इस नई तकनीक से देवरिया जनपद के किस भी कर सकते हैं ड्रैगन फ्रूट की खेती

देवरिया: कृषि में नवाचार और नए फसलों की खोज हमेशा से ही किसानों के लिए नए अवसरों के द्वार खोलती रही है। हालांकि, देवरिया जिले में अब तक ड्रैगन फ्रूट की खेती किसी भी किसान द्वारा नहीं की गई है। इसके बावजूद, यह फसल उन किसानों के लिए एक संभावित लाभदायक विकल्प बन सकती है जो अपनी खेती में विविधता और नवाचार लाना चाहते हैं।

ड्रैगन फ्रूट की विशेषताएं और लाभ

ड्रैगन फ्रूट, जिसे पिताया भी कहा जाता है, एक उष्णकटिबंधीय फल है जो अपने अनोखे स्वाद, पोषण गुणों और बाजार में उच्च मांग के कारण तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। इसमें विटामिन सी, एंटीऑक्सिडेंट्स और फाइबर की उच्च मात्रा होती है, जो इसे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी बनाता है।

खेती की विधि

ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए विशेष जलवायु और मिट्टी की आवश्यकता होती है। इसे अच्छी जल निकासी वाली रेतीली दोमट मिट्टी में उगाया जा सकता है। इसके पौधे को कम पानी और अधिक धूप की आवश्यकता होती है। पौधे लगाने के 18-24 महीने बाद फल देना शुरू करते हैं और एक पौधे से 20-30 साल तक फल प्राप्त किए जा सकते हैं।

संभावित लागत और लाभ

ड्रैगन फ्रूट की खेती की शुरुआत में कुछ निवेश की आवश्यकता होती है, जैसे पौधों की खरीद, सिंचाई की व्यवस्था और खेत की तैयारी। एक बार यह फसल स्थापित हो जाने के बाद इसमें कम रखरखाव की जरूरत होती है। प्रति एकड़ खेत में लगभग 600-800 पौधे लगाए जा सकते हैं। प्रति पौधे से लगभग 5-6 किलोग्राम फल प्राप्त होता है, जो बाजार में 200-250 रुपए प्रति किलोग्राम बिकता है। इस प्रकार, एक एकड़ से किसान आसानी से 6-8 लाख रुपए तक कमा सकते हैं।

सरकारी और निजी सहयोग

ड्रैगन फ्रूट की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार और निजी संस्थान भी किसानों की मदद कर सकते हैं। कृषि विभाग द्वारा किसानों को प्रशिक्षण और सब्सिडी प्रदान की जा सकती है। इसके अलावा, निजी कंपनियां भी किसानों से सीधे फसल खरीद कर उन्हें अच्छा मूल्य प्रदान कर सकती हैं।

देवरिया में ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए संभावनाएं

हालांकि देवरिया में अभी तक किसी किसान ने ड्रैगन फ्रूट की खेती नहीं की है, लेकिन इस फसल की संभावनाएं और इसके फायदे इसे अपनाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। स्थानीय कृषि विभाग और विशेषज्ञों की मदद से किसान इस फसल की खेती में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

किसानों के लिए संभावित कदम

  1. प्रशिक्षण और शिक्षा: किसानों को ड्रैगन फ्रूट की खेती के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लेना चाहिए।
  2. प्रारंभिक निवेश: प्रारंभिक निवेश के लिए सरकारी योजनाओं और सब्सिडी का लाभ उठाएं।
  3. जलवायु और मिट्टी का परीक्षण: अपने क्षेत्र की जलवायु और मिट्टी की स्थिति को समझने के लिए विशेषज्ञों से परामर्श करें।
  4. सिंचाई और देखभाल: सिंचाई और पौधों की देखभाल के लिए उचित व्यवस्था करें।
  5. बाजार की खोज: अपने उत्पाद को बेचने के लिए संभावित बाजारों की पहचान करें।

देवरिया में ड्रैगन फ्रूट की खेती अभी तक किसी ने नहीं की है, लेकिन इस फसल की संभावनाएं इसे अपनाने के लिए प्रेरित कर सकती हैं। स्थानीय कृषि विभाग और विशेषज्ञों की मदद से किसान इस फसल को अपने खेतों में उगाकर लाभ कमा सकते हैं। ड्रैगन फ्रूट की खेती से न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति सुधर सकती है, बल्कि उन्हें एक नई और लाभदायक फसल का अनुभव भी मिल सकता है।

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