भारत के इस जगह पर बाप लड़कियों को बेचकर करवाता है

भारत में बेटियों को भगवान का दर्जा दिया जाता है क्योंकि बेटियां जब अपने पिता के घर होती हैं तो वह पूरा घर संभालती हैं जब शादी होता है तो पति के घर जाती है तो उसे लक्ष्मी भी लोग कहते हैं लेकिन राजस्थान के भीलवाड़ा के पंडरा गांव मैं पहुंची दैनिक भास्कर की टीम ने खुलासा किया है। भास्कर के अनुसार गरीब परिवार के लोगों को लड़कियों को बेचने पर मजबूर किया जाता है भास्कर की टीम ने बस्ती में सर्वे टीम बनकर पहुंचे ओर लोगों से उनकी समस्या जाने जब टीम ने लड़कियों के बारे में पूछा तो लोग दलालों के डर से कुछ बताने को तैयार नहीं हो रहे थे टीम ने कुछ लोगों को पानी के सर्वे टीम के बनकर विश्वास में लिया और लड़कियों की खरीद और बेचने के बारे में पूछताछ करने लगे लोगों ने जो बताया वह हैरान कर देने वाली थी भीलवाड़ा के कई बस्तियों में गरीब लोगों को इस तरह से फसाया जाता अगर गांव में दो पक्षों में मारपीट या विवाद होती है उसके बाद यह खेल शुरू होता है सरपंच के द्वारा खेल शुरू कर दिया जाता है खास बात यह है कि यहां लोग झगड़ा मारपीट के बाद पुलिस के पास नहीं पहुंचते हैं जाति के पंचायत पंच पंचायत करते हैं यहां तक कि दवा की जाती है कि जाति के पंचायत पहले बैठक में फैसला नहीं सुनाते हैं एक पंच की बैठक में लगभग 50 -50 हाजर खर्च करना पड़ता है जिस को पंचायत दोषी मानती है उसे 5 लाख का जुर्माना देना पड़ता है अगर व्यक्ति 5 लाख जुर्माना देने में असमर्थ है तो उसे दलालों के द्वारा 5 लाख का कर्ज देते है


कर्ज न चुका पाने पर बहन बेटियों को बेचने पर मजबूर कर देते हैं और बहन बेटियों को बेचने के लिए दबाव देने लगते हैं जिसमें पंच का भी कमीशन होता है इस कमीशन के लिए जाति के पंचायत गरीबों पर लाखों रुपए का जुर्माना लगाते हैं कि कर्ज से परेशान होकर अपनी बहन बेटियों को बेच दे जाति पंचायत पुलिस प्रशासन की नाक के नीचे लड़कियों की बोली लग जाते हैं लड़कियों की सुंदरता और उम्र के हिसाब से 8 से 10 लाख रुपए में बोली लगाई जाती है नीलामी में 8 से 18 साल तक की लड़कियों को बेचते हैं बोली लगाने के बाद स्टांप पेपर पर सौदा होता है खरीदार लड़कियों को स्टांप पेपर पर गोद लेने के बहाने खरीदता है लड़कियों को कितना साल के लिए खरीदा है इसका भी जिक्र किया जाता है उम्र भर के लिए बेचने पर ज्यादा रुपए मिलते ज्यादातर लड़कियों को 5 से 10 साल के लिए बेचते हैं इनमें लड़कियों को केवल एक बार राखी के त्यौहार पर घर आने की अनुमति मिलती है जिन्हें उम्र भर के लिए बेचा जाता है वह कभी अपने घर वापस नहीं जा सकती है लोगों का कहना है खरीदार 5 से 8 साल की लड़कियों को कम कीमत में खरीदता है कम उम्र की लड़कियों को खरीदने के बाद उन्हें कई सालों तक ट्रेनिंग दी जाती है डांस बेकार की ट्रेनिंग दिलाते हैं ताकि बड़ी होने पर मुंह मांगे दामों में आगे मिल सकेंगे ट्रेनिंग देने के बाद कई लड़कियों को सेक्स स्लेव बनाकर विदेश भेजा जाता है 12 से 18 साल की उम्र की लड़कियों की सबसे ज्यादा बोली लगाई जाती है इन्हें खरीदने के बाद सीधे सेक्स स्लेव बना दिया जाता है जिसका खुलासा दैनिक भास्कर टीम ने किया है

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