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AI से बना पीएम मोदी जैसा वीडियो हुआ वायरल, ठेले पर गन्ने का जूस बेचते नजर आए, लोग पूछ रहे- किसने बनाया ये वीडियो?

आज के डिजिटल युग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने दुनिया भर में तहलका मचा दिया है। इसकी मदद से जहां एक ओर कई काम आसान हो गए हैं, वहीं दूसरी ओर इसका दुरुपयोग भी तेजी से बढ़ रहा है। AI की इसी ताकत का एक नया उदाहरण हाल ही में सोशल मीडिया पर देखने को मिला, जिसने सभी को चौंका कर रख दिया है।

इंस्टाग्राम पर एक वीडियो बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक शख्स गन्ने की रस निकालने वाली मशीन के पास खड़ा नजर आता है और कहता है- “₹20 गिलास, बड़ा गिलास ₹20″। पहली नजर में देखने पर ऐसा लगता है कि यह खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं जो ठेले पर गन्ने का जूस बेच रहे हैं। यही वजह है कि यह वीडियो देखते ही देखते लाखों लोगों की नजरों से गुजर गया और इसे अब तक 16 लाख से ज्यादा लोग लाइक कर चुके हैं।

हालांकि, अगर इस वीडियो को ध्यान से देखा जाए तो साफ हो जाता है कि यह वीडियो असली नहीं है बल्कि AI की मदद से तैयार किया गया है। वीडियो में नजर आ रहे व्यक्ति का चेहरा हूबहू पीएम नरेंद्र मोदी जैसा है, लेकिन हकीकत में यह किसी हमशक्ल पर AI फिल्टर लगाने के बाद बनाया गया है।

AI टेक्नोलॉजी के जरिए आजकल डीपफेक वीडियो बनाना बेहद आसान हो गया है। इसमें किसी व्यक्ति के चेहरे को दूसरे इंसान पर हूबहू फिट कर दिया जाता है, जिससे यह भ्रम पैदा होता है कि वीडियो में वही असली व्यक्ति मौजूद है। ऐसे ही इस वीडियो में भी AI के माध्यम से पीएम मोदी का चेहरा किसी अन्य शख्स के शरीर पर फिट कर दिया गया है।

वीडियो में जूस बेचते हुए दिखाया गया पीएम मोदी का यह रूप कुछ लोगों को काफी मजेदार लग रहा है तो कुछ लोग इसे देखकर नाराजगी जता रहे हैं। कई लोगों ने इस वीडियो को शेयर करते हुए सवाल उठाया है कि आखिर इसे बनाया किसने है और क्या यह प्रधानमंत्री की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश है?

AI तकनीक जहां एक ओर क्रिएटिविटी के नए दरवाजे खोल रही है, वहीं इसके गलत इस्तेमाल से गलतफहमियां भी पैदा हो रही हैं। इस तरह के वीडियो लोगों को भ्रमित कर सकते हैं और किसी की छवि को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। ऐसे में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कंटेंट की सच्चाई को पहचानना और उसके पीछे की मंशा को समझना बहुत जरूरी हो गया है।

फिलहाल यह वीडियो चर्चा का विषय बना हुआ है और लोग लगातार पूछ रहे हैं कि इसे किसने बनाया और क्यों? यह पहली बार नहीं है जब किसी बड़े नेता या सेलिब्रिटी का चेहरा AI से मॉर्फ करके वायरल किया गया हो। लेकिन जब बात प्रधानमंत्री की हो तो सवाल और गंभीर हो जाते हैं।

सरकार और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को चाहिए कि ऐसे भ्रामक कंटेंट पर सख्त निगरानी रखी जाए और AI के दुरुपयोग को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं। नहीं तो आने वाले दिनों में ऐसे और भी वीडियो सामने आ सकते हैं, जो समाज में भ्रम और विवाद को जन्म दे सकते हैं।

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