दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव हुआ है, जहां रेखा गुप्ता को राज्य की नई मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया है। पहली बार विधायक बनीं रेखा गुप्ता का राजनीतिक सफर और पारिवारिक पृष्ठभूमि लोगों के लिए प्रेरणास्पद है। आइए जानते हैं उनके जीवन के बारे में विस्तार से।

परिवारिक पृष्ठभूमि
रेखा गुप्ता का जन्म 1974 में हरियाणा के जींद जिले के नंदगढ़ गांव में हुआ था। उनके दादा आढ़त का कारोबार करते थे, जबकि उनके पिता बैंक में प्रबंधक थे। उनकी माता एक गृहिणी थीं। जब रेखा केवल दो वर्ष की थीं, तब उनका परिवार दिल्ली आकर बस गया।
रेखा गुप्ता के पति मनीष गुप्ता एक व्यवसायी हैं और स्पेयर पार्ट्स के कारोबार से जुड़े हैं। उनके दो बच्चे हैं—बेटा निकुंज गुप्ता, जो अपनी पढ़ाई कर रहा है, और बेटी हर्षिता गुप्ता, जो अपने पिता के व्यवसाय में मदद करती हैं।
शिक्षा और प्रारंभिक जीवन
दिल्ली में पली-बढ़ी रेखा गुप्ता ने अपनी स्नातक की पढ़ाई दौलत राम कॉलेज से पूरी की। कॉलेज के दौरान ही उनका झुकाव राजनीति की ओर हुआ और 1992 में वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़ गईं।
1995-96 में उन्हें दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) की सचिव चुना गया और 1996-97 में अध्यक्ष बनीं। इसके बाद उन्होंने कानून की पढ़ाई भी की और पूरी तरह से राजनीति में सक्रिय हो गईं।
राजनीतिक सफर
रेखा गुप्ता का राजनीतिक सफर काफी दिलचस्प रहा है। उन्होंने 2007 में उत्तरी पीतमपुरा से पार्षद के रूप में चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 2010 में उन्हें भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में स्थान मिला।
2015 और 2020 में उन्होंने शालीमार बाग विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा लेकिन सफलता नहीं मिली। लेकिन 2025 के चुनाव में उन्होंने शानदार जीत दर्ज की और विधायक बनीं।
भाजपा ने 2022 में उन्हें दिल्ली नगर निगम (MCD) के मेयर पद के लिए उम्मीदवार भी बनाया था। हालांकि, तब वे यह चुनाव नहीं जीत सकीं, लेकिन इससे उनकी लोकप्रियता में वृद्धि हुई।
मुख्यमंत्री बनने का सफर
दिल्ली में भाजपा की जीत के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए कई नामों पर चर्चा हुई। अंततः पार्टी ने रेखा गुप्ता पर भरोसा जताया और उन्हें मुख्यमंत्री बनाया। उनकी साफ-सुथरी छवि, संगठनात्मक क्षमता और जनता के बीच लोकप्रियता के कारण यह निर्णय लिया गया।
रेखा गुप्ता के मुख्यमंत्री बनने से दिल्ली में महिला सशक्तिकरण को नया बल मिलेगा। भाजपा ने इस फैसले से यह भी संकेत दिया है कि पार्टी महिलाओं को बड़े पदों पर जिम्मेदारी देने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
परिवार की प्रतिक्रिया
रेखा गुप्ता के मुख्यमंत्री बनने की खबर से उनका परिवार बेहद खुश है। उनकी सास ने इस अवसर पर कहा कि उन्हें पहले से ही विश्वास था कि रेखा एक दिन बड़े पद तक जरूर पहुंचेंगी। उनके पड़ोसी और रिश्तेदार भी उनकी सफलता पर गर्व महसूस कर रहे हैं।
रेखा गुप्ता का जीवन संघर्ष, मेहनत और सफलता की कहानी है। उनके पारिवारिक संस्कार, शिक्षा और राजनीतिक अनुभव ने उन्हें इस ऊंचाई तक पहुंचाया है। दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में उनकी नियुक्ति यह दिखाती है कि अगर सच्ची लगन और मेहनत हो, तो कोई भी व्यक्ति किसी भी मुकाम तक पहुंच सकता है।