देवरिया, जमुना सदन: कोतवाली थाने में बृहस्पतिवार को तब हंगामा खड़ा हो गया जब प्रीति सिंह नामक किन्नर अपने साथी किन्नरों के साथ वहां पहुंची। उनका आरोप है कि उनका प्रेमी, जो बनकटा थाना क्षेत्र के ग्राम गोरया सोहनपुर का निवासी है, उन्हें धोखा देकर उनके साथ दुर्व्यवहार कर रहा है। प्रीति ने अपने प्रेमी पर बलात्कार और धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए थाने में केस दर्ज कराने की मांग की।
घटना का विवरण
प्रीति सिंह, जो शबनम की पुत्री हैं और सिंधी मिल, जमुना सदन की निवासी हैं, ने अपनी शिकायत में बताया कि उनका प्रेमी पहले उन्हें प्रेम के जाल में फंसाकर दिल्ली ले गया। वहां उसने प्रीति का लिंग परिवर्तन करा दिया। इसके बाद उसने प्रीति का शारीरिक और मानसिक शोषण करना शुरू कर दिया। प्रेमी ने प्रीति को शादी का वादा किया था, लेकिन अब वह अपने वादे से मुकर गया है।
पुलिस पर अनदेखी का आरोप
प्रीति ने कई बार कोतवाली पुलिस को तहरीर दी, लेकिन पुलिस ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। इस बात से नाराज होकर प्रीति और लगभग दस किन्नरों का समूह कोतवाली थाने पहुंचा और आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कराने की मांग की।
हंगामा और पुलिस का हस्तक्षेप
थाने में काफी देर तक हंगामा चलता रहा। किन्नरों ने जोरदार नारेबाजी की और पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया। स्थिति को संभालने के लिए पुलिस को दखल देना पड़ा। सीओ संजय रेड्डी ने किन्नरों को शांत कराने का प्रयास किया और उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी तहरीर पर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।
सीओ संजय रेड्डी ने बताया, “हमने प्रीति सिंह की तहरीर प्राप्त कर ली है और आरोपी की तलाश जारी है। हमने किन्नरों को समझा-बुझाकर शांत किया है और उन्हें भरोसा दिलाया है कि मामले की जांच निष्पक्ष और त्वरित रूप से की जाएगी।”
सामाजिक मुद्दे और न्याय की लड़ाई
इस घटना ने समाज में किन्नरों के अधिकारों और उनके साथ हो रहे दुर्व्यवहार पर भी सवाल खड़े किए हैं। यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं है, बल्कि एक पूरी समुदाय की लड़ाई है जो अपने अधिकारों और सम्मान के लिए संघर्ष कर रहा है। प्रीति का कहना है कि उन्होंने न्याय के लिए हर संभव प्रयास किया है, लेकिन अब तक उन्हें सिर्फ निराशा ही हाथ लगी है।
आगे की कार्रवाई
पुलिस का कहना है कि आरोपी की तलाश जारी है और जल्द ही उसे गिरफ्तार किया जाएगा। वहीं, किन्नर समुदाय ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो वे अपने संघर्ष को और भी तेज करेंगे।
यह मामला पुलिस और प्रशासन के लिए एक चुनौतीपूर्ण स्थिति बन गई है। अब देखना यह है कि प्रीति और उनके साथी किन्नरों को कब और कैसे न्याय मिलता है।