Banaras News: बनारस कोचिंग डिपो में अचानक लगी आग उसके बादज हुआ

24 अक्टूबर 2024 को वाराणसी मंडल के बनारस कोचिंग डिपो में एक व्यापक मॉकड्रिल अभ्यास का आयोजन किया गया, जिसमें रेलवे के संरक्षा विभाग और एनडीआरएफ की 11वीं बटालियन ने भाग लिया। यह मॉकड्रिल आपदा प्रबंधन और रेल दुर्घटनाओं से निपटने के लिए संयुक्त रूप से किया गया, जिसका उद्देश्य दुर्घटनाओं में त्वरित प्रतिक्रिया, बचाव कार्य, और राहत प्रबंधन की दक्षता को परखना था।

मॉकड्रिल की शुरुआत 12:00 बजे हुई, जिसमें मंडल रेल प्रबंधक श्री विनीत कुमार श्रीवास्तव, अपर मंडल रेल प्रबंधक (इन्फ्रा) श्री रोशन लाल यादव, वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी श्री बलेन्द्र पाल सहित कई उच्च अधिकारी और विशेषज्ञ उपस्थित रहे। इस अभ्यास में एनडीआरएफ की टीम का नेतृत्व डिप्टी कमांडेंट श्री रामभवन सिंह ने किया।

मॉकड्रिल की घटना और प्रतिक्रिया

मॉकड्रिल के तहत 11:27 बजे कंट्रोल रूम से सूचना प्राप्त हुई कि गाड़ी संख्या अप MDB स्पेशल का पांचवां कोच बनारस-वाराणसी खंड के वाशिंग पिट के पास चार चक्कों से डिरेल हो गया है। इसके साथ ही स्लीपर कोच संख्या 90281 के एस-05 में आग लगने की सूचना प्रसारित की गई, जिसमें 09 यात्रियों के गंभीर रूप से घायल होने की खबर आई।

सूचना मिलते ही, दुर्घटना राहत यान (ART), चिकित्सा राहत यान (ARME), एनडीआरएफ, अग्निशामक बल, जिला प्रशासन और स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंच गए। रेलवे के दुर्घटना मैनुअल के दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी संबंधित विभागों ने अपनी-अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया।

राहत और बचाव कार्य

घटनास्थल पर पहुंचने के बाद, अग्निशमन विभाग ने तुरंत आग बुझाने का कार्य शुरू किया। रेलवे और एनडीआरएफ के विशेषज्ञों ने तकनीकी उपकरणों का इस्तेमाल कर प्रभावित यात्रियों को सुरक्षित निकाला। घायलों को प्राथमिक चिकित्सा दी गई, जिसमें 06 गंभीर रूप से घायल यात्रियों को अस्पताल भेजा गया और 03 मामूली रूप से घायल यात्रियों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।

इस दौरान दुर्घटना स्थल पर टावर लाइट्स और जनरेटर का इस्तेमाल कर रोशनी की व्यवस्था की गई। यात्रियों को पानी और अन्य जरूरी सेवाएं भी प्रदान की गईं। इमरजेंसी नंबर जारी किए गए ताकि यात्रियों के परिजन सही जानकारी प्राप्त कर सकें।

दुर्घटना की समीक्षा और जिम्मेदारियों का निर्वहन

मॉकड्रिल के अंत में, दुर्घटना की प्लॉटिंग की गई और आपातकालीन खिड़कियां खोलकर यात्रियों को सुरक्षित निकाला गया। क्रेन और आपदा प्रबंधन के उपकरणों का इस्तेमाल कर ट्रैक को साफ किया गया, कोच की बहाली की गई, और सामान्य रेल सेवा को पुनः चालू किया गया। इस दौरान दुर्घटना के कारणों की समीक्षा भी की गई।

अधिकारियों की सराहना

मंडल रेल प्रबंधक श्री विनीत कुमार श्रीवास्तव ने मॉकड्रिल के समापन पर कहा कि यह अभ्यास रेलवे और एनडीआरएफ की तत्परता और दुर्घटना प्रबंधन की क्षमता को प्रदर्शित करता है। उन्होंने पूरी टीम के राहत और बचाव कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि भविष्य में भी इसी सतर्कता के साथ कार्य किया जाएगा।

इस मॉकड्रिल से यह स्पष्ट हुआ कि रेलवे और एनडीआरएफ के संयुक्त प्रयासों से किसी भी आपात स्थिति में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया दी जा सकती है, जिससे रेल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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