प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड, हैदराबाद द्वारा प्रायोजित रिवर रैंचिंग कार्यक्रम का आयोजन देवरिया जनपद में बड़े स्तर पर संपन्न हुआ। 20 नवम्बर 2025 को छोटी गंडक नदी के हेतिमपुर घाट पर एक लाख मछली के बच्चों का प्रवाह किया गया, जबकि 21 नवम्बर को विश्व मात्स्यिकी दिवस के अवसर पर खनुआ नदी के पकहां घाट में एक लाख मत्स्य बीज छोड़े गए। इस महत्वपूर्ण पहल का उद्देश्य नदियों के मत्स्य संसाधन को बढ़ावा देना, प्राकृतिक जल स्रोतों में जैव विविधता को सुरक्षित रखना तथा मत्स्य पालन गतिविधियों को और अधिक सशक्त बनाना है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने दोनों दिनों में उपस्थित होकर छोटी गंडक और खनुआ नदी में कुल दो लाख मत्स्य अंगुलिकाओं का संचय (स्टॉकिंग) किया। उन्होंने कहा कि रिवर रैंचिंग कार्यक्रम न केवल नदी के ईको सिस्टम को सुदृढ़ बनाता है, बल्कि स्थानीय मत्स्यपालकों की आय बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य कार्यकारी अधिकारी, मत्स्य विभाग देवरिया, विजय कुमार मिश्र द्वारा मुख्य अतिथि और अन्य गणमान्य अतिथियों के स्वागत से किया गया। उन्होंने अपने संबोधन में रिवर रैंचिंग के महत्व, मत्स्य संरक्षण की आवश्यकता तथा मत्स्य विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं से उपस्थित नागरिकों को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि नियमित रूप से मत्स्य अंगुलिकाओं का प्रवाह नदी में मछली की संख्या बढ़ाता है और प्राकृतिक पारिस्थितिकी संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है।
उप निदेशक मत्स्य, गोरखपुर मंडल, ब्रजेश हलवाई ने बताया कि नदी के ईको सिस्टम को स्वस्थ बनाए रखने में मछलियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि अंगुलिकाओं का संचय नदी में मछलियों की प्रजातियों को संरक्षित करने और मत्स्य उत्पादन को बढ़ाने के लिए आवश्यक है।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य ने कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि सहित सभी अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और कर्मचारियों के प्रति आभार व्यक्त किया। इसके बाद मुख्य अतिथि की मौजूदगी में मत्स्य अंगुलिकाओं का नदी में प्रवाह किया गया और कार्यक्रम का समापन हुआ।
इस अवसर पर हेतिमपुर नगर पंचायत अध्यक्ष बीरेंद्र यादव, ब्लॉक प्रमुख देसही देवरिया ओमप्रकाश निषाद, जगदीश निषाद, मत्स्य निरीक्षक रितेश साही, कुलदीप सक्सेना, अनुराग निषाद सहित मत्स्य विभाग के अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।
यह कार्यक्रम देवरिया जनपद के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इससे न केवल नदियों में मछलियों का संरक्षण होगा, बल्कि स्थानीय मत्स्यपालकों को भी दीर्घकालिक लाभ प्राप्त होंगे।


