देवरिया: खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग, जनपद देवरिया द्वारा एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया है। अभिसूचना के आधार पर शनिवार को भाटपार रानी क्षेत्र में एक अवैध रूप से संचालित पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर निर्माण इकाई पर छापेमारी की गई। यह कार्रवाई सहायक आयुक्त (खाद्य) द्वितीय, जनपद देवरिया के नेतृत्व में की गई। टीम में मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी राजीव मिश्र, खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्री राम यादव एवं घनश्याम वर्मा शामिल रहे।

जांच के दौरान यह पाया गया कि यह निर्माण इकाई बिना किसी वैध लाइसेंस के “जल वेग” नामक ब्रांड के तहत पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर का उत्पादन कर रही थी। नियमों के अनुसार पैकेज्ड वाटर का निर्माण केवल वैध लाइसेंस प्राप्त करने के बाद ही किया जा सकता है, लेकिन इस इकाई ने न तो आवश्यक लाइसेंस लिया था और न ही गुणवत्ता नियंत्रण से संबंधित मानकों का पालन किया था।
कार्रवाई के दौरान ब्रांड “जल वेग” के एक नमूने को जांच के लिए संग्रहित किया गया है। साथ ही विनिर्माण इकाई में पाए गए 1022 लीटर तैयार पैकेज्ड पानी को जब्त कर लिया गया। जब्त किए गए पानी की अनुमानित बाजार कीमत लगभग ₹12,300 बताई जा रही है। इसके अतिरिक्त, वहां स्थापित उत्पादन मशीनों को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया गया और उत्पादन कार्य को बंद करवा दिया गया।
खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार इस तरह की अवैध गतिविधियों से आमजन की सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। बिना मानक परीक्षणों के निर्मित और वितरित किया गया पेयजल न केवल अस्वास्थ्यकर होता है बल्कि गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकता है। ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाती है ताकि भविष्य में इस तरह की गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सके।
खाद्य विभाग के अधिकारियों ने यह भी बताया कि जल आपूर्ति और पैकेजिंग से जुड़े उद्योगों की नियमित निगरानी की जाएगी और बिना लाइसेंस संचालित किसी भी इकाई पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। आम नागरिकों से भी अपील की गई है कि वे पैकेज्ड वाटर खरीदते समय उसके ब्रांड, लाइसेंस नंबर और निर्माण की जानकारी अवश्य जांच लें।
इस छापेमारी से क्षेत्र में हड़कंप मच गया है और अन्य ऐसे अवैध इकाइयों पर भी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है। विभाग की इस तत्परता की सराहना की जा रही है, जिसने जनहित में एक बड़ा कदम उठाया है।
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