उत्तर प्रदेश का कासगंज जिला, जिसे पहले कांशीराम नगर के नाम से जाना जाता था, 17 अप्रैल 2008 को एटा जिले के कासगंज, पटियाली और सहावर तहसीलों को विभाजित करके बनाया गया था। यह जिला सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस जिले का नाम शुरू में प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ कांशी राम के नाम पर रखा गया था, लेकिन यहां संत तुलसीदास और अमीर खुसरो जैसे महान विभूतियों का संबंध भी है।
भौगोलिक विशेषताएँ
कासगंज की प्रमुख भौगोलिक विशेषता काली नदी है, जो दून घाटी से निकलती है और गाजियाबाद में हिन्डन नदी के साथ विलय करती है, जो बाद में यमुना नदी में मिलती है। इस नदी पर दो विशेष नहरें बनाई गई हैं, जो आधुनिक वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण हैं। यह नहरें दो पुलों के माध्यम से नदी के ऊपर से गुजरती हैं और इंजीनियरिंग के इस अद्भुत नमूने को देखने के लिए दर्शकों को आकर्षित करती हैं।
धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर
कासगंज जिले में कई महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल हैं, जिनमें सोमेश्वर महादेव, मानस मंदिर, परशुराम मंदिर, बारह भगवान मंदिर, शानम बारह मंदिर, रघुनाथजी मंदिर, भूतेश्वर महादेव, फलुकनाथ मंदिर और श्री गंगा माता तेली वाला मंदिर शामिल हैं। इनमें से रघुनाथजी मंदिर एक प्राचीन मंदिर है।
सोरों, कासगंज का एक प्रमुख तीर्थ स्थान है, जो भगवान विष्णु के वराह अवतार से संबंधित है। यहाँ का वराह भवन मंदिर और श्री लालू वळे बालजी का मंदिर विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं। पौराणिक कहानियों के अनुसार, सोरों वह स्थान है जहां भगवान विष्णु ने वराह अवतार लेकर दानव हिरण्यकष को मारा और पृथ्वी को बचाया था।
संत तुलसीदास और अमीर खुसरो
कासगंज जिले के पटियाली तहसील से संत तुलसीदास और अमीर खुसरो का संबंध है। तुलसीदास जी ने यहां श्री राम की प्रशंसा में रामचरितमानस की रचना की थी। अमीर खुसरो, जिन्हें उर्दू का सर्वश्रेष्ठ कवि माना जाता है, का जन्म भी पटियाली में हुआ था। इन महान कवियों की साहित्यिक धरोहर ने इस क्षेत्र को विशेष पहचान दिलाई है।
गंगा नदी का पवित्र स्थान
गंगा नदी पर स्थित कछला पुल, सोरों से 12 किमी दूर बदायूं जिले में स्थित है। यह स्थान पवित्र गंगा स्नान के लिए प्रसिद्ध है और यहाँ लोग दूर-दूर से आकर स्नान करते हैं।
धार्मिक पर्यटन
कासगंज जिले में कई धार्मिक स्थल और मंदिर होने के कारण यह स्थान धार्मिक पर्यटन के लिए भी महत्वपूर्ण है। यहां के धार्मिक स्थलों पर देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु आते हैं, जिनमें राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और अन्य राज्य शामिल हैं।
निष्कर्ष
कासगंज का इतिहास, संस्कृति और धार्मिक महत्व इसे उत्तर प्रदेश का एक महत्वपूर्ण जिला बनाते हैं। यहाँ की प्राचीन कहानियाँ, धार्मिक स्थल, और महान कवियों की धरोहर इसे एक विशिष्ट पहचान देते हैं। कासगंज की समृद्ध धरोहर और आधुनिक विकास इसे एक प्रमुख सांस्कृतिक और धार्मिक केंद्र बनाते हैं, जो न केवल स्थानीय निवासियों के लिए बल्कि देश भर के श्रद्धालुओं के लिए भी आकर्षण का केंद्र है।