कब मनाई जाएगी होली और चंद्र ग्रहण का क्या है प्रभाव जाने ज्योतिष आचार्य शंख बाबा से

2024 की होली को लेकर असमंजस का स्थिति बना हुआ है कुछ लोग 25 मार्च को तो कुछ लोग 26 मार्च को होली बता रहे हैं, जिस वजह से लोग यह नहीं समझ पा रहे हैं की होली कब मनाई, जाएगी लेकिन आज हम आपको बताएंगे होली और चंद्र ग्रहण पर क्या कहते हैं ज्योतिष आचार्य।

2024 होली को लेकर काफी कन्फ्यूजन में लोग पड़े हुए हैं और चंद्र ग्रहण भी लोगों के लिए एक मुसीबत बनी हुई है, क्योंकि सोशल मीडिया से लेकर तमाम जगहों पर चंद्र ग्रहण का जिक्र किया जा रहा है लेकिन आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताएंगे की होली पर चंद्र ग्रहण का कितना प्रभाव पड़ेगा और होली कब मनाई जाएगी,

जिसको लेकर बी न्यूज़ के टीम ने बात की देवरिया के मशहूर ज्योतिष आचार्य और उन्होंने चंद्र ग्रहण और ग्रह नक्षत्र के हिसाब से बताया कि होली कब मनाई जाएगी, और चंद्र ग्रहण का भारत में कितना प्रभाव रहेगा, क्योंकि होली को लेकर लोगों का मानना है कि 25 मार्च को होली मनाई जाएगी और 25 मार्च को रात्रि में चंद्र ग्रहण लगेगा जिस संबंध में बात करते हुए ज्योतिष आचार्य शंख बाबा ने बताया की होली को लेकर किसी तरह की कोई चंद्र ग्रहण का असर नहीं पड़ेगा।

क्योंकि चंद्र ग्रहण एशिया के किसी भी देश में नहीं दिखाई देगा चंद्र ग्रहण, को यह मानकर चलिए की चंद्र ग्रहण नहीं लग रहा हैं, और भारत में चंद्र ग्रहण का कोई प्रभाव नहीं रहेगा साथ में उन्होंने बताया कि होली का योग 26 मार्च को ही है, क्योंकि होलिका दहन के एक दिन बाद होली मनाई जाती है, होली कुछ लोगों का कहना है कि 25 तारीख को ही मनाई जाएगी लेकिन शास्त्रों के हिसाब से यह बताया जा रहा है की होली 26 मार्च को ही मनाई जाएगी क्योंकि 26 मार्च को ग्रह नक्षत्र के हिसाब से होली पड़ रही है।

इस दौरान शंख बाबा ने बताया कि इन दिनों सोशल मीडिया पर देखा जा रहा है कि कुछ लोग अफवाह फैला रहे हैं कि भारत में चंद्र ग्रहण लगेगा और होली 25 को मनाई जाएगी यह पूरी तरह से अफवाह है, और शास्त्रों के हिसाब से होली 26 मार्च को ही होगी, आप लोग अफवाहों में ना पड़े, वही होली की तैयारी में पूरा देश लगा हुआ है। क्योंकि अब सड़क चौक चौराहे पर होली के सामग्री की दुकान सज चुकी हैं, स्कूल दुकान सहित अन्य जगह पर लोग खूब होली खेल रहे हैं।

होली को लेकर बच्चे काफी उत्साहित हैं, होली रंगों का पर्व जो टूटे हुए रिश्ते को मिला देता है, होली पर्व का खास महत्व होता है, यही वजह है की होली बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है, खास करके उत्तर भारत में होली का खास महत्व है, यूपी और बिहार की होली दुनिया में प्रसिद्ध है, वही बात की जाए मथुरा की होली तो मथुरा में मार्च महीने से के 1 तारिख से ही होली शुरू हो जाती है, जिसे देखने के लिए देश-विदेश से लोग पहुंचते हैं।

काशी की होली भी काफी प्रसिद्ध है क्योंकि जलती चिताओं के बीच में काशी के मणिकर्णिका घाट पर खेली जाती है, जहां जलती हुई चिताओं से राख लेकर लोग एक दूसरे पर लगा कर होली खेलते हैं, यह खास परंपरा सदियों से चली आ रही है, जिसे देखने के लिए हर वर्ष लाखों लोग होली के दिन से चार से पांच दिन पहले काशी में पहुंचते हैं, और भस्म की होली देखकर आनंदित हो जाते हैं।

यहां तक की जो लोग अंतिम संस्कार करने आते हैं वह भी भस्म की होली में अपना दुख दर्द भूल कर शामिल हो जाते हैं, और होली के रंग में रंग जाते हैं, हालांकि भस्म की होली को लेकर कुछ विद्वानों का यह मानना है की होली का पर्व पर भस्म की होली आम लोगों के लिए नही है। भस्म की होली भगवान शिव और किन्नर ही खेलते हैं, लेकिन बदलते समय में अब कुछ युवा और युवतियां भी मणिकर्णिका घाट पर पहुंचकर होली खेलते हैं।

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