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कराची पोर्ट पर भारत का जबरदस्त हमला, पाकिस्तान हुआ बेहाल – चीन समेत किसी ने नहीं दी मदद

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है। 7 मई को रात करीब 1 बजे भारत ने आतंकवाद के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर हमला कर उन्हें नेस्तनाबूद कर दिया। भारतीय सेना की इस जवाबी कार्रवाई से घबराए पाकिस्तान ने भारत पर बदले की नीयत से ड्रोन और मिसाइल हमले किए। पाकिस्तान द्वारा कई भारतीय रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया गया, लेकिन भारत का एयर डिफेंस सिस्टम पूरी तरह से सतर्क था।

भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान की ओर से दागे गए सभी मिसाइलों और ड्रोन को हवा में ही नष्ट कर दिया, जिससे किसी भी प्रकार की जान-माल की हानि नहीं हुई। वहीं इसके बाद भारत ने एक और बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। भारतीय नौसेना ने समुद्र के रास्ते पाकिस्तान के कराची पोर्ट पर सटीक निशाना साधते हुए मिसाइलें दागी। यह हमला इतना शक्तिशाली था कि कराची पोर्ट पूरी तरह से तबाह हो गया।

सूत्रों के अनुसार, भारतीय नौसेना ने कराची पोर्ट पर यह हमला रात के अंधेरे में किया, जिससे पाकिस्तान की रक्षा व्यवस्था को संभलने का भी मौका नहीं मिला। इस हमले के बाद पाकिस्तान की स्थिति बेहद नाजुक हो गई है। उसकी आर्थिक गतिविधियों का बड़ा हिस्सा कराची पोर्ट पर निर्भर था, जो अब पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है। पाकिस्तान के लिए यह एक बड़ा झटका साबित हुआ है।

इस हमले के बाद पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मंचों और अन्य देशों की ओर मदद की उम्मीद से देखा, लेकिन उसकी निराशा और बढ़ गई जब कोई भी देश उसकी सहायता को आगे नहीं आया। यहां तक कि पाकिस्तान ने अपने करीबी माने जाने वाले चीन से भी मदद की गुहार लगाई, लेकिन चीन ने भी साफ इनकार कर दिया।

गुरुवार की रात भी पाकिस्तान की ओर से भारतीय सीमा क्षेत्रों पर ड्रोन और मिसाइल से हमले की कोशिश की गई, लेकिन भारत का एयर डिफेंस सिस्टम पहले से तैयार था और उसने एक बार फिर सभी हमलों को नाकाम कर दिया। इस पूरे घटनाक्रम में भारत ने पाकिस्तान को सैन्य, कूटनीतिक और मनोवैज्ञानिक रूप से पूरी तरह से घेर लिया है।

आज की स्थिति यह है कि पाकिस्तान की जनता का भी अपनी सरकार और सेना से विश्वास उठता जा रहा है। कराची पोर्ट की तबाही ने पाकिस्तान को न सिर्फ आर्थिक तौर पर झकझोर दिया है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी उसे अलग-थलग कर दिया है। भारत की इस रणनीतिक और निर्णायक कार्रवाई ने यह साबित कर दिया है कि आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर आवश्यक कदम उठाने को तैयार है।

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