Deoria News: स्कूली वाहन में लगी आग के दौरान तीन छात्रों ने दिखाया साहस, पुलिस अधीक्षक देवरिया ने किया सम्मानित

देवरिया जिले के बरियारपुर क्षेत्र में घटित एक घटना ने साहस और मानवता का ऐसा उदाहरण प्रस्तुत किया, जो हमेशा याद रखा जाएगा। थाना बरियारपुर क्षेत्रान्तर्गत विशुनपुर कला-कुशहरी मार्ग पर दिनांक 21 जनवरी 2025 को एक स्कूली वाहन में अचानक आग लग गई। इस संकटपूर्ण स्थिति में तीन छात्रों ने अदम्य साहस और तत्परता का परिचय देते हुए स्कूली बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला। उनकी बहादुरी को देखते हुए पुलिस अधीक्षक देवरिया, श्री विक्रांत वीर ने उन्हें नगद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

घटना का विवरण

घटना उस समय हुई जब स्कूली वाहन छात्रों को लेकर विशुनपुर कला-कुशहरी मार्ग से गुजर रहा था। अचानक वाहन में आग लगने से बच्चों में हड़कंप मच गया। चालक और अन्य लोग इस स्थिति को संभालने में असमर्थ थे। इसी दौरान, कक्षा 12 और कक्षा 10 के तीन छात्रों ने साहसिक कदम उठाते हुए वाहन में फंसे बच्चों को बाहर निकाला। उनकी सतर्कता और सूझबूझ से एक बड़ा हादसा टल गया।

साहसी छात्रों के नाम और योगदान

आग की घटना के दौरान मदद करने वाले इन तीन छात्रों के नाम और विवरण इस प्रकार हैं:

  1. समर (पुत्र स्व. राजकुमार भारती): कक्षा 12 का छात्र, निवासी भीखमपुर, थाना रामपुर कारखाना, जनपद देवरिया।
  2. बिट्टू (पुत्र राजकुमार मद्देशिया): कक्षा 10 का छात्र, निवासी कुशहरी, थाना बरियारपुर, जनपद देवरिया।
  3. गौरव (पुत्र गोविंद शर्मा): कक्षा 12 का छात्र, निवासी कुशहरी, थाना बरियारपुर, जनपद देवरिया।

इन छात्रों ने न केवल अपने लिए बल्कि अन्य बच्चों के लिए भी साहस और परोपकार का उदाहरण प्रस्तुत किया।

पुलिस अधीक्षक का संदेश

पुलिस अधीक्षक श्री विक्रांत वीर ने इन तीनों छात्रों के इस सराहनीय कार्य की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “इन बच्चों का साहसी कार्य अन्य छात्रों और समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है। इनकी सतर्कता और बहादुरी ने यह साबित किया कि अगर विपरीत परिस्थितियों में धैर्य और सूझबूझ से काम लिया जाए, तो बड़ी से बड़ी मुश्किल को भी हल किया जा सकता है।”

सम्मान समारोह के दौरान पुलिस अधीक्षक ने इन छात्रों को नगद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र देकर उनका हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों को समाज में विशेष स्थान मिलना चाहिए और उनके कार्यों की सराहना हर स्तर पर की जानी चाहिए।

समाज में सकारात्मक संदेश

इस घटना ने समाज में यह संदेश दिया है कि संकट के समय में कैसे एक छोटी सी पहल बड़े हादसे को टाल सकती है। स्कूली बच्चों के लिए यह घटना प्रेरणादायक है और उनकी सतर्कता और मानवीय मूल्यों को विकसित करने का उदाहरण प्रस्तुत करती है।

घटना से मिली सीख

यह घटना दिखाती है कि आपदा के समय त्वरित निर्णय और साहसिक कदम कितने महत्वपूर्ण होते हैं। साथ ही, यह भी जरूरी है कि स्कूली वाहनों की नियमित जांच और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

छात्रों के प्रति स्थानीय प्रशंसा

इन तीनों छात्रों की बहादुरी की खबर जैसे ही स्थानीय क्षेत्र में फैली, लोगों ने उनकी प्रशंसा की। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इन बच्चों ने अपनी उम्र से परे जाकर ऐसा कार्य किया, जो हर किसी के लिए प्रेरणादायक है।

निष्कर्ष

समर, बिट्टू और गौरव जैसे छात्रों ने यह साबित कर दिया कि मुश्किल समय में मानवता और साहस सबसे बड़ा धर्म है। उनकी इस बहादुरी ने न केवल बच्चों की जान बचाई बल्कि समाज को यह संदेश दिया कि एक जिम्मेदार नागरिक कैसे बनें। पुलिस अधीक्षक द्वारा किया गया यह सम्मान उन्हें और अन्य बच्चों को ऐसे कार्यों के लिए प्रेरित करता रहेगा।

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