भारत ने बनाया दुनिया का सबसे एडवांस एंटी-ड्रोन सिस्टम — ‘इंद्रजाल रेंजर’

भारत ने आधुनिक युद्ध और राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में एक और बड़ी छलांग लगा दी है। देश में ऐसा अत्याधुनिक एंटी-ड्रोन सिस्टम विकसित किया गया है, जिसे ‘इंद्रजाल रेंजर’ नाम दिया गया है। यह नया सिस्टम एक मोबाइल व्हीकल पर आधारित है, जिसमें दुनिया के सबसे एडवांस तकनीकी फीचर लगाए गए हैं। यह वाहन जमीन से आसमान तक उड़ने वाले दुश्मन के किसी भी ड्रोन को पल भर में पहचान सकता है और कुछ ही सेकंड में उसे निष्क्रिय करने की क्षमता रखता है।

इंद्रजाल रेंजर को भारत की “चौथी आंख” कहा जा रहा है, क्योंकि यह लगातार आसमान की गतिविधियों पर नजर रखता है। यह पूरी तरह से AI-सक्षम तकनीक पर आधारित है, जिससे यह वास्तविक समय में ड्रोन की दिशा, गति, ऊंचाई और खतरे के स्तर का विश्लेषण करके तुरंत प्रतिक्रिया देता है। सिस्टम में लगे सेंसर, रडार, कैमरे और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर मॉड्यूल इसे एक मिनी ‘ड्रोन डिफेंस स्टेशन’ बनाते हैं।

इस वाहन की सबसे बड़ी खासियत इसका शक्तिशाली डिटेक्शन रेंज है। इंद्रजाल 3 किलोमीटर की रेंज में दुश्मन के किसी भी ड्रोन को पहचान सकता है और उसे नीचे गिरा सकता है। यह सिस्टम न सिर्फ छोटे क्वाडकॉप्टर ड्रोन बल्कि बड़े, हाई-टेक और लंबी दूरी वाले ड्रोन को भी पूरी सटीकता से निशाना बनाने की क्षमता रखता है। यह फीचर दुनिया के सिर्फ कुछ देशों—जैसे अमेरिका, चीन और रूस—के पास ही मौजूद है, और अब भारत भी इस तकनीक में शामिल हो गया है।

इंद्रजाल रेंजर को खास तौर पर सीमावर्ती इलाकों, सैन्य ठिकानों, महत्वपूर्ण सरकारी प्रतिष्ठानों और उन सभी संवेदनशील क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए बनाया गया है जहां ड्रोन हमले या ड्रोन के जरिए जासूसी का खतरा अधिक होता है। पिछले कुछ वर्षों में ड्रोन के माध्यम से हथियार तस्करी, विस्फोटक पहुंचाने और जासूसी की घटनाएं काफी बढ़ी हैं। ऐसे में यह प्रणाली भारतीय सुरक्षा बलों को समय रहते कार्रवाई करने में बड़ी सहायता देगी।

इस सिस्टम में लगे AI एल्गोरिदम ड्रोन की पहचान करके यह भी तय करते हैं कि वह दुश्मन का है, नागरिक ड्रोन है या फिर जानबूझकर भेजा गया हथियारबंद ड्रोन। इसके बाद सिस्टम अपने आप ‘हार्ड किल’ और ‘सॉफ्ट किल’ तकनीक का इस्तेमाल करके खतरे को खत्म कर देता है। हार्ड किल तकनीक सीधे ड्रोन को नष्ट कर देती है, जबकि सॉफ्ट किल तकनीक उसके सिग्नल को जाम कर उसे बेकार कर देती है।

इंद्रजाल के आने से भारत की रक्षा क्षमता में बहुत बड़ी वृद्धि मानी जा रही है। यह न सिर्फ भारत को ड्रोन हमलों से सुरक्षित करेगा बल्कि यह साबित करता है कि देश अब डिफेंस टेक्नोलॉजी में दुनिया की बड़ी शक्तियों की बराबरी कर रहा है। यह तकनीक आत्मनिर्भर भारत अभियान की दिशा में भी एक बड़ा कदम है, क्योंकि यह पूरी तरह स्वदेशी रूप से विकसित किया गया सिस्टम है।

भारत की सुरक्षा एजेंसियों और सेना दोनों ने इस नए सिस्टम के परीक्षण में संतोष व्यक्त किया है। आने वाले समय में इसे सीमा सुरक्षा बल, वायु सेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के बेड़े में शामिल किया जाएगा। इंद्रजाल रेंजर भारत के लिए एक नई तकनीकी शक्ति है, जो आने वाले वर्षों में देश की सुरक्षा को और भी मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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