देवरिया लोकसभा सीट का प्रथम सांसद कौन था क्या है इतिहास। Who was the first MP of Deoria Lok Sabha seat? What is the history?

लोकसभा चुनाव की तैयारी जोड़ों से चल रही है ऐसे में हम आज आपको बताने वाले हैं देवरिया लोकसभा सीट का क्या है इतिहास यहां पर पहली बार कौन बना था सांसद किस पार्टी का था कब्जा।

लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी अब चुनाव आयोग के साथ-साथ नेता भी करने लगे हैं लगभग सभी राजनीतिक दल प्रत्याशियों की चुनाव करने में लगा हुआ है कि किस लोकसभा सीट से कौन से प्रत्याशी बेहतर रहेगा लेकिन उत्तर प्रदेश के बिहार बॉर्डर स्थित देवरिया लोकसभा सीट पर कब से चुनाव हो रहा है और यहां प्रथम बार लोकसभा सदस्य किसको चुना गया था जान लीजिए अब विस्तार से।

देवरिया लोकसभा सीट का इतिहास

कुछ रिपोर्ट के अनुसार देवरिया लोकसभा सीट पर चुनाव 1951 में शुरू हुआ था जहां सन 1951 में विश्वनाथ राय देवरिया के प्रथम सदस्य सांसद थे 1951 में ही सरजू प्रसाद मिश्रा देवरिया के सांसद बने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़े थे आप जान गए होंगे कि देवरिया लोकसभा सीट पर 1951 में चुनाव की लिस्ट मौजूद है इससे पहले की जानकारी उपलब्ध नहीं है, 1951 के बाद देवरिया का कौन-कौन बना सांसद लिस्ट देख ले

देवरिया सांसद लिस्ट

1951 में विश्वनाथ राय और सूरज प्रसाद मिश्रा पार्टी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1957 में देवरिया लोकसभा सीट से रामजी वर्मा सांसद रहे जो सोशलिस्ट पार्टी के बैनर तले चुनाव जीते थे 1962 से 1967 तक विश्वनाथ राय सांसद बने रहे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से इन्होंने चुनाव लड़ा था, 1967 में फिर चुनाव के बाद विश्वनाथ राय 1971 तक देवरिया लोकसभा सीट से सांसद रहे।

1977 में उग्रसेन सिंह देवरिया का सांसद नियुक्त हुए जो जनता पार्टी के बैनर तले देवरिया का सांसद बने, 1980 में देवरिया में चुनाव हुआ और देवरिया लोकसभा सीट से रामायण राव भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़े और इन्होंने जीत दर्ज कराई 1984 में देवरिया लोकसभा सीट से राजमंगल पांडे जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के टिकट से चुनाव जीतकर देवरिया का सांसद बने।

1989 में राजमंगल पांडे देवरिया का सांसद बने जो जनता दल की बैनर तरह चुनाव लड़े थे उनके बाद 1991 में जनता दल से ही मोहन सिंह देवरिया जनपद लोकसभा देवरिया सीट से सांसद चुने गए।

भारतीय जनता पार्टी का देवरिया में पहले सांसद कौन

केंद्र की सरकार चला रही भारतीय जनता पार्टी देवरिया में कब विजय हासिल की यह भी कहानी काफी रोचक है क्योंकि इससे पहले देवरिया में सोशल पार्टी कांग्रेस पार्टी जनता दल के नेताओं का कब्जा था बाद में 1996 में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी प्रकाशमणि त्रिपाठी को देवरिया लोकसभा सीट से विजय प्राप्त हुआ और तब देवरिया लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा 1998 तक रहा, इसके बाद 1998 में चुनाव हुआ और मोहन सिंह समाजवादी पार्टी के साथ जुड़कर देवरिया का सांसद बने मोहन सिंह 1999 तक देवरिया लोकसभा सांसद के रूप में कार्य किए इनके बाद फिर भारतीय जनता पार्टी से प्रकाशमणि त्रिपाठी बीजेपी की टिकट से जीत हासिल की फिर इनके बाद मोहन सिंह 2004 में समाजवादी पार्टी के टिकट से देवरिया लोकसभा सीट पर काबिज हो गए।

देवरिया लोकसभा सीट से पहली बार बहुजन समाज पार्टी को विजय दिलाने वाले गोरख प्रसाद जायसवाल 2009 में बहुजन समाज पार्टी के टिकट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की इसके बाद देवरिया लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा बना हुआ है 2014 लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की टिकट से चुनाव लड़े वर्तमान में राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्रा जी देवरिया से विजय हासिल किया इनके बाद रमापति राम त्रिपाठी 2019 लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के टिकट से चुनाव लड़कर देवरिया लोकसभा सीट पर वर्तमान में सांसद हैं।

यह था देवरिया लोकसभा सीट का 1951 के बाद का इतिहास देवरिया लोकसभा सीट पर 2024 चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी, कांग्रेस पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, समेत कई क्षेत्रीय पार्टी भी अपनी दावेदारी के लिए प्रत्याशियों की चुनाव करने में जुटी हुई है।

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