उत्तर प्रदेश सरकार पूरे प्रदेश में विकास कार्यों की रफ्तार बढ़ाने का दावा कर रही है, लेकिन देवरिया जनपद अब भी बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रहा है। खासतौर पर यहां के लोगों को एक आधुनिक बस स्टेशन का वादा वर्षों से किया जा रहा है, लेकिन आज तक यह पूरा नहीं हुआ। देवरिया में एक पुराना बस अड्डा तो मौजूद है, लेकिन वह सुविधाओं के लिहाज से बेहद जर्जर हालत में है। नया बस स्टेशन बनाने की बात कई वर्षों से चल रही है, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
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नया बस स्टेशन बनाने की घोषणा, लेकिन कार्य अधर में
देवरिया के लिए एक नए और आधुनिक बस स्टेशन की घोषणा कई वर्षों पहले की गई थी। बताया गया था कि यह बस स्टेशन प्रदेश में एक मिसाल बनेगा और यात्रियों को बेहतरीन सुविधाएं दी जाएंगी। लेकिन 2025 के दो महीने बीत जाने के बाद भी कोई निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ। बस स्टेशन के लिए जमीन की कोई कमी नहीं है, फिर भी अब तक यह स्पष्ट नहीं हो सका कि निर्माण कार्य क्यों रुका हुआ है।
यात्रियों को हो रही भारी दिक्कतें
देवरिया में यात्रियों को बस पकड़ने के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पुराने बस अड्डे पर यात्रियों के लिए बैठने की समुचित व्यवस्था नहीं है, शेड की कमी के कारण गर्मी, ठंड और बारिश में लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती है। सबसे बड़ी समस्या यह है कि बसों की सही जानकारी देने के लिए कोई डिजिटल बोर्ड या गाइडलाइन नहीं है, जिससे यात्रियों को बस के सही रूट की जानकारी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है।
क्या है देरी की असली वजह?
अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि देवरिया में नया बस स्टेशन बनने में देरी क्यों हो रही है। फंड की कमी है या प्रशासनिक स्तर पर कोई अड़चन है, इस बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। न ही किसी जनप्रतिनिधि की ओर से इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया आई है। यात्रियों और स्थानीय नागरिकों का कहना है कि अगर जल्द ही इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की गई, तो देवरिया की जनता को फिर से उसी बदहाल बस अड्डे का सामना करना पड़ेगा।
जनता को अब भी इंतजार
देवरिया के लोगों को एक बेहतर और आधुनिक बस स्टेशन की उम्मीद थी, लेकिन सालों बीतने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। शहर में जगह की कोई कमी नहीं है, बावजूद इसके नया बस स्टेशन नहीं बन पाया है। अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या सरकार और प्रशासन इस ओर ध्यान देगा, या फिर देवरिया के लोग आगे भी बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष करते रहेंगे।