देवरिया, जून। जिलाधिकारी अखण्ड प्रताप सिंह की अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रेट सभागार में जिला वृक्षारोपण समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में आगामी जुलाई माह में होने वाले वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा की गई। इस वर्ष जनपद में कुल 31,57,360 पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। साथ ही डीएम ने गत वर्ष हुए पौधरोपण के पश्चात जीवित बचे पौधों का ब्यौरा भी तलब किया। उन्होंने कहा कि पौधारोपण के पश्चात जिन क्षेत्रों के हरित क्षेत्र में वृद्धि हुई है, उससे जनपदवासियों को अवगत कराया जाए। इससे जन सहभागिता बढ़ेगी और इस वर्ष का वृक्षारोपण कार्यक्रम भी अपने उद्देश्यों की पूर्ति में सफल हो सकेगा।
जिलाधिकारी ने बताया कि जुलाई माह में जनपद में हरियाली का दायरा बढ़ाने के लिए बृहत अभियान चलाया जाएगा। कुल 23,32,360 पौधों का रोपण जिला प्रशासन के विभिन्न विभागों द्वारा तथा 8,25,000 पौधों का रोपण वन विभाग द्वारा किया जाना है। डीएम ने कहा कि पौधा रोपने के लिए गड्ढों की खुदाई समय रहते कर ली जाए, जिससे वृक्षारोपण के लिए भूमि की उर्वरा शक्ति अनुकूलतम स्थिति में पहुँच जाए।
जिलाधिकारी ने नगरीय क्षेत्रों में मियावाकी विधि से पौधरोपण करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि मियावाकी फॉरेस्ट का क्षेत्रफल न्यूनतम 10 वर्ग मीटर हो सकता है और इसके लिए 45-50 दिन पूर्व भूमि पर तैयारी शुरू हो जाती है। उन्होंने ईओ नगर पालिका देवरिया को आवश्यक तैयारी पूर्ण करने का निर्देश दिया।
जिलाधिकारी ने सोशल फॉरेस्ट्री के अंतर्गत मिलिया डुबिया प्रजाति के पौधों को किसानों को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। यह पौधा सात वर्ष में तैयार हो जाता है और इसकी लकड़ी महंगी बिकती है। इसे किसान खेतों के मेड़ों पर लगा सकते हैं। इसके अतिरिक्त बेसिक शिक्षा विभाग, आईसीडीएस एवं स्वास्थ्य विभाग सहजन का पौधा लगाएंगे।
वृक्षारोपण के उपरांत पौधों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी व्यापक प्रबंध किए जाएं। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण सिर्फ रस्म अदायगी भर न रहे बल्कि जनपद के हरित क्षेत्र में शासन की मंशा के अनुरूप वृद्धि दिखनी भी चाहिए। उन्होंने समस्त अधिकारियों को चेतावनी भी दी कि वृक्षारोपण जमीन पर वास्तविक रूप में होना चाहिए न कि सिर्फ कागजी कार्यवाही तक सीमित रहे। वे स्वयं वृक्षारोपण स्थलों का निरीक्षण कर वास्तविकता को परखेंगे और कमी मिलेगी तो कार्रवाई भी की जाएगी।
उन्होंने उद्यान विभाग को निर्देशित किया कि लक्ष्य के सापेक्ष पौधों की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। फलदार एवं वाणिज्यिक उपयोग वाले पौधों की मांग के सापेक्ष उपलब्धता होना अत्यंत आवश्यक है। वृक्षारोपण कार्यक्रम में जन भागीदारी को भी प्रोत्साहन दिया जाए। व्यापक जनभागीदारी से ही अभियान की सफलता सुनिश्चित होगी।
सामाजिक वानिकी प्रभाग, देवरिया के प्राभागीय निदेशक जगदीश आर. ने बताया कि वन विभाग 8,25,000, ग्राम्य विकास विभाग 13,53,000, राजस्व विभाग 1,13,000, पंचायतीराज विभाग 1,37,000, कृषि विभाग 2,90,000, उद्यान विभाग 1,66,000, उच्च शिक्षा विभाग 15,000, लोक निर्माण विभाग 9,000, नगर विकास विभाग 23,000, सहकारिता विभाग 6,020, पुलिस विभाग 5,040, परिवहन विभाग 2,200, श्रम विभाग 2,300, प्राविधिक शिक्षा 4,000, बेसिक शिक्षा 24,000, माध्यमिक शिक्षा 8,000, ऊर्जा विभाग (विद्युत विभाग) 2,800, उद्योग विभाग 7,000, पशुपालन विभाग 4,000, जल शक्ति विभाग (सिंचाई विभाग) 9,000, औद्योगिक विकास विभाग 4,000, पर्यावरण विभाग 1,42,000, स्वास्थ्य विभाग 6,000 पौधे लगाएगा।
बैठक में सीएमओ डॉ. राजेश झा, एडीएम (प्रशासन) गौरव श्रीवास्तव, डीपीआरओ सर्वेश कुमार पांडेय, डीसी मनरेगा आलोक पांडेय, एआरटीओ आशुतोष शुक्ला, जिला उद्यान अधिकारी राम सिंह यादव, बीएसए शालिनी श्रीवास्तव, श्रम प्रवर्तन अधिकारी शशि सिंह और अन्य विभिन्न अधिकारी मौजूद थे।