मथुरा के मांट टोल प्लाजा पर सोमवार रात पुलिस ने दिल्ली से देवरिया की ओर जा रही एक कार को चेकिंग के दौरान रोका और उसमें से भारी मात्रा में सोने के आभूषण बरामद किए। ये आभूषण मिठाई के सात डिब्बों में छिपाकर रखे गए थे। कार के अंदर से कुल 12 किलो 300 ग्राम वजन के सोने के आभूषण मिले, जिनकी कीमत करीब 10 करोड़ रुपये आंकी गई है। इन आभूषणों को दिल्ली के एक सराफा कारोबारी विवेक गुप्ता और उनके साथी रमेश द्वारा देवरिया ले जाया जा रहा था। पूछताछ के दौरान सोने से संबंधित कोई भी वैध दस्तावेज नहीं दिखा सके, जिसके बाद पुलिस ने आभूषणों को जब्त कर लिया और कोषागार में जमा करा दिया।
दिल्ली के शकरपुर निवासी विवेक गुप्ता एक जाने-माने सराफा कारोबारी हैं, जिनके रिश्तेदार देवरिया में भी सराफा के व्यवसाय में हैं। विवेक अपने मित्र रमेश के साथ बिहार के सिवान जिले से देवरिया के लिए इंडिवर कार में निकले थे। सोमवार रात को जब उनकी कार मथुरा के मांट टोल प्लाजा पर पहुंची, तब वहां मौजूद पुलिस ने चेकिंग के लिए उन्हें रोक लिया। कार में मिठाई के डिब्बे देख पुलिस को शक हुआ और उन्होंने इन्हें खोलकर देखा तो उनमें सोने के आभूषण भरे हुए थे। इसके बाद पुलिस ने कार चालक विवेक गुप्ता और रमेश से सोने के स्रोत और वैधता के बारे में जानकारी मांगी, लेकिन वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके।
इस मामले की जानकारी जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह को दी गई, जिसके बाद जीएसटी विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई। जीएसटी सहायक आयुक्त करतार सिंह के नेतृत्व में टीम ने विवेक गुप्ता से आभूषणों के बिल और अन्य वैध दस्तावेज मांगे, लेकिन विवेक कोई दस्तावेज नहीं दिखा सके। इसके बाद टीम ने सोने के आभूषणों और कार को जब्त कर लिया। इन आभूषणों को 16 प्लास्टिक के डिब्बों में पैक करके रखा गया था, जिनका कुल वजन 12 किलो 300 ग्राम है और इनकी अनुमानित कीमत 10 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है। मंगलवार को जीएसटी टीम ने इन आभूषणों को जिला कोषागार में जमा करा दिया।
मथुरा के कारोबारी का भतीजा निकला कार चालक
पूछताछ में सामने आया कि कार चालक विवेक गुप्ता मथुरा के एक बड़े कारोबारी का भतीजा है, जो देवरिया में सराफा का व्यवसाय करते हैं। इस संबंध में मथुरा का एक अन्य कारोबारी भी मौके पर पहुंचा और उसने विवेक को अपना भतीजा बताया। उसने पुलिस को जानकारी दी कि उसके भाई भी दिल्ली और देवरिया में सराफा का काम करते हैं और पकड़े गए सोने में कुछ हिस्सा उनका भी है। हालांकि, दस्तावेजों की मांग पर वह भी कोई वैध प्रमाण नहीं दे सका और कुछ देर बाद वहां से गायब हो गया।
जाँच के बाद आगे की कार्रवाई
पुलिस और जीएसटी टीम ने इस मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। फिलहाल, सोने के आभूषणों को जिला कोषागार में जमा कर दिया गया है और कार को थाने में खड़ा कर दिया गया है। दोनों व्यक्तियों को छोड़ दिया गया है, लेकिन मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए आगे की कार्रवाई जारी है।