देवरिया पुलिस ने एक बार फिर मानवीय संवेदना का उदाहरण पेश किया है। पुलिस अधीक्षक देवरिया संजीव सुमन के निर्देशन में कोतवाली पुलिस ने उस व्यक्ति का अंतिम संस्कार कराया, जिसके परिजनों ने शव लेने से ही इंकार कर दिया था। पूरे मामले में प्रभारी निरीक्षक कोतवाली विनोद कुमार सिंह की संवेदनशील पहल चर्चा का विषय बनी हुई है।

घटना की शुरुआत 28 नवंबर 2025 से हुई थी जब थाना बरहज क्षेत्र के छपरा नटुआ निवासी रामनक्षत्र उपाध्याय पुत्र स्वर्गीय परशुराम उपाध्याय किसी दुर्घटना में घायल हो गए थे। स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें मेडिकल कॉलेज देवरिया में भर्ती कराया गया। कई दिनों तक चले उपचार के बाद 5 दिसंबर 2025 की दोपहर रामनक्षत्र उपाध्याय की मृत्यु हो गई। नियम के अनुसार पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पंचायतनामा की कार्रवाई पूरी की और परिजनों को सूचना दी।
लेकिन यहां मामला तब संवेदनशील हो गया जब मृतक के परिजनों ने शव लेने से साफ इंकार कर दिया। परिजनों का कहना था कि मृतक ने अपनी सभी जमीन और संपत्ति पहले ही बेच दी थी, जिसके चलते वे हर तरह से स्वयं को असहाय बता रहे थे। पुलिस द्वारा कई बार आग्रह के बाद भी वे मॉर्चरी आने और शव प्राप्त करने के लिए तैयार नहीं हुए। नियमानुसार शव परीक्षण कराए जाने के बाद शव आरक्षी आदित्य यादव की मौजूदगी में मृतक के पते पर भेजा गया, लेकिन वहां भी परिजनों ने शव स्वीकार करने से इनकार कर दिया और अंतिम संस्कार तक करने से मना कर दिया।
इस कठिन और संवेदनशील स्थिति में प्रभारी निरीक्षक कोतवाली विनोद कुमार सिंह ने स्वयं आगे आकर मृतक के अंतिम संस्कार की पूरी जिम्मेदारी उठाई। उन्होंने मृतक की अंत्येष्टि के लिए आवश्यक प्रबंध कराए और धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार मुक्तिमार्ग सेवा संस्थान गौरा कटईलवा, बरहज देवरिया में मृतक रामनक्षत्र उपाध्याय का अंतिम संस्कार कराया। पुलिस के इस मानवीय कार्य की स्थानीय क्षेत्र में सराहना हो रही है। लोगों का कहना है कि समाज में जब अपने ही साथ छोड़ देते हैं तब ऐसी स्थितियों में पुलिस की मानवता ही किसी परिवारहीन व्यक्ति की अंतिम गरिमा बन जाती है।


