अपराध की घटनाएं अक्सर राज्य की सीमाओं को पार कर जाती हैं, जिससे पुलिस को अपराधियों को पकड़ने के लिए दूसरे राज्यों में प्रवेश करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में सवाल उठता है कि एक राज्य की पुलिस दूसरे राज्य में बिना अनुमति के कितनी दूर तक अपराधियों का पीछा कर सकती है। भारत में पुलिस व्यवस्था के तहत एक राज्य की पुलिस दूसरे राज्य में बिना अनुमति के एक निश्चित सीमा तक ही जा सकती है। इस नियम को “हॉट पर्सूट” (Hot Pursuit) कहा जाता है, जिसमें पुलिस द्वारा अपराधी का तुरंत पीछा किया जाता है।
भारत के कानून के अनुसार, पुलिस अपराधियों को पकड़ने के लिए दूसरे राज्य की सीमा में केवल 5 से 10 किलोमीटर तक ही प्रवेश कर सकती है। यदि पुलिस को इस सीमा से अधिक दूरी तक जाना हो तो उन्हें दूसरे राज्य की पुलिस या संबंधित अधिकारियों से अनुमति लेना आवश्यक होता है। इसका उद्देश्य राज्यों के बीच समन्वय स्थापित करना और कानून का सही प्रकार से पालन करना है। यह प्रावधान इसलिए है ताकि किसी भी राज्य की पुलिस अपनी सीमा से बाहर जाकर भी कानून का पालन करे और वहां के अधिकारों का उल्लंघन न हो।
“हॉट पर्सूट” की प्रक्रिया क्या है?
“हॉट पर्सूट” का तात्पर्य होता है जब एक पुलिस अधिकारी किसी अपराधी का तत्काल पीछा कर रहा हो, और उस दौरान अपराधी राज्य की सीमा पार कर दूसरे राज्य में प्रवेश कर जाता है। ऐसी स्थिति में कानून के तहत पुलिस को सीमित अधिकार मिलते हैं, जिससे वे अपराधी को पकड़ने के लिए तुरंत सीमा पार कर सकते हैं। हालांकि, पुलिस इस प्रक्रिया में केवल सीमित दूरी तक ही जा सकती है और उसे दूसरे राज्य के अधिकार क्षेत्र का सम्मान करना होता है।
इस तरह की स्थिति में अपराधियों को पकड़ने के लिए राज्यों के बीच एक औपचारिक प्रक्रिया होती है। जब अपराधी एक राज्य से दूसरे राज्य में प्रवेश करता है, तो पीछा कर रही पुलिस दूसरे राज्य के अधिकारियों को सूचना देती है। इसके बाद, उस राज्य की पुलिस स्थानीय स्तर पर अपराधी को पकड़ने में मदद करती है। यह समन्वय दोनों राज्यों की पुलिस के बीच विश्वास और सहयोग को बढ़ावा देता है और अपराधी की गिरफ्तारी को सुनिश्चित करता है।
राज्यों के बीच समन्वय का महत्व
पुलिस व्यवस्था में राज्यों के बीच समन्वय का महत्वपूर्ण योगदान होता है। बिना अनुमति के सीमित दूरी तक पीछा करने का नियम इस उद्देश्य से बनाया गया है कि कानून का पालन हो सके और पुलिस की कार्रवाई में किसी प्रकार की बाधा न आए। यदि एक राज्य की पुलिस को अधिक दूरी तक पीछा करना आवश्यक हो, तो उसे दूसरे राज्य की पुलिस से समन्वय करना चाहिए।
राज्यों के बीच समन्वय से न केवल अपराधियों को पकड़ना आसान होता है, बल्कि इससे कानून व्यवस्था भी सुदृढ़ होती है। अपराधी की गिरफ्तारी में देरी न हो इसके लिए राज्यों के बीच त्वरित और सही संचार जरूरी है। इसके अलावा, केंद्रीय एजेंसियां भी राज्यों के बीच समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, जिससे विशेष मामलों में अंतरराज्यीय अपराधों का समाधान किया जा सके।