देवरिया सहित पूरे पूर्वांचल में इन दिनों ठंड ने अपना विकराल रूप दिखाना शुरू कर दिया है। कड़ाके की शीतलहर और हाड़ कंपा देने वाली ठंड की वजह से आम जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया है। सुबह और देर शाम के समय हालात और भी गंभीर हो जा रहे हैं। घने कोहरे की चादर में लिपटे इलाके में लोग अनावश्यक रूप से घरों से बाहर निकलने से बच रहे हैं।

सबसे ज्यादा परेशानी छोटे-छोटे स्कूली बच्चों को झेलनी पड़ रही है। भीषण ठंड के बावजूद बच्चों को रोजाना स्कूल जाना पड़ रहा है। सुबह के समय जब तापमान काफी नीचे चला जाता है, तब ठंड में कांपते हुए बच्चे सड़कों पर नजर आते हैं। गर्म कपड़ों के बावजूद शीतलहर का असर बच्चों पर साफ दिखाई दे रहा है, जिससे अभिभावक भी चिंतित हैं।
मौसम की गंभीरता को देखते हुए कुछ दिन पहले जिलाधिकारी देवरिया श्रीमती दिव्या मित्तल के निर्देश पर जिले के सभी स्कूलों के समय में बदलाव किया गया था। आदेश के अनुसार विद्यालयों का संचालन सुबह 10:00 बजे से दोपहर 3:00 बजे तक किया जा रहा है। हालांकि, ठंड के और तेज हो जाने से अब यह समय भी बच्चों और बुजुर्गों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है।
वहीं घने कोहरे का असर सड़क यातायात पर भी साफ देखने को मिल रहा है। सुबह के समय सड़कों पर दृश्यता बेहद कम हो जाती है, जिससे वाहनों की रफ्तार धीमी पड़ गई है। हाईवे और ग्रामीण सड़कों पर दुर्घटनाओं का खतरा लगातार बना हुआ है। वाहन चालक फॉग लाइट और धीमी गति का सहारा ले रहे हैं, फिर भी खतरा टला नहीं है।
ठंड और कोहरे के इस प्रकोप से सबसे ज्यादा असर बुजुर्गों, बच्चों और दिहाड़ी मजदूरों पर पड़ रहा है। लोग अलाव और गर्म कपड़ों का सहारा लेकर किसी तरह दिन गुजार रहे हैं। मौसम विभाग के अनुसार फिलहाल शीतलहर और कोहरे से राहत मिलने की संभावना कम है, ऐसे में प्रशासन और आम लोगों को पूरी सतर्कता बरतने की जरूरत है।
विशेषज्ञों की सलाह है कि अत्यधिक ठंड में बच्चों को पूरी तरह ढंक कर ही बाहर भेजें, बुजुर्ग अनावश्यक बाहर निकलने से बचें और वाहन चालक कोहरे में विशेष सावधानी रखें, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।


