भाटपार रानी, देवरिया । उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में एक हृदय विदारक घटना सामने आई है, जहां भटनी थाना क्षेत्र के छपरा नोनापार के रहने वाले पांच युवक छोटी गंडक नदी में डूब गए। इस हादसे में एक युवक की मौत हो गई, जबकि चार युवकों की हालत नाजुक बनी हुई है। सभी घायलों को महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज, देवरिया में भर्ती कराया गया है।

घटना का विवरण:
वृहस्पतिवार की दोपहर करीब 12 बजे के आसपास, छपरा नोनापार के पांच युवक कुर्मौटा ठाकुर स्थित गंडक नदी में नहाने गए थे। नहाने के दौरान, अचानक एक युवक नदी के गहरे पानी में डूबने लगा। उसकी मदद के लिए बाकी चार युवक भी बिना सोचे-समझे नदी में कूद पड़े। परन्तु, उनकी हर संभव कोशिश के बावजूद, 22 वर्षीय मनीष तिवारी की जान नहीं बचाई जा सकी और उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
मनीष की मौत के बाद बाकी युवक भी डूबने लगे। इसी दौरान, नदी किनारे मौजूद मल्लाह श्यामलाल सैनी ने साहस दिखाते हुए तुरंत नदी में छलांग लगाई और बाकी चारों युवकों को बाहर निकाला। इस घटना की जानकारी मिलते ही भटनी थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे और चारों युवकों को तत्काल महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज, देवरिया में भर्ती कराया। वहां चिकित्सकों ने बताया कि सभी की हालत गंभीर है।
परिजनों का हाल:
इस दुखद घटना के बाद मृतक मनीष तिवारी के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। मनीष अपने परिवार का इकलौता बेटा था और उसकी अचानक मृत्यु ने पूरे परिवार को गहरे शोक में डाल दिया है। मनीष के पिता बिहारी तिवारी ने बताया कि मनीष का सपना था कि वह अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधार सके, लेकिन इस हादसे ने उनके सपनों को चकनाचूर कर दिया।
सावधानी और चेतावनी:
गंडक नदी के किनारे नहाने गए युवकों की इस दुखद घटना ने एक बार फिर जल सुरक्षा के महत्व को उजागर किया है। नदी किनारे नहाते समय सावधानी बरतना अत्यंत आवश्यक है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे सुरक्षित स्थानों पर ही नहाएं और गहरे पानी में जाने से बचें।
प्रशासन की प्रतिक्रिया:
भटनी थाना प्रभारी ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा, “यह एक अत्यंत दुखद घटना है और इससे हमें सीख लेने की आवश्यकता है। हम सभी से अनुरोध करते हैं कि नदी या किसी अन्य जल स्रोत पर नहाते समय पूरी सावधानी बरतें। इस प्रकार की घटनाएं दुखद और अस्वीकार्य हैं।”
अंतिम संस्कार और आगे की कार्रवाई:
मनीष तिवारी के शव को पोस्टमार्टम के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया गया है। पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। मृतक मनीष तिवारी का अंतिम संस्कार गांव के श्मशान घाट पर किया गया, जहां बड़ी संख्या में ग्रामीण और उनके मित्र उपस्थित थे।
यह घटना न केवल एक परिवार के लिए बल्कि पूरे गांव के लिए एक बड़ा सदमा है। जल सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने की आवश्यकता अब पहले से कहीं अधिक है ताकि इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके और कीमती जीवनों की रक्षा की जा सके।