आज से शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ हो गया है, जो हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह पर्व देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का प्रतीक है और इसे श्रद्धालुओं द्वारा पूरे विधि-विधान से मनाया जाता है। आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी तिथि तक चलने वाले इस पर्व की शुरुआत कलश स्थापना के साथ होती है। कलश स्थापना के शुभ मुहूर्त में मां दुर्गा की पूजा और अनुष्ठान आरंभ होते हैं। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की आराधना की जाती है, जो मां दुर्गा का प्रथम स्वरूप हैं।
देवरिया जनपद के दुर्गा मंदिरों में इस पर्व का उत्साह देखने लायक है। जिले के प्रमुख दुर्गा मंदिरों में अहिल्यापुर, देवरही, भटनी के जलपा माता मंदिर, मठिया दुर्गा मंदिर, और लहीपर दुर्गा मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। सुबह से ही भक्तगण अपनी आस्था के साथ मंदिरों में आकर मां दुर्गा की पूजा-अर्चना कर रहे हैं। हर मंदिर को विशेष रूप से फूलों की माला और रोशनी से सजाया गया है, जिससे वहां का माहौल पूरी तरह भक्ति से ओतप्रोत हो गया है।
देवरिया जिले के अहिल्यापुर स्थित दुर्गा मंदिर की विशेष पहचान है। यहां श्रद्धालुओं की आस्था और भक्ति का अनोखा दृश्य देखने को मिलता है। इस मंदिर में दूर-दूर से भक्त पूजा करने आते हैं। अहिल्यापुर मंदिर का ऐतिहासिक महत्व भी है, जिसके कारण यहां पूरे नवरात्रि भर भक्ति की लहर देखने को मिलती है। मंदिर के पुजारियों और स्थानीय लोगों के अनुसार, यहां मां दुर्गा की आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
शारदीय नवरात्रि का पुराणों में भी विशेष उल्लेख मिलता है। मान्यता है कि इस पर्व का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व है। नवरात्रि के दसवें दिन विजयादशमी मनाई जाती है, जिसे दशहरा भी कहा जाता है। इस दिन रावण दहन की परंपरा चली आ रही है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। देवरिया के मंदिरों में भी दशहरे का उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, जहां भक्तजनों की भीड़ उमड़ती है।
भक्तों की भीड़ और आस्था के चलते प्रशासन ने भी विशेष इंतजाम किए हैं। पुलिस और अन्य सुरक्षाकर्मियों की तैनाती मंदिरों में की गई है ताकि किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो।
देवरिया के अन्य प्रमुख मंदिरों में भी शारदीय नवरात्रि के पहले दिन की भव्यता देखने को मिली। जलपा माता मंदिर और भटनी के अन्य दुर्गा मंदिरों में भी भक्तों का सैलाब उमड़ा। इन मंदिरों की सजावट भी विशेष रूप से की गई है, जहां फूलों की महक और घंटियों की आवाज ने माहौल को और भी पवित्र बना दिया है। भक्तों ने सुबह-सवेरे से ही मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की, मां दुर्गा की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित किए और अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की।
देवरिया के लहीपर दुर्गा मंदिर में भी भक्तों की लंबी कतारें देखी गईं। भक्तों का कहना है कि नवरात्रि का पर्व उनके जीवन में नई ऊर्जा और सकारात्मकता लेकर आता है। इस अवसर पर मंदिरों में भंडारे और विशेष अनुष्ठानों का आयोजन किया गया है, जहां सैकड़ों भक्त शामिल हो रहे हैं। इन भंडारों में देवी मां का प्रसाद वितरण किया गया और सभी ने इसे बड़े ही श्रद्धा के साथ ग्रहण किया।
देवरिया जनपद के दुर्गा मंदिरों में नवरात्रि के पहले दिन से लेकर नवमी तक अनवरत रूप से पूजा-अर्चना और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर भक्ति संगीत, कीर्तन और देवी गीतों की भी विशेष प्रस्तुतियां की जा रही हैं। श्रद्धालुओं ने मंदिरों में अपनी-अपनी मनोकामनाएं मांगी और देवी मां से आशीर्वाद प्राप्त किया। शरद नवरात्रि की शुरुआत भक्तों के लिए एक नई उमंग और उत्साह लेकर आई है, जिससे देवरिया के हर मंदिर में भक्ति का सैलाब उमड़ पड़ा है।