उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से प्राथमिक विद्यालयों को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार की इन कोशिशों का असर अब जमीन पर साफ नजर आने लगा है। खासतौर पर देवरिया जिले के कई सरकारी स्कूल आज प्राइवेट स्कूलों को भी पीछे छोड़ते नजर आ रहे हैं। यहां बेहतर शिक्षा, प्रशिक्षित शिक्षक और मुफ्त सुविधाएं मिल रही हैं, जिसकी वजह से अब अभिभावक अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल की बजाय सरकारी स्कूलों में दाखिला दिलाने लगे हैं।

देवरिया जनपद के विभिन्न सरकारी स्कूलों में ‘स्कूल चलो अभियान’ भी चलाया जा रहा है, जिसके तहत अभिभावकों को सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता और सुविधाओं के बारे में जागरूक किया जा रहा है। इन स्कूलों में वार्षिक उत्सवों और कार्यक्रमों के माध्यम से अच्छे अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को सम्मानित भी किया जा रहा है, जिससे छात्रों का मनोबल बढ़ रहा है और वे शिक्षा के प्रति अधिक जागरूक हो रहे हैं।
भाटपार रानी तहसील क्षेत्र के विकासखंड बनकटा के पिपरा बघेल प्राथमिक विद्यालय में हाल ही में वार्षिक उत्सव कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें टॉप करने वाले छात्रों को शील्ड देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में ग्राम प्रधान समेत कई सम्मानित लोग उपस्थित रहे। विद्यालय के प्रबंधक ने बताया कि सरकारी विद्यालयों में नियुक्त शिक्षक उच्च शिक्षा प्राप्त होते हैं और नियुक्ति से पहले कई कठिन परीक्षाएं पास करते हैं। इसके बाद उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है, जिससे वे छात्रों को बेहतर ढंग से पढ़ा पाते हैं। इसके विपरीत, प्राइवेट स्कूलों में कई बार यह तय नहीं होता कि वहां पढ़ाने वाले शिक्षक वास्तव में योग्य हैं या नहीं।
प्रबंधक ने यह भी बताया कि पिपरा बघेल प्राथमिक विद्यालय में शिक्षा के स्तर को निरंतर ऊंचा उठाने का प्रयास किया जा रहा है। यहां बच्चों को न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा रही है, बल्कि खेलकूद की सामग्री, मुफ्त पाठ्यपुस्तकें और मिड-डे मील जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं। इससे अभिभावकों पर आर्थिक बोझ कम पड़ता है और वे अपने बच्चों को बिना किसी झिझक के सरकारी स्कूलों में भेज रहे हैं।
सरकारी विद्यालयों की बढ़ती गुणवत्ता और सुविधाओं को देखते हुए अब समाज का नजरिया भी बदल रहा है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि देवरिया जैसे जिलों में सरकारी स्कूल अब शिक्षा के क्षेत्र में नई मिसाल कायम कर रहे हैं। यहां के शिक्षक, प्रशासन और अभिभावकों के सामूहिक प्रयासों से सरकारी स्कूलों की छवि पूरी तरह बदलती जा रही है।
अब समय आ गया है कि अभिभावक सरकारी स्कूलों पर विश्वास करें और अपने बच्चों का दाखिला इन स्कूलों में कराएं, जहां बेहतर शिक्षा, प्रशिक्षित शिक्षक और मुफ्त सुविधाएं उनके भविष्य को संवारने का काम कर रही हैं।