उत्तर प्रदेश में विकास की रफ्तार अब और तेज होने जा रही है। राज्य सरकार और यमुना विकास प्राधिकरण ने एक नई और महत्त्वाकांक्षी योजना तैयार की है, जिसके तहत जेवर एयरपोर्ट से आगरा के बीच रैपिड रेल चलाई जाएगी। यह परियोजना न केवल दिल्ली-एनसीआर को ताजमहल से जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगी, बल्कि पर्यटन और व्यापार को भी नई उड़ान देगी।

जेवर एयरपोर्ट से आगरा तक 131 किलोमीटर की दूरी
इस रैपिड रेल कॉरिडोर की कुल लंबाई 131 किलोमीटर होगी, जो जेवर एयरपोर्ट से शुरू होकर यमुना एक्सप्रेसवे के समानांतर चलते हुए सीधे आगरा पहुंचेगी। इस कॉरिडोर को नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (NCRTC) द्वारा संचालित रैपिड रेल यानी ‘नमो भारत’ ट्रेन के जरिए जोड़ा जाएगा। योजना के अनुसार यह कॉरिडोर न्यू आगरा अर्बन सेंटर तक जाएगा, जिसे एक आधुनिक और व्यवस्थित शहर के रूप में विकसित किया जा रहा है।
पहले चरण में नोएडा से जेवर एयरपोर्ट तक रैपिड रेल
इस परियोजना का पहला चरण गाजियाबाद से जेवर एयरपोर्ट तक बनेगा, जिसकी लंबाई करीब 72.4 किलोमीटर है। इसमें कुल 22 स्टेशन होंगे और इस रूट के लिए डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) पहले ही तैयार की जा चुकी है। कुछ आपत्तियों के बाद इसे संशोधित कर केंद्र सरकार को भेजा गया है। इस मार्ग की अनुमानित लागत 16,000 करोड़ रुपये है और इसके पूरे होने के बाद गाजियाबाद से जेवर एयरपोर्ट की दूरी महज 80 मिनट में तय की जा सकेगी।
पर्यटन और व्यापार को मिलेगा बढ़ावा
यह रैपिड रेल कॉरिडोर ना केवल जेवर एयरपोर्ट को आगरा से जोड़ेगा, बल्कि दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद जैसे बड़े शहरों से भी ताजमहल तक की यात्रा को बेहद आसान और सुगम बना देगा। इससे विदेशी और घरेलू पर्यटकों को एक बेहतरीन विकल्प मिलेगा और आगरा में पर्यटन व्यवसाय को मजबूती मिलेगी। साथ ही, जेवर एयरपोर्ट से जुड़े हुए कार्गो और लॉजिस्टिक्स सेक्टर को भी लाभ मिलेगा, जिससे स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
योजना का असर और भविष्य
सरकार की इस योजना से उत्तर प्रदेश को इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में नई पहचान मिलेगी। जेवर एयरपोर्ट देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनने जा रहा है और उसके साथ रैपिड रेल की सुविधा से यह क्षेत्र निवेशकों के लिए आकर्षक बन जाएगा। भविष्य में इस रैपिड रेल को मथुरा और वृंदावन तक भी जोड़े जाने की संभावना है, जिससे धार्मिक पर्यटन को भी बल मिलेगा।
इस परियोजना की सफलता न केवल यातायात सुविधा में क्रांति लाएगी, बल्कि यह पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश की तस्वीर बदलने की क्षमता रखती है। जेवर से आगरा तक रैपिड रेल की यह योजना, प्रदेश के विकास की दिशा में एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम मानी जा रही है।