उत्तर प्रदेश का देवरिया जनपद इन दिनों भीषण गर्मी और उमस का सामना कर रहा है। तापमान में लगातार हो रही वृद्धि से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त होता जा रहा है। दिन चढ़ने के साथ ही तेज धूप और गर्म हवाएं लोगों को घरों में कैद रहने को मजबूर कर रही हैं। वहीं दूसरी ओर विद्युत आपूर्ति की भी स्थिति बेहतर नहीं है, जिससे परेशानी और बढ़ गई है। ऐसी स्थिति में ग्रामीण इलाकों के लोग राहत की तलाश में नदियों और तालाबों की ओर रुख कर रहे हैं। खासकर बरियारपुर के पास स्थित महुआ पाटन पुल के नीचे बह रही छोटी गंडक नदी इस समय लोगों के लिए गर्मी से निजात का प्रमुख साधन बन गई है।

हर दिन जैसे ही घड़ी में 10 बजते हैं, इस नदी के किनारे और पुल के नीचे लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती है। पुरुष, बच्चे और युवा समूहों में यहां पहुंचते हैं और नदी में स्नान कर गर्मी से राहत पाने की कोशिश करते हैं। स्नान के दौरान लोग काफी प्रसन्न नजर आते हैं और कुछ समय के लिए ही सही, लेकिन उन्हें तपती गर्मी से थोड़ी शांति मिलती है।
नदी में स्नान कर रहे स्थानीय निवासी अमित पांडे ने बताया कि “हम लोग इस उमस भरी गर्मी से काफी परेशान हो चुके हैं। घर में पंखा है, लेकिन बिजली नहीं है। कभी बिजली जाती है तो दो-दो घंटे तक वापस नहीं आती और जब आती भी है तो पांच-दस मिनट में फिर चली जाती है। ऐसे में चैन की सांस लेना मुश्किल हो गया है। इसलिए हम लोग रोजाना सुबह यहां स्नान के लिए आते हैं, जिससे शरीर को ठंडक मिलती है और दिनभर की गर्मी को झेलने की थोड़ी ताकत मिल जाती है।”
वहीं अन्य ग्रामीणों का भी यही कहना है कि सरकार को बिजली आपूर्ति व्यवस्था में सुधार करना चाहिए ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को कुछ राहत मिल सके। बच्चों और बुजुर्गों की हालत इस गर्मी में सबसे अधिक खराब हो रही है। न तो स्कूलों में पर्याप्त सुविधा है और न ही घरों में आराम की स्थिति।
महुआ पाटन पुल के नीचे की यह जगह धीरे-धीरे एक अस्थायी ‘समर डेस्टिनेशन’ बनती जा रही है। कई परिवार अब यहां साथ मिलकर आते हैं, स्नान करते हैं और कुछ घंटों तक नदी किनारे बैठकर गर्मी से बचने की कोशिश करते हैं। महिलाओं की संख्या भले ही कम हो, लेकिन कुछ महिलाएं भी अपने बच्चों के साथ यहां पहुंचती हैं।
गौरतलब है कि इस बार गर्मी ने अप्रैल के अंत से ही तीव्र रूप लेना शुरू कर दिया था और मई के महीने में तो पारा 42 से 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। बारिश की कमी और लगातार बढ़ते तापमान ने लोगों की परेशानियों को और भी बढ़ा दिया है। अगर स्थिति ऐसी ही बनी रही तो स्वास्थ्य समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं।
स्थानीय प्रशासन से लोगों की यह मांग है कि वे बिजली आपूर्ति की समस्या का जल्द समाधान करें और साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर शीतल जल और छांव की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इसके अलावा, नदियों और तालाबों की स्वच्छता पर भी ध्यान दिया जाना आवश्यक है, ताकि लोग सुरक्षित तरीके से इनका उपयोग कर सकें।
फिलहाल के लिए छोटी कंटक नदी लोगों की गर्मी से लड़ने की एक उम्मीद बनकर उभरी है, लेकिन यह स्थायी समाधान नहीं है। जब तक बुनियादी सुविधाओं में सुधार नहीं किया जाता, तब तक हर साल ऐसी ही स्थिति ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को मिलती रहेगी।