देवरिया जिले में 565 सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या 50 से कम हो गई है, जिससे शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) शालिनी श्रीवास्तव ने 15 जुलाई तक इन स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया है। ऐसा न होने पर संबंधित शिक्षकों और ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिले के कुल 2122 स्कूलों में से, इन 565 स्कूलों में नामांकन की कमी देखी गई है। इस समस्या को हल करने के लिए प्रशासन द्वारा कई कदम उठाए जा रहे हैं।

समस्या का विस्तार
देवरिया जिले में कुल 2122 सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। इनमें से 565 स्कूल ऐसे हैं जहां छात्रों की संख्या 50 से कम है। यह आंकड़ा जिले के विभिन्न ब्लॉकों में फैला हुआ है, जिनमें बैतालपुर, बनकटा, बरहज, भटनी, भाटपाररानी, भलुअनी, देसही देवरिया, गौरीबाजार, लार, रामपुर कारखाना, सलेमपुर और रुद्रपुर शामिल हैं।
प्रमुख ब्लॉकों में नामांकन की कमी:
- बैतालपुर: 54 स्कूल
- बनकटा: 27 स्कूल
- बरहज: 21 स्कूल
- भटनी: 37 स्कूल
- भाटपाररानी: 48 स्कूल
- भलुअनी: 32 स्कूल
- देसही देवरिया: 48 स्कूल
- गौरीबाजार: 48 स्कूल
- लार: 48 स्कूल
- रामपुर कारखाना: 34 स्कूल
- सलेमपुर: 39 स्कूल
- रुद्रपुर: 49 स्कूल
समस्या के कारण
इस समस्या का मुख्य कारण छात्रों का स्कूल छोड़ना, बेहतर शिक्षा की तलाश में निजी स्कूलों की ओर रुख करना, और अभिभावकों की असंतुष्टि है। सरकारी स्कूलों में सुविधाओं और शिक्षण के स्तर में सुधार की आवश्यकता है। इसके अलावा, शिक्षा के प्रति जागरूकता की कमी और शिक्षा प्रणाली में बदलाव की जरूरत है।
प्रशासनिक कदम
बीएसए शालिनी श्रीवास्तव ने सभी ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों और स्कूल प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया है कि वे 15 जुलाई तक छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए सक्रिय कदम उठाएं। इसके लिए समुदाय में जागरूकता अभियान चलाने, स्कूलों की गुणवत्ता में सुधार करने, और अभिभावकों को सरकारी स्कूलों में बच्चों को भेजने के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।
यदि निर्धारित समय सीमा तक छात्रों की संख्या में सुधार नहीं होता है, तो संबंधित स्कूलों के प्रधानाध्यापकों और ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसमें उनकी सेवा शर्तों में बदलाव, स्थानांतरण, या निलंबन जैसी कार्रवाई शामिल हो सकती है।