देवरिया शिक्षा से ही लाया जा सकता है जीवन में बदलाव- अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, तथा सिविल जज (जे0डी0) द्वारा राजकीय बाल गृह का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश छाया नैन द्वारा निर्देशित किया गया कि बच्चों के उनके पौष्टिक भोजन पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत हैं, जिसके लिये समय-समय पर उचित खान-पान की व्यवस्था के साथ-साथ व्यायाम कराया जायें। उन्होने कहा कि शिक्षा से ही इन बच्चों के जीवन कों व्यवस्थित करके बदलाव किया जा सकता है।


अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के द्वारा बच्चों के शिक्षा के गुणवत्ता में सुधार कर उनको अध्ययन कराने हेतु सम्बन्धित को निर्देशित किया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मंजू कुमारी ने राजकीय बाल गृह के बच्चों कों उनके परिजनों से नियमानुसार मिलवाने हेतु सम्बन्धित को आवश्यक दिशा निर्देश दिया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा पाठशाला का निरीक्षण करतें हुये बच्चों को उनके अध्ययन का निरीक्षण किया गया और उनके पठन-पाठन के कार्य को और सुदृढ़ करने का निर्देश दिया गया, उन्होने राजकीय बाल गृह को निर्देशित करतें हुये कहा कि बच्चों के द्वारा किये गयें क्षम्य कार्यो के प्रति उदार रवैया अपनाया जायें।


सिविल जज (जे0डी0) समाली मित्तल द्वारा बच्चों के स्वास्थ्य के लिए उनकी नियमित जाॅच किये जाने हेतु सम्बन्धित को दिशा-निर्देश दिया। इस निरीक्षण में मुख्य रूप से अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश छाया नैन, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मंजू कुमारी, सिविल जज (जे0डी0) समाली मित्तल राजकीय बाल गृह देवरिया के प्रभारी अधीक्षक रामकृपाल, व अन्य सम्बन्धित कर्मचारीगण उपस्थित रहें।

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