त कर रहा था।

प्रशासन ने दिया आश्वासन
घटना की गंभीरता को देखते हुए जिला अधिकारी (डीएम) भी मृतका के घर पहुंचे। उन्होंने grieving परिवार से मुलाकात की और उन्हें हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। डीएम ने बताया कि सरकार की ओर से पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि इस हादसे की विस्तृत जांच कराई जाएगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

परिवार की मांग
मृतका के परिजनों ने प्रशासन से उचित मुआवजे और बच्चों के भविष्य की सुरक्षा की मांग की है। उन्होंने कहा कि महिला ही परिवार की मुख्य कमाने वाली सदस्य थी और उसकी मौत से परिवार के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। डीएम ने परिवार को भरोसा दिलाया कि उनकी सभी जायज मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा और जल्द से जल्द सहायता प्रदान की जाएगी।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
गांव के लोगों ने प्रशासन से मेले के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की मांग की है। उनका कहना है कि इस तरह की घटनाएं प्रशासन की लापरवाही का नतीजा हैं। अगर समय रहते उचित प्रबंध किए गए होते, तो इस महिला की जान बचाई जा सकती थी। स्थानीय नेताओं ने भी इस घटना पर दुख जताया और प्रशासन से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।

सरकारी सहायता की प्रक्रिया शुरू
प्रशासन की ओर से पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। जिला अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार की नीति के अनुसार, इस तरह के हादसों में जान गंवाने वाले व्यक्तियों के परिवार को आर्थिक सहायता दी जाती है। इसके अलावा, मृतका के बच्चों की पढ़ाई और भविष्य की सुरक्षा के लिए भी विशेष योजनाएं बनाई जा रही हैं।


महाकुंभ में हुई इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर से बड़े आयोजनों में सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। जहां एक ओर धार्मिक आस्था के चलते लाखों लोग इन आयोजनों में भाग लेते हैं, वहीं दूसरी ओर सुरक्षा में चूक से कई परिवारों को अपूरणीय क्षति उठानी पड़ती है। प्रशासन को चाहिए कि भविष्य में इस तरह के आयोजनों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं ताकि किसी और परिवार को इस तरह के दर्द से न गुजरना पड़े।

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