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पाकिस्तान की बड़ी साजिश नाकाम: भारत के 15 शहरों को बनाया था निशाना, एयर डिफेंस सिस्टम ने हवा में ही मार गिराई मिसाइलें

भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान ने भारत के 15 प्रमुख शहरों पर मिसाइल हमला करने की गहरी साजिश रची थी। यह हमला भारत के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद किया गया जवाबी प्रयास था, लेकिन भारत की सतर्कता और उन्नत एयर डिफेंस सिस्टम के चलते पाकिस्तान की यह साजिश पूरी तरह नाकाम हो गई।

भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान की ओर से दागी गई मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया, जिससे न केवल भारत के शहर सुरक्षित बचे, बल्कि पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक और शर्मिंदगी झेलनी पड़ी। भारत की इस सफलता को “ऑपरेशन सिंदूर” नाम दिया गया है।

इन 15 शहरों को बनाया गया था निशाना:

  1. अवंतीपुरा
  2. श्रीनगर
  3. जम्मू
  4. पठानकोट
  5. अमृतसर
  6. कपूरथला
  7. जालंधर
  8. लुधियाना
  9. आदमपुर
  10. बठिंडा
  11. चंडीगढ़
  12. नल
  13. फलोदी
  14. उत्तरलाई
  15. भुज

इन सभी शहरों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी और भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने समय रहते मिसाइलों को ट्रैक कर उन्हें नष्ट कर दिया। यह भारत की सैन्य तकनीक और सतर्कता का बड़ा उदाहरण माना जा रहा है।

भारत का जवाब: आतंक के खिलाफ निर्णायक हमला

इस हमले से ठीक पहले भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का करारा जवाब देते हुए पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों पर मिसाइल से हमला किया था। इस हमले में कई आतंकी ठिकाने पूरी तरह तबाह कर दिए गए। भारतीय सेना की इस सर्जिकल स्ट्राइक ने पाकिस्तान की नींद उड़ा दी। बौखलाहट में पाकिस्तान ने भारत के शहरों को निशाना बनाने की कोशिश की, लेकिन भारत की एयर डिफेंस प्रणाली ने पाकिस्तान को एक बार फिर उसकी औकात दिखा दी।

पाकिस्तान में मचा हड़कंप

भारत की सटीक और प्रभावशाली कार्रवाई से पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। खबरों के मुताबिक, पाकिस्तान के कई शहरों में अब तक लगातार विस्फोट हो रहे हैं और वहां की जनता डर के साए में जी रही है। पाकिस्तान की सरकार और सेना को समझ नहीं आ रहा कि इस स्थिति से कैसे निपटा जाए।

भारत ने दी चेतावनी

भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि देश की सुरक्षा से कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा। यदि पाकिस्तान ने फिर कोई दुस्साहस किया, तो जवाब और भी कठोर होगा। प्रधानमंत्री कार्यालय ने सुरक्षा संबंधी उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है और सभी सीमावर्ती इलाकों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है।

भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर: भारत की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान में दहशत, जवाबी हमले में भारत ने किया पाक एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह

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भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर से तनाव चरम पर पहुंच गया है। सूत्रों के अनुसार, भारत ने आतंकवादी ठिकानों पर एक सफल सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया है, जिससे बौखलाए पाकिस्तान ने भारत के सीमावर्ती गांवों पर हमला करने की कोशिश की। हालांकि, भारत ने समय रहते अपने एयर डिफेंस सिस्टम की मदद से पाकिस्तान की ओर से दागी गई मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया।

भारत की इस जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की रणनीति पूरी तरह से विफल हो गई। भारतीय सेना ने न सिर्फ मिसाइल हमलों को रोका, बल्कि पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को भी पूरी तरह से तबाह कर दिया। यह कार्रवाई भारतीय वायुसेना द्वारा की गई जो पूरी तरह से योजनाबद्ध थी। भारत की इस तत्परता और सटीक हमले ने पाकिस्तान को चौंका दिया है।

इस हमले के बाद पाकिस्तान के कई बड़े शहरों में भारी अफरा-तफरी मच गई है। खबर है कि पाकिस्तान के लगभग 10 से 15 शहरों में लगातार विस्फोट हुए हैं, जिससे वहां की आम जनता में भय और दहशत का माहौल है। लाहौर, कराची, पेशावर, रावलपिंडी जैसे शहरों में लोग अपने घरों में दुबकने को मजबूर हो गए हैं। पाकिस्तान की मीडिया इस स्थिति को संभालने में असमर्थ नजर आ रही है और सरकार भी इस हालात से निपटने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा पाई है।

दूसरी ओर भारत सरकार और सेना ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ है और देश की सुरक्षा से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। भारतीय रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि यदि पाकिस्तान ने फिर से कोई दुस्साहस किया, तो भारत और भी कठोर कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगा। प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी सुरक्षा मामलों पर एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है और देश की सीमाओं की निगरानी को और अधिक मजबूत कर दिया गया है।

इस पूरे घटनाक्रम से साफ है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक युद्ध की ओर बढ़ रहा है और किसी भी कीमत पर अपने नागरिकों की सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा। वहीं पाकिस्तान में मची खलबली इस बात का संकेत है कि वहां की सरकार और सेना अब पूरी तरह से दबाव में है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस कार्रवाई को लेकर प्रतिक्रियाएं आने लगी हैं और कई देशों ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को समर्थन दिया है।

इस समय दोनों देशों की सीमाओं पर तनाव का माहौल बना हुआ है, लेकिन भारत पूरी तरह से सतर्क है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। यह घटनाक्रम आने वाले दिनों में दक्षिण एशिया की राजनीति को एक नई दिशा दे सकता है।

अलीगढ़ में बड़ा सड़क हादसा: पुलिस वैन और कैंटर की टक्कर में चार की दर्दनाक मौत

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उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले से एक दर्दनाक हादसे की खबर सामने आई है। यहां कोर्ट में पेशी के लिए जा रही पुलिस वैन एक तेज रफ्तार कैंटर से टकरा गई, जिससे मौके पर ही चार लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में एक पुलिस निरीक्षक, दो कांस्टेबल और एक बंदी शामिल है। हादसा इतना भीषण था कि वैन के परखच्चे उड़ गए। यह हादसा अलीगढ़-पलवल मार्ग पर गंगीरी थाना क्षेत्र के पास हुआ।

इस हादसे में जान गंवाने वालों की पहचान पुलिस निरीक्षक सेंसरपाल सिंह, कांस्टेबल हरिओम, कांस्टेबल विपिन कुमार और बंदी मोहम्मद हसन के रूप में हुई है। सभी लोग हाथरस से कोर्ट में पेशी के लिए बंदी को लेकर अलीगढ़ जा रहे थे। तभी सामने से आ रहे एक कैंटर ने पुलिस वैन को जोरदार टक्कर मार दी।

हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और राहत टीम मौके पर पहुंची। वैन में फंसे घायलों को बाहर निकालने के लिए गैस कटर से दरवाजे और छत को काटना पड़ा। चार लोगों की मौके पर ही मौत हो चुकी थी, जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए जिन्हें जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।

घटना के बाद कैंटर का ड्राइवर मौके से फरार हो गया। पुलिस ने कैंटर को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। प्राथमिक जांच में बताया जा रहा है कि कैंटर की रफ्तार काफी तेज थी और उसने सामने से आ रही पुलिस वैन को सीधी टक्कर मार दी।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर गहरा शोक जताया है। उन्होंने मृतकों के परिवार को सांत्वना दी और अधिकारियों को निर्देश दिए कि घायलों के इलाज में कोई कमी न आने पाए। साथ ही मृतकों के परिजनों को सरकारी सहायता जल्द से जल्द उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए गए हैं।

इस घटना ने फिर एक बार यह सवाल खड़ा कर दिया है कि सड़कों पर वाहनों की तेज रफ्तार और लापरवाही से चलना कितना खतरनाक साबित हो सकता है। पुलिस विभाग में भी इस घटना से शोक की लहर है। मृतक पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी जा रही है और विभागीय स्तर पर उनके परिजनों को सहायता प्रदान करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

हादसे की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं। यह हादसा न केवल चार जिंदगियों को लील गया, बल्कि कई परिवारों को गहरे शोक में डुबो गया। यह समय है जब सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों का कड़ाई से पालन करवाना बेहद जरूरी हो गया है।

Indian Army precision strike: ऑपरेशन सिंदूर: भारत की सर्जिकल स्ट्राइक का प्रतीकात्मक और रणनीतिक संदेश

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7 मई 2025 की रात भारत ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया कि वह अपने नागरिकों की सुरक्षा और संप्रभुता से कोई समझौता नहीं करेगा। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की जान गई थी, पूरे देश में गुस्से की लहर दौड़ गई। हर नागरिक की निगाहें सरकार की अगली कार्रवाई पर टिकी थीं। और भारत ने देर नहीं की—रात 1:00 बजे भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद आतंकियों के नौ ठिकानों पर सटीक हमला किया। इस जवाबी कार्रवाई को नाम दिया गया “ऑपरेशन सिंदूर”, जो न सिर्फ सैन्य कार्रवाई है, बल्कि एक गहरा सांस्कृतिक और मनोवैज्ञानिक संदेश भी है।

क्यों “ऑपरेशन सिंदूर”?

“सिंदूर” भारतीय संस्कृति में पत्नी के सुहाग का प्रतीक होता है—सम्मान, प्रेम और सुरक्षा का प्रतीक। जब आतंकियों ने निर्दोष नागरिकों की जान ली, तब उन्होंने हर भारतीय के आत्मसम्मान और शांति पर वार किया। ऐसे में “ऑपरेशन सिंदूर” एक संदेश है कि जब देश की अस्मिता पर हमला होगा, तब भारत चुप नहीं बैठेगा। यह नाम नारी शक्ति और मातृभूमि की रक्षा के उस संकल्प का भी प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें दुश्मन को करारा जवाब देना जरूरी हो जाता है।

ऑपरेशन की रणनीति और निष्पादन

सरकारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, भारत की इस कार्रवाई में नौ अलग-अलग आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। यह सभी ठिकाने पाकिस्तान और PoK में स्थित थे, जहां से भारत विरोधी आतंकवादी गतिविधियों की योजना बनाई जा रही थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हमले में कम से कम 12 आतंकवादी मारे गए हैं और एक पाकिस्तानी लड़ाकू विमान को भी मार गिराया गया है जो भारतीय सीमा की ओर बढ़ रहा था।

विशेष बात यह रही कि भारत ने बेहद सावधानी से केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। पाकिस्तानी सेना की किसी भी इमारत या ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया, जिससे यह संदेश भी स्पष्ट हो गया कि भारत की यह कार्रवाई गैर-आक्रामक है और केवल आतंकी संगठनों के खिलाफ है।

अंतरराष्ट्रीय संदर्भ और संदेश

“ऑपरेशन सिंदूर” भारत की इस नीति को फिर से रेखांकित करता है कि आतंकवाद के खिलाफ उसकी लड़ाई सख्त है और किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस ऑपरेशन ने न सिर्फ आतंकवादियों के मन में डर बैठाया है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी यह दिखाया है कि भारत आतंक को लेकर कितनी गंभीरता से कदम उठाता है।

जनता और राजनीतिक प्रतिक्रिया

देशभर में इस ऑपरेशन की सराहना हो रही है। सोशल मीडिया पर “ऑपरेशन सिंदूर” ट्रेंड कर रहा है। राजनीतिक दलों से लेकर आम जनता तक हर कोई इस कार्रवाई को एक सशक्त संदेश के रूप में देख रहा है। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह आगे भी देश की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए ऐसी ही कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगी।

भारत का करारा जवाब: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में 9 आतंकी कैंप तबाह, 12 आतंकी ढेर, पाकिस्तानी फाइटर प्लेन भी गिराया गया।

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नई दिल्ली: भारत ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ किसी भी हद तक जा सकता है। 7 मई 2025 को भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमला कर 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। इस कार्रवाई में अब तक मिली जानकारी के अनुसार 12 आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है।

प्रतीकात्मक फोटो

यह सर्जिकल स्ट्राइक हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले के बाद की गई, जिसमें 25 भारतीय नागरिकों और एक नेपाली नागरिक की मौत हो गई थी। इस हमले के बाद देशभर में गुस्से की लहर दौड़ गई थी और लोग सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे थे।

रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी प्रेस रिलीज़ के अनुसार, भारतीय सेना की इस कार्रवाई में केवल आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाया गया और किसी भी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने पर हमला नहीं किया गया। इस हमले को बेहद सटीक, संतुलित और संयमित तरीके से अंजाम दिया गया।

ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गई इस जवाबी कार्रवाई ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलता है और अपने नागरिकों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करता। भारत ने यह सुनिश्चित किया कि हमला केवल उन स्थानों पर हो जहां से आतंकवादी गतिविधियों की योजना बनाई जाती थी।

इस कार्रवाई में भारत ने पाकिस्तान के एक फाइटर प्लेन को भी मार गिराया है, जो भारतीय सीमा के नजदीक संदिग्ध गतिविधि कर रहा था। यह कदम पाकिस्तान को यह संदेश देने के लिए पर्याप्त है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ केवल बयानबाज़ी नहीं बल्कि ठोस कदम उठाएगा।

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस कार्रवाई का उद्देश्य केवल आत्मरक्षा है और यह किसी भी प्रकार से उकसावे की कार्रवाई नहीं है।

आज ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर एक विस्तृत प्रेस ब्रीफिंग की जाएगी, जिसमें पूरे अभियान की रणनीति, परिणाम और भविष्य की कार्रवाई के बारे में जानकारी दी जाएगी।

होटल के कमरे में प्रेमी युगल के शव मिलने से हड़कंप, नौवीं की छात्रा और शिक्षक ने जहर खाकर दी जान

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उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक निजी स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक और उसी स्कूल में पढ़ने वाली नाबालिग छात्रा के शव एक होटल के कमरे से बरामद हुए हैं। यह दर्दनाक घटना रोरावर थाना क्षेत्र के खेरेश्वर चौराहे के निकट स्थित होटल ‘रॉयल रेस्पाइट’ में हुई। होटल के कमरा नंबर 204 से दोनों की लाश मिलने के बाद इलाके में सनसनी फैल गई।

जानकारी के अनुसार, होटल संचालक ने दोनों की संदिग्ध स्थिति को देखकर डायल 112 पर पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

मृतक युवक की पहचान चंद्रभान के रूप में हुई है, जिसकी उम्र 24 वर्ष थी और वह ज्वालाजीपुरम बन्नादेवी क्षेत्र के रहने वाले प्रमोद कुमार का बेटा था। चंद्रभान मेलरोज बाईपास संत नगर स्थित एक निजी स्कूल में शिक्षक था। पुलिस के अनुसार, चंद्रभान को उसी स्कूल में पढ़ने वाली कक्षा नौवीं की 14 वर्षीय छात्रा से प्रेम हो गया था। लड़की भी बन्नादेवी इलाके की ही रहने वाली बताई जा रही है।

जानकारी में यह भी सामने आया कि छात्रा चंद्रभान के पास ट्यूशन पढ़ने भी जाती थी, जहां उनके बीच नजदीकियां बढ़ीं। जब दोनों के प्रेम-प्रसंग की जानकारी उनके परिवार वालों को हुई तो दोनों ही पक्षों ने इसका विरोध किया। लड़की के परिवार वालों ने ट्यूशन जाना बंद करा दिया, लेकिन स्कूल में दोनों मिलते रहे।

चंद्रभान के पिता प्रमोद कुमार ने बताया कि जब उन्हें इस संबंध में पता चला तो उन्होंने बेटे को समझाने की कोशिश की और लड़की के परिजनों से भी बातचीत की, लेकिन दोनों एक साथ रहने की जिद पर अड़े हुए थे।

सोमवार को दोनों ने होटल ‘रॉयल रेस्पाइट’ में एक कमरा बुक किया। बताया जा रहा है कि लड़की ने फर्जी आधार कार्ड दिखाकर कमरा नंबर 204 बुक कराया। होटल स्टाफ को बताया गया कि वे दो-तीन घंटे बात करेंगे और फिर चले जाएंगे। लेकिन कई घंटे गुजर जाने के बाद जब दोनों बाहर नहीं निकले तो होटल कर्मियों को शक हुआ।

होटल संचालक ने पहले दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। इसके बाद मास्टर चाबी से दरवाजा खोला गया, तो दोनों को मृत अवस्था में पाया गया।

सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। एएसपी मयंक पाठक ने बताया कि प्रथम दृष्टया मामला जहर खाकर आत्महत्या करने का लग रहा है। घटनास्थल की फील्ड यूनिट द्वारा जांच की गई है और दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

पुलिस का कहना है कि पूरे मामले की गहनता से जांच की जा रही है। होटल में लगे सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले जा रहे हैं और होटल स्टाफ से पूछताछ की जा रही है। फिलहाल मौके पर स्थिति शांत है और परिजनों को सूचित कर दिया गया है।

यह घटना समाज में किशोर प्रेम संबंधों, उनके मानसिक तनाव और सामाजिक दबावों को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है। पुलिस मामले की हर पहलू से जांच कर रही है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही असली कारण स्पष्ट हो पाएगा।

कानपुर: छह मंजिला इमारत में लगी भीषण आग, जूता कारोबारी दानिश और उसके परिवार के पांच लोगों की मौत

कानपुर के चमनगंज थाना क्षेत्र के प्रेमनगर इलाके में रविवार रात भीषण हादसा हो गया, जब एक छह मंजिला इमारत के भूतल पर स्थित जूते के कारखाने में आग लग गई। रात करीब 9:30 बजे शुरू हुई यह आग इतनी विकराल थी कि इमारत के ऊपरी मंजिलों तक फैल गई। आग से उठती ऊंची-ऊंची लपटों और धुएं को देखकर इलाके में अफरा-तफरी मच गई। दमकल की करीब 35 गाड़ियां रात भर आग बुझाने के प्रयास में जुटी रहीं और सोमवार सुबह तक इस पर काबू पाया जा सका।

इस दर्दनाक हादसे में जूता कारोबारी दानिश, उसकी पत्नी नाजनीन और उनकी तीन बेटियों की मौत हो गई। आग बुझाने के दौरान दमकल कर्मियों ने रात करीब तीन बजे इन सभी के जले हुए शव इमारत से बाहर निकाले। प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, प्रेमनगर निवासी दानिश की यह छह मंजिला इमारत थी, जिसमें वह अपने भाई कासिफ के साथ रहते थे। इमारत के भूतल पर दानिश का मिलिट्री जूते बनाने का कारखाना और उसके ऊपर गोदाम स्थित था, जबकि अन्य मंजिलों पर जूते स्टोर किए गए थे।

रविवार को फैक्ट्री बंद थी, लेकिन अचानक रात में आग लग गई। आग फैलती देख कई लोग इमारत से बाहर निकलने में सफल रहे, लेकिन दानिश और उनका परिवार भीतर ही फंसा रह गया। घटना की सूचना मिलते ही मुख्य अग्निशमन अधिकारी दीपक शर्मा अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। करीब 200 मीटर के दायरे को सील कर राहत और बचाव कार्य शुरू किया गया। एहतियातन आसपास की इमारतों को भी खाली कराया गया। मौके पर एडीएम राजेश सिंह और एक दर्जन से अधिक थानों की पुलिस फोर्स तैनात की गई, साथ ही एसडीआरएफ की टीम भी बुला ली गई।

आग की विकरालता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इमारत में दरारें तक पड़ गईं। अंदर जल रहे चमड़े के जूते और केमिकल की वजह से निकला धुआं बेहद जहरीला था, जिससे सांस लेना मुश्किल हो गया। हवा में फैले इस धुएं ने आसपास के मकानों को भी अपनी चपेट में ले लिया। लोगों ने बताया कि उनके पंखों और कूलर ने धुआं खींच कर घरों के अंदर भर दिया, जिससे कई बुजुर्ग और बीमार लोगों की तबीयत बिगड़ गई। कई लोगों को उल्टियां और सांस लेने में कठिनाई हुई।

अपनी जान बचाने के लिए लोगों ने मुंह पर गीला कपड़ा बांध लिया। दमकल कर्मियों ने इमारत के दोनों तरफ की दीवारों को हथौड़ों से तोड़ा, ताकि धुआं निकल सके और वे अंदर प्रवेश कर सकें। बिजली आपूर्ति पूरी तरह काट दी गई थी। सोमवार सुबह तक आग बुझाने का काम पूरा हो सका।

इस हादसे के बाद कानपुर शहर में शोक की लहर है। डीसीपी सेंट्रल दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि आग का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है और काफी कोशिशों के बावजूद दानिश और उनके परिवार को नहीं बचाया जा सका। प्रशासन और पुलिस मामले की जांच कर रही है।

Bhadohi News: थाने में गूंजे सात फेरे: भदोही पुलिस ने कराई प्रेमी युगल की शादी, मंदिर में रचाया गया विवाह

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उत्तर प्रदेश के भदोही जनपद से एक ऐसी खबर सामने आई है, जो आमतौर पर पुलिस से जुड़ी कठोर छवि को पूरी तरह बदल देती है। यहां भदोही पुलिस ने एक प्रेमी युगल की शादी कराकर न केवल उनके जीवन को नई दिशा दी, बल्कि समाज को भी एक सकारात्मक संदेश दिया।

घटना भदोही जिले के एक थाना क्षेत्र की है, जहां एक प्रेमी जोड़ा समाज और परिजनों की मर्यादाओं से बंधा हुआ था। युवक और युवती एक-दूसरे से प्रेम करते थे, लेकिन उनके रिश्ते को परिवार की स्वीकृति नहीं मिल पा रही थी। ऐसे में दोनों ने पुलिस की शरण ली और अपनी समस्या से अवगत कराया। मामला प्रेम-संबंधों से जुड़ा था, लेकिन पुलिस ने न केवल गंभीरता दिखाई, बल्कि संवेदनशीलता का परिचय भी दिया।

थाने में तैनात पुलिस अधिकारियों ने दोनों पक्षों को समझाया, परिवारवालों से बातचीत की और अंततः दोनों परिवारों की सहमति के साथ प्रेमी जोड़े की शादी थाना परिसर स्थित मंदिर में कराई गई। विवाह संस्कार विधिवत रूप से पंडित के मंत्रोच्चार के साथ सम्पन्न हुआ। इस मौके पर थाने में मौजूद पुलिसकर्मी भी साक्षी बने।

शादी के बाद वर-वधू ने पुलिस अधिकारियों और मौजूद स्टाफ को मिठाई खिलाकर आशीर्वाद लिया। इस दौरान वहां मौजूद सभी लोगों के चेहरे पर खुशी और संतोष झलक रहा था। थाना परिसर एक पल के लिए परिवार जैसा प्रतीत हो रहा था, जहां प्रेम और विश्वास का माहौल बना हुआ था।

पुलिस की मानवीय पहल की हो रही सराहना

इस मानवीय पहल के बाद भदोही पुलिस की पूरे इलाके में सराहना हो रही है। सोशल मीडिया पर लोग इसे ‘पुलिस के चेहरे का भावनात्मक पक्ष’ कह रहे हैं। जहां आमतौर पर पुलिस को कड़ाई और सख्ती का प्रतीक माना जाता है, वहीं भदोही पुलिस की यह पहल एक नई छवि सामने लाती है।

थानाध्यक्ष का बयान

थानाध्यक्ष ने कहा, “पुलिस का काम सिर्फ अपराध रोकना नहीं, बल्कि समाज में समरसता और शांति बनाए रखना भी है। अगर हम किसी का जीवन बेहतर बना सकते हैं तो यह हमारा कर्तव्य है।” उन्होंने यह भी कहा कि दोनों युवक-युवती बालिग हैं और उनकी सहमति से ही विवाह संपन्न कराया गया है।

गर्मियों में कौन सा फल है सबसे ज्यादा फायदेमंद? जानिए स्वास्थ्य के लिए क्यों जरूरी है इसका सेवन

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गर्मियों का मौसम जहां लू, डिहाइड्रेशन और थकावट जैसी समस्याएं साथ लाता है, वहीं यह ताजगी देने वाले मौसमी फलों का भी राजा है। गर्मी में शरीर को ठंडक और पोषण देने वाले फलों की मांग बढ़ जाती है। लेकिन जब बात होती है सबसे फायदेमंद फल की, तो तरबूज (Watermelon) को इस सूची में सबसे ऊपर रखा जाता है।

तरबूज: शरीर को ठंडक देने वाला फल

तरबूज में लगभग 92% पानी होता है, जो शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है और आपको डिहाइड्रेशन से बचाता है। इसका सेवन गर्मियों में प्राकृतिक रूप से ठंडक प्रदान करता है और लू से बचाव में सहायक होता है। यह विटामिन A, C, B6 और पोटैशियम का भी बेहतरीन स्रोत है।

तरबूज खाने के जबरदस्त फायदे

  • हाइड्रेशन: पानी की भरपूर मात्रा शरीर को अंदर से ठंडा रखती है।
  • स्किन ग्लो: इसमें मौजूद विटामिन C त्वचा को चमकदार और जवां बनाता है।
  • दिल को रखे दुरुस्त: लाइकोपीन जैसे एंटीऑक्सीडेंट हृदय की सेहत के लिए बेहद फायदेमंद हैं।
  • पाचन को बेहतर बनाए: इसमें मौजूद फाइबर कब्ज की समस्या से राहत देता है।
  • वजन घटाने में सहायक: लो कैलोरी और हाई वाटर कंटेंट इसे वजन कम करने वालों के लिए आदर्श बनाते हैं।

तरबूज के अलावा गर्मियों में और कौन से फल खाएं?

  • खरबूजा: पेट को ठंडक देने वाला और हाइड्रेशन में सहायक।
  • आम: ऊर्जा का भंडार, लेकिन सीमित मात्रा में सेवन जरूरी।
  • लीची: स्वादिष्ट और एनर्जी बूस्टर फल।
  • ककड़ी और खीरा: गर्मियों में ठंडक देने वाला सर्वोत्तम विकल्प।
  • नारियल पानी: मिनरल्स और इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर।

तरबूज कब और कैसे खाएं?

  • तरबूज को दिन में खाना सबसे लाभकारी होता है।
  • इसे कभी भी दूध या दही के साथ न खाएं।
  • खाने के तुरंत बाद या खाली पेट इसका सेवन करने से बचें।

Deoria News: भाटपार रानी में अवैध पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर यूनिट पर छापा, 1022 लीटर पानी जब्त

देवरिया: खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग, जनपद देवरिया द्वारा एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया है। अभिसूचना के आधार पर शनिवार को भाटपार रानी क्षेत्र में एक अवैध रूप से संचालित पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर निर्माण इकाई पर छापेमारी की गई। यह कार्रवाई सहायक आयुक्त (खाद्य) द्वितीय, जनपद देवरिया के नेतृत्व में की गई। टीम में मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी राजीव मिश्र, खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्री राम यादव एवं घनश्याम वर्मा शामिल रहे।

जांच के दौरान यह पाया गया कि यह निर्माण इकाई बिना किसी वैध लाइसेंस के “जल वेग” नामक ब्रांड के तहत पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर का उत्पादन कर रही थी। नियमों के अनुसार पैकेज्ड वाटर का निर्माण केवल वैध लाइसेंस प्राप्त करने के बाद ही किया जा सकता है, लेकिन इस इकाई ने न तो आवश्यक लाइसेंस लिया था और न ही गुणवत्ता नियंत्रण से संबंधित मानकों का पालन किया था।

कार्रवाई के दौरान ब्रांड “जल वेग” के एक नमूने को जांच के लिए संग्रहित किया गया है। साथ ही विनिर्माण इकाई में पाए गए 1022 लीटर तैयार पैकेज्ड पानी को जब्त कर लिया गया। जब्त किए गए पानी की अनुमानित बाजार कीमत लगभग ₹12,300 बताई जा रही है। इसके अतिरिक्त, वहां स्थापित उत्पादन मशीनों को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया गया और उत्पादन कार्य को बंद करवा दिया गया।

खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार इस तरह की अवैध गतिविधियों से आमजन की सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। बिना मानक परीक्षणों के निर्मित और वितरित किया गया पेयजल न केवल अस्वास्थ्यकर होता है बल्कि गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकता है। ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाती है ताकि भविष्य में इस तरह की गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सके।

खाद्य विभाग के अधिकारियों ने यह भी बताया कि जल आपूर्ति और पैकेजिंग से जुड़े उद्योगों की नियमित निगरानी की जाएगी और बिना लाइसेंस संचालित किसी भी इकाई पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। आम नागरिकों से भी अपील की गई है कि वे पैकेज्ड वाटर खरीदते समय उसके ब्रांड, लाइसेंस नंबर और निर्माण की जानकारी अवश्य जांच लें।

इस छापेमारी से क्षेत्र में हड़कंप मच गया है और अन्य ऐसे अवैध इकाइयों पर भी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है। विभाग की इस तत्परता की सराहना की जा रही है, जिसने जनहित में एक बड़ा कदम उठाया है।

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bhatni railway station: भटनी जंक्शन पर वंदे भारत ट्रेनों के लिए बनेगा अत्याधुनिक सर्विस सेंटर, तैयारियां शुरू।

पूर्वोत्तर रेलवे के महत्वपूर्ण स्टेशनों में शामिल भटनी जंक्शन अब वंदे भारत ट्रेनों के रखरखाव का बड़ा केंद्र बनने जा रहा है। रेलवे प्रशासन ने इस दिशा में अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। भटनी रेलवे स्टेशन के उत्तर दिशा में खाली पड़ी जमीन पर वंदे भारत जैसी हाईस्पीड ट्रेनों के लिए अत्याधुनिक सर्विस सेंटर बनाने की योजना पर तेजी से काम हो रहा है। इसके तहत रेलवे लाइन बिछाने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है।

गोरखपुर में तीसरी रेल लाइन के निर्माण कार्य के पूरा होने के साथ ही इस रूट पर वंदे भारत ट्रेनों का संचालन भी शुरू हो जाएगा। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, भटनी जंक्शन का चयन रणनीतिक दृष्टि से किया गया है। यहां पर यात्री सुविधाओं के साथ-साथ तकनीकी संसाधनों का तेजी से विस्तार हो रहा है। गोरखपुर के बाद भटनी ऐसा प्रमुख स्टेशन है, जहां रेलवे की भूमि उपलब्ध है और इसे बिहार तथा वाराणसी रेलखंड से जोड़ने का फायदा भी है।

रेलवे का मानना है कि वंदे भारत जैसी प्रीमियम ट्रेनों के कुशल संचालन के लिए सर्विस सेंटर का निर्माण जरूरी है। इसलिए भटनी में न केवल विशेष साजो-सामान की व्यवस्था की जाएगी, बल्कि एक प्रशिक्षित तकनीकी टीम भी तैनात की जाएगी, जो वंदे भारत ट्रेनों के रखरखाव और मरम्मत का कार्य करेगी। इससे ट्रेनों के समय पर संचालन और उच्च गुणवत्ता की सेवाएं सुनिश्चित की जा सकेंगी।

तीसरी लाइन के निर्माण से इस मार्ग पर ट्रेनों की आवाजाही और भी सुगम होगी। इससे न केवल यात्रा समय में कटौती होगी, बल्कि यात्रियों को तेज, सुरक्षित और आरामदायक सफर का अनुभव भी मिलेगा। वंदे भारत जैसी अत्याधुनिक ट्रेनों के संचालन से भटनी जंक्शन का महत्व राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ेगा।

स्थानीय व्यापारियों और नागरिकों में रेलवे के इस फैसले को लेकर खुशी का माहौल है। उन्हें उम्मीद है कि वंदे भारत ट्रेनों के संचालन से भटनी और आसपास के क्षेत्रों में व्यापार, रोजगार और आर्थिक गतिविधियों को नई रफ्तार मिलेगी। स्थानीय लोगों का मानना है कि इससे क्षेत्र को एक नई पहचान मिलेगी और पर्यटन के क्षेत्र में भी विकास के अवसर पैदा होंगे।

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि सर्विस सेंटर के निर्माण से भटनी जंक्शन का कायाकल्प होगा। आने वाले समय में यहां यात्रियों के लिए नई सुविधाओं का भी विस्तार किया जाएगा। प्लेटफॉर्म के आधुनिकीकरण, वेटिंग हॉल, लाउंज और पार्किंग जैसी सुविधाओं को बेहतर बनाया जाएगा ताकि यात्रियों को बेहतर अनुभव मिल सके।

इस परियोजना के पूरा होने के बाद भटनी जंक्शन न केवल एक प्रमुख यात्री केंद्र बनेगा, बल्कि तकनीकी दृष्टि से भी एक मॉडल स्टेशन के रूप में उभरेगा। वंदे भारत ट्रेनों की शुरूआत से यह क्षेत्र न केवल तेज रफ्तार ट्रेनों से जुड़ जाएगा, बल्कि आर्थिक विकास की नई धारा भी बहेगी।

रेलवे प्रशासन इस कार्य को प्राथमिकता पर ले रहा है और जल्दी ही इसका लाभ यात्रियों और क्षेत्रवासियों को मिलना शुरू हो जाएगा। भविष्य में भटनी से देश के अन्य प्रमुख शहरों तक वंदे भारत ट्रेनों का सीधा और तेज कनेक्शन स्थापित होने की पूरी संभावना है।

Deoria News: देवरिया में नाबालिक लड़की के साथ दरिंदगी: रिश्तेदार ने किया कुकर्म, मासूम ने जन्म दिया बच्चे को

देवरिया, उत्तर प्रदेश – उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में एक हैरान कर देने वाली और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहाँ एक नाबालिक लड़की के साथ उसके ही नजदीकी रिश्तेदार ने बलात्कार किया, जिसके परिणामस्वरूप वह गर्भवती हो गई और उसने एक बच्चे को जन्म दिया। यह मामला देवरिया जिले के तरकुलवा थाना क्षेत्र के एक गाँव का है, जहाँ पीड़िता की उम्र अभी इतनी कम थी कि वह शारीरिक और मानसिक रूप से इस तरह की घटना को समझने और सहने की स्थिति में भी नहीं थी।

प्रतीकात्मक फोटो

सोशल मीडिया से मिली जानकारी, पुलिस ने की कार्रवाई

इस मामले की जानकारी सबसे पहले सोशल मीडिया के माध्यम से सामने आई। जब देवरिया पुलिस को इस घटना के बारे में पता चला, तो उन्होंने तुरंत पीड़िता के परिवार से संपर्क किया। परिवार वालों ने पुलिस के सामने आरोपी के खिलाफ तहरीर देकर कानूनी कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और अब उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।

कौन है आरोपी? समाज में सवाल

आरोपी पीड़िता का ही नजदीकी रिश्तेदार है, जिसने उसकी मासूमियत और भरोसे का फायदा उठाकर उसके साथ यह जघन्य अपराध किया। इस घटना ने पूरे समाज में आक्रोश पैदा कर दिया है, क्योंकि जिस उम्र में एक लड़की का शारीरिक और मानसिक विकास होना चाहिए, उस उम्र में उसके साथ हुई इस दरिंदगी ने उसकी पूरी जिंदगी बर्बाद कर दी।

नाबालिकों के साथ बलात्कार: एक सामाजिक अभिशाप

यह मामला नाबालिक लड़कियों के साथ हो रहे यौन शोषण की एक और कड़ी है, जो समाज के सामने एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। बच्चियों की सुरक्षा और उनके अधिकारों को लेकर कानून तो मौजूद हैं, लेकिन ऐसे मामले लगातार सामने आ रहे हैं, जो यह साबित करते हैं कि समाज और प्रशासन को इस दिशा में और सख्त कदम उठाने की जरूरत है।

पॉक्सो एक्ट के तहत होगी सख्त कार्रवाई

चूंकि पीड़िता नाबालिक है, इसलिए इस मामले में पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस कानून के अंतर्गत नाबालिकों के साथ यौन शोषण करने वाले आरोपियों को कड़ी सजा का प्रावधान है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है और मामले की गहन जाँच की जा रही है।

पीड़िता और नवजात की हालत क्या है?

पीड़िता और उसके नवजात बच्चे की हालत अभी स्थिर बताई जा रही है, लेकिन मानसिक रूप से वह गहरे सदमे से गुजर रही है। परिवार वाले भी इस घटना से बेहद आहत हैं और आरोपी के खिलाफ कड़ी से कड़ी सजा की मांग कर रहे हैं। स्थानीय समाजसेवी संगठनों ने भी पीड़िता और उसके परिवार को सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है।

समाज और प्रशासन की जिम्मेदारी

इस घटना ने एक बार फिर समाज और प्रशासन के सामने बच्चियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ऐसे मामलों में न सिर्फ आरोपियों को सजा मिलनी चाहिए, बल्कि समाज को भी जागरूक होकर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आगे आना चाहिए। साथ ही, बच्चों को यौन शोषण के प्रति जागरूक करने और उन्हें सुरक्षित माहौल देने की जिम्मेदारी भी समाज की ही है।

UP JOB NEWS: उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए बड़ी सौगात: 2 लाख युवाओं को अग्नि सुरक्षा के क्षेत्र में मिलेगा रोजगार, सीएम योगी की अनोखी पहल

उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए एक नई और सराहनीय पहल की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राज्य सरकार अब दो लाख से अधिक युवाओं को अग्नि सुरक्षा अधिकारी और अग्नि सुरक्षा कर्मी के रूप में नौकरी देने जा रही है। यह योजना प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के लिए न सिर्फ रोजगार का साधन बनेगी, बल्कि उत्तर प्रदेश को आपदा प्रबंधन और अग्नि सुरक्षा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाएगी।

इस योजना के अंतर्गत युवाओं को अग्निशमन विभाग द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, जिसके बाद उन्हें मॉल, मल्टीप्लेक्स, अस्पताल, स्कूल, औद्योगिक भवनों और ऊंची इमारतों में रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। विभाग द्वारा युवाओं को एक हफ्ते से लेकर चार हफ्ते तक का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के उपरांत युवाओं को प्रमाणपत्र भी प्रदान किया जाएगा, जिससे उन्हें निजी संस्थानों में नौकरी पाने में सुविधा होगी।

उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बनने जा रहा है, जो युवाओं को अग्निशमन का प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार से जोड़ेगा। ‘उत्तर प्रदेश अग्निशमन तथा आपात सेवा अधिनियम-2022’ के तहत अब प्रदेश के निजी भवनों में अग्नि सुरक्षा अधिकारी और कर्मियों की नियुक्ति अनिवार्य कर दी गई है। इस अधिनियम को केंद्र सरकार के ‘मॉडल फायर सर्विस बिल-2019’ के अनुसार तैयार किया गया है।

प्रदेश में युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए उन्नाव स्थित ट्रेनिंग सेंटर की क्षमता को 196 से बढ़ाकर 600 किया जा रहा है। इसके अलावा रीजनल ट्रेनिंग सेंटरों की स्थापना की भी योजना है, जिससे आम नागरिकों, कंपनियों और संस्थाओं के कर्मचारियों को भी उच्च स्तरीय प्रशिक्षण दिया जा सके। यह पहल प्रदेश को अग्नि सुरक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर और सशक्त बनाएगी।

अग्निशमन विभाग की एडीजी पद्मजा चौहान के अनुसार, अब मॉल, 100 बेड से अधिक क्षमता वाले अस्पताल, 24 मीटर से ऊंचे गैर आवासीय भवन, 45 मीटर से ऊंचे आवासीय भवन, और 10,000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले औद्योगिक भवनों में अग्नि सुरक्षा अधिकारी और कर्मियों की तैनाती अनिवार्य होगी।

इन पदों के लिए भी योग्यता तय कर दी गई है। अग्नि सुरक्षा अधिकारी बनने के लिए न्यूनतम उम्र 18 वर्ष है और इच्छुक युवक-युवतियां अपने जनपद के किसी भी फायर स्टेशन में एक सप्ताह का प्रशिक्षण लेकर इस पद के लिए पात्र बन सकते हैं। वहीं अग्नि सुरक्षा कर्मी बनने के लिए कक्षा 10 उत्तीर्ण होना जरूरी है। इच्छुक व्यक्ति फायर स्टेशन से चार सप्ताह का प्रशिक्षण प्राप्त कर या दो वर्षों तक फायर वॉलंटियर के रूप में सेवा देकर इस पद पर नियुक्त हो सकता है।

योगी सरकार की यह योजना प्रदेश के युवाओं को स्वरोजगार की दिशा में सशक्त बनाएगी, साथ ही पूरे प्रदेश को आगजनी जैसी घटनाओं से निपटने में अधिक सक्षम बनाएगी। यह पहल न केवल उत्तर प्रदेश को देश में अग्नि सुरक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनाएगी, बल्कि अन्य राज्यों के लिए एक आदर्श मॉडल भी प्रस्तुत करेगी।

Deoria News: 27 लाख की चोरी की कहानी ने मचाया हड़कंप, लेकिन जब पुलिस ने सच्चाई बताई तो उड़ गए होश

देवरिया जिले के तरकुलवा थाना क्षेत्र में उस समय हड़कंप मच गया जब 112 पर एक सूचना प्राप्त हुई कि सोनौल्हा रामपुर में एक व्यक्ति का कीमती सामानों से भरा बैग चोरी हो गया है। पीड़ित व्यक्ति, पंकज वर्मा ने पुलिस को बताया कि वह एक चाय की दुकान पर चाय पी रहे थे और वहां अपना बैग भूल गए, जिसमें 5 लाख रुपये नकद और लगभग 200 ग्राम सोने के आभूषण थे। उन्होंने दावा किया कि कुल सामान की कीमत करीब 27 से 28 लाख रुपये है।

जैसे ही यह सूचना पुलिस को मिली, तत्काल तरकुलवा थाने की टीम, क्षेत्राधिकारी और अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तत्काल जांच शुरू की। चाय की दुकान के आसपास के इलाकों की छानबीन की गई, सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए और प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ की गई। जांच के कुछ ही घंटों में पुलिस को मामला संदिग्ध लगने लगा।

जांच के दौरान पुलिस को कई बातें मेल नहीं खाईं। पंकज वर्मा की बातों में विरोधाभास सामने आने लगे। पुलिस की सख्ती और गहराई से पूछताछ के बाद आखिरकार पंकज वर्मा ने खुद ही सच्चाई कबूल ली। उन्होंने बताया कि उनके ऊपर भारी कर्ज है और इसी वजह से उन्होंने यह झूठी कहानी बनाई। उनका उद्देश्य था कि इस झूठे मामले के जरिए लोगों की सहानुभूति हासिल कर सकें ताकि कर्ज चुकाने के लिए उन्हें कुछ समय मिल जाए।

इस मामले में अपर पुलिस अधीक्षक उत्तरी, श्री अरविन्द कुमार वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि युवक ने लोगों की सहानुभूति पाने के लिए यह पूरा नाटक रचा था। जैसे ही यह खबर फैली, इलाके में हड़कंप मच गया और लोग सकते में आ गए थे। सोशल मीडिया पर भी इस मामले का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें पंकज वर्मा खुद कह रहे थे कि वह चाय पी रहे थे और उसी दौरान उनका बैग चोरी हो गया जिसमें लाखों रुपये नकद और सोना था।

देवरिया पुलिस की त्वरित कार्रवाई और सतर्कता की बदौलत यह झूठा मामला कुछ ही घंटों में सामने आ गया। इस प्रकरण से यह स्पष्ट होता है कि पुलिस की सक्रियता और तकनीकी जांच के माध्यम से सच्चाई को छिपाया नहीं जा सकता। फिलहाल पुलिस इस मामले में कानूनी प्रक्रिया के तहत आवश्यक कार्रवाई कर रही है।

यह घटना समाज के लिए एक सबक भी है कि झूठे मामलों से ना सिर्फ पुलिस का कीमती समय बर्बाद होता है बल्कि इससे समाज में भ्रम की स्थिति भी उत्पन्न होती है। वहीं, पुलिस ने अपील की है कि कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार की झूठी सूचना देने से बचे, अन्यथा उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

basti news::बस्ती में सेक्स रैकेट का भंडाफोड़: मड़वा नगर टोल प्लाजा के पास पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 14 गिरफ्तार

बस्ती, 16 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में पुलिस ने आज एक बड़े सेक्स रैकेट का पर्दाफाश किया है। मड़वा नगर टोल प्लाजा के पास एक संदिग्ध मकान में लंबे समय से चल रहे इस अवैध धंधे की सूचना पुलिस को मिल रही थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी बस्ती अभिनंदन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए भारी पुलिस फोर्स के साथ छापेमारी की। इस अचानक कार्रवाई से इलाके में हड़कंप मच गया और लोग अनहोनी की आशंका से सहम उठे।

छापेमारी में 14 लोग गिरफ्तार, मुख्य आरोपी फरार
पुलिस ने मकान पर छापा मारकर मौके से 14 लोगों को हिरासत में लिया, जिनमें 9 महिलाएं और 5 पुरुष शामिल हैं। सभी को कोतवाली लाया गया, जहां उनसे गहन पूछताछ की जा रही है। छापेमारी के दौरान कमरों से भारी मात्रा में आपत्तिजनक सामान बरामद हुआ, जो इस रैकेट की गंभीरता को दर्शाता है। हालांकि, सेक्स रैकेट का मुख्य सरगना मौके से फरार होने में कामयाब रहा। पुलिस ने उसकी तलाश में व्यापक छापेमारी शुरू कर दी है।

एसपी अभिनंदन ने दी जानकारी
एसपी अभिनंदन ने बताया कि मुखबिर की सूचना के आधार पर इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया। उन्होंने कहा, “पकड़े गए लोगों से पूछताछ जारी है, और हम मुख्य आरोपी को जल्द गिरफ्तार करेंगे। इस तरह के अवैध धंधों के खिलाफ हमारी कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी।” पुलिस ने मौके से बरामद सामान को कब्जे में लेकर मामले की जांच तेज कर दी है।

कैमरे की निगरानी में चल रहा था रैकेट
जांच में पता चला कि यह सेक्स रैकेट कैमरों की कड़ी निगरानी में संचालित हो रहा था। पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह रैकेट संगठित तरीके से चलाया जा रहा था, जिसमें कई बाहरी लोग भी शामिल हो सकते हैं। गिरफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ के आधार पर पुलिस अन्य संदिग्धों की तलाश में जुट गई है।

स्थानीय लोगों में चर्चा का विषय
इस घटना ने बस्ती जिले में सनसनी फैला दी है। स्थानीय लोग इस बात से हैरान हैं कि उनके आसपास इस तरह का अवैध धंधा चल रहा था। पुलिस की इस कार्रवाई की लोग सराहना कर रहे हैं, साथ ही मांग कर रहे हैं कि भविष्य में ऐसी गतिविधियों पर और सख्ती से नजर रखी जाए।

पुलिस ने इस मामले में अनैतिक देह व्यापार (निवारण) अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है और आगे की जांच जारी है। बस्ती पुलिस की इस कार्रवाई ने एक बार फिर अवैध गतिविधियों के खिलाफ अपनी सख्त नीति को स्पष्ट किया है।

Kanpur News: कानपुर सड़क हादसा: शिक्षिकाओं की दर्दनाक मौत से मचा कोहराम, परिवारों में पसरा मातम

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कानपुर के नारामऊ हाईवे पर मंगलवार सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसे ने तीन परिवारों की खुशियां छीन लीं। हादसे में दो शिक्षिकाओं और एक चालक की मौत हो गई, जबकि एक अन्य शिक्षिका गंभीर रूप से घायल है। इस हृदयविदारक घटना की सूचना जब उनके परिवारों को दी गई, तो कोहराम मच गया। सभी परिजनों ने हैलट अस्पताल पहुंचकर जब अपनों के शव देखे, तो वे बेसुध हो गए। घटना के बाद पूरा माहौल गमगीन हो गया और हर किसी की आंखें नम थीं।

घटना की जानकारी मिलते ही उन्नाव से शिक्षक और शिक्षिकाएं पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गए। मृतकों की पहचान शिक्षिका आकांक्षा मिश्रा, अंजुला मिश्रा और चालक विशाल द्विवेदी के रूप में हुई है। घायल शिक्षिका ऋचा अग्निहोत्री का इलाज चल रहा है और उनकी हालत भी गंभीर बताई जा रही है। चारों लोग रोज की तरह सुबह स्कूल के लिए निकले थे, लेकिन किसे पता था कि ये उनका आखिरी सफर होगा।

घटना की जानकारी मिलते ही अंजुला मिश्रा के भाई आशीष को पड़ोसी ने सूचना दी। वे उस वक्त सो रहे थे और बार-बार फोन न उठाने पर चिंता हुई तो पड़ोसी ने जानकारी दी। अंजुला मिश्रा उन्नाव के सफीपुर ब्लॉक स्थित प्राथमिक विद्यालय जमालनगर कंपोजिट में शिक्षिका थीं। उनके पति आनंद मिश्रा एक फाइनेंस कंपनी में कार्यरत हैं। अंजुला की दो बेटियां सोनिका और पर्णिका हैं, जिन पर अब जिम्मेदारी का भारी बोझ आ पड़ा है।

हादसे के बाद जीटी रोड पर लंबा जाम लग गया। पुलिस ने क्रेन मंगवाकर क्षतिग्रस्त कार और बस को हटवाया तब जाकर यातायात सुचारू हो पाया। बस चालक हादसे के बाद मौके से फरार हो गया, जबकि बस में सवार कुछ यात्री मामूली रूप से घायल हुए।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि आकांक्षा, अंजुला और चालक विशाल के शरीर के कई हिस्सों में गंभीर चोटें आई थीं। उनकी पसलियां टूटकर हार्ट में धंस गई थीं, जिससे हार्ट पंक्चर हो गया और अत्यधिक रक्तस्राव के कारण उनकी मौत हो गई। उनके शरीर पर डेढ़ दर्जन से अधिक गंभीर चोटों के निशान पाए गए।

घटना की जानकारी मिलने पर खंड शिक्षा अधिकारी अनीता शाह सहित कई शिक्षकों ने पोस्टमार्टम हाउस पहुंचकर मृतकों को श्रद्धांजलि दी और घायल शिक्षिका ऋचा की जल्द स्वस्थ होने की कामना की।

जूनियर शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अनुपम मिश्र ने मृतकों के परिजनों को सांत्वना दी और प्रशासन से मांग की कि हादसे के दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो और मृतकों के परिजनों को उचित मुआवजा दिया जाए ताकि उनके बच्चों की परवरिश और भविष्य सुरक्षित रह सके।

इस हादसे ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा और तेज रफ्तार वाहनों की लापरवाही को उजागर कर दिया है। शिक्षिका आकांक्षा, अंजुला और चालक विशाल की असामयिक मौत से शिक्षा जगत में भी शोक की लहर दौड़ गई है। पूरा उन्नाव और कानपुर इस दर्दनाक हादसे से स्तब्ध है, जहां आज भी लोगों की आंखें नम हैं और दिलों में सिर्फ एक सवाल है – कब थमेगी ये रफ्तार की यह लापरवाही?

Deoria News: सलेमपुर में भीषण सड़क हादसा: तेज रफ्तार वाहन की टक्कर में दो की मौत, एक घायल

देवरिया जनपद के सलेमपुर इलाके में एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ जिसमें दो लोगों की मौत हो गई जबकि एक अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। यह हादसा मादहा चौराहे के पास हुआ, जहां एक तेज रफ्तार चार पहिया वाहन ने एक दोपहिया वाहन को जोरदार टक्कर मार दी। इस दुर्घटना के बाद घटनास्थल पर अफरा-तफरी मच गई। आसपास के लोगों ने तत्परता दिखाते हुए सभी घायलों को तुरंत देवरिया मेडिकल कॉलेज पहुंचाया, जहां इलाज के दौरान दो लोगों की मौत हो गई।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह हादसा उस वक्त हुआ जब भटनी थाना क्षेत्र के बहरा डाबर गांव निवासी एक बाइक पर सवार होकर किसी कार्यवश सलेमपुर की ओर जा रहे थे। जैसे ही वे मादहा चौराहे के समीप पहुंचे, एक तेज रफ्तार चार पहिया वाहन ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी। इस टक्कर में बाइक पर सवार सभी लोग सड़क पर गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गए।

घायलों को मौके पर मौजूद लोगों द्वारा तुरंत मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान तारा देवी (55 वर्ष), पत्नी धनंजय पांडे की मौत हो गई। इसके अलावा विनय शर्मा (20 वर्ष), पुत्र मनोज शर्मा की भी इलाज के दौरान मौत हो गई। दोनों मृतकों के परिवार में इस हादसे से कोहराम मच गया है। बताया जा रहा है कि दोनों मृतक एक ही गांव बहरा डाबर के निवासी थे।

इस हादसे में घायल हुए दो अन्य लोगों का इलाज देवरिया मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। चिकित्सकों के अनुसार उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। पुलिस ने मामले की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है ।

इस हादसे ने एक बार फिर सड़कों पर तेज रफ्तार वाहनों की समस्या को उजागर कर दिया है। आए दिन ऐसे हादसे सामने आते हैं जिनमें कई परिवार उजड़ जाते हैं।
फिलहाल इस दर्दनाक घटना से पूरे गांव में शोक की लहर है और पीड़ित परिवारों का रो-रो कर बुरा हाल है। स्थानीय प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया है।

AI से बना पीएम मोदी जैसा वीडियो हुआ वायरल, ठेले पर गन्ने का जूस बेचते नजर आए, लोग पूछ रहे- किसने बनाया ये वीडियो?

आज के डिजिटल युग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने दुनिया भर में तहलका मचा दिया है। इसकी मदद से जहां एक ओर कई काम आसान हो गए हैं, वहीं दूसरी ओर इसका दुरुपयोग भी तेजी से बढ़ रहा है। AI की इसी ताकत का एक नया उदाहरण हाल ही में सोशल मीडिया पर देखने को मिला, जिसने सभी को चौंका कर रख दिया है।

इंस्टाग्राम पर एक वीडियो बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक शख्स गन्ने की रस निकालने वाली मशीन के पास खड़ा नजर आता है और कहता है- “₹20 गिलास, बड़ा गिलास ₹20″। पहली नजर में देखने पर ऐसा लगता है कि यह खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं जो ठेले पर गन्ने का जूस बेच रहे हैं। यही वजह है कि यह वीडियो देखते ही देखते लाखों लोगों की नजरों से गुजर गया और इसे अब तक 16 लाख से ज्यादा लोग लाइक कर चुके हैं।

हालांकि, अगर इस वीडियो को ध्यान से देखा जाए तो साफ हो जाता है कि यह वीडियो असली नहीं है बल्कि AI की मदद से तैयार किया गया है। वीडियो में नजर आ रहे व्यक्ति का चेहरा हूबहू पीएम नरेंद्र मोदी जैसा है, लेकिन हकीकत में यह किसी हमशक्ल पर AI फिल्टर लगाने के बाद बनाया गया है।

AI टेक्नोलॉजी के जरिए आजकल डीपफेक वीडियो बनाना बेहद आसान हो गया है। इसमें किसी व्यक्ति के चेहरे को दूसरे इंसान पर हूबहू फिट कर दिया जाता है, जिससे यह भ्रम पैदा होता है कि वीडियो में वही असली व्यक्ति मौजूद है। ऐसे ही इस वीडियो में भी AI के माध्यम से पीएम मोदी का चेहरा किसी अन्य शख्स के शरीर पर फिट कर दिया गया है।

वीडियो में जूस बेचते हुए दिखाया गया पीएम मोदी का यह रूप कुछ लोगों को काफी मजेदार लग रहा है तो कुछ लोग इसे देखकर नाराजगी जता रहे हैं। कई लोगों ने इस वीडियो को शेयर करते हुए सवाल उठाया है कि आखिर इसे बनाया किसने है और क्या यह प्रधानमंत्री की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश है?

AI तकनीक जहां एक ओर क्रिएटिविटी के नए दरवाजे खोल रही है, वहीं इसके गलत इस्तेमाल से गलतफहमियां भी पैदा हो रही हैं। इस तरह के वीडियो लोगों को भ्रमित कर सकते हैं और किसी की छवि को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। ऐसे में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कंटेंट की सच्चाई को पहचानना और उसके पीछे की मंशा को समझना बहुत जरूरी हो गया है।

फिलहाल यह वीडियो चर्चा का विषय बना हुआ है और लोग लगातार पूछ रहे हैं कि इसे किसने बनाया और क्यों? यह पहली बार नहीं है जब किसी बड़े नेता या सेलिब्रिटी का चेहरा AI से मॉर्फ करके वायरल किया गया हो। लेकिन जब बात प्रधानमंत्री की हो तो सवाल और गंभीर हो जाते हैं।

सरकार और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को चाहिए कि ऐसे भ्रामक कंटेंट पर सख्त निगरानी रखी जाए और AI के दुरुपयोग को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं। नहीं तो आने वाले दिनों में ऐसे और भी वीडियो सामने आ सकते हैं, जो समाज में भ्रम और विवाद को जन्म दे सकते हैं।