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देवरिया में मनरेगा के जरिए गांवों में तेजी से हो रहा काम, जानिए 21 मई 2025 को कहां-कहां लगे कितने मजदूर – पर क्या ये सब सच में धरातल पर हो रहा है?

21 मई 2025 को मनरेगा की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश के देवरिया जनपद में मनरेगा योजना के तहत कई ग्राम पंचायतों में बड़ी संख्या में मजदूर कार्यरत दिखाए गए हैं। इन आंकड़ों को देखकर पहली नजर में लगता है कि गांवों का तेजी से विकास हो रहा है, लेकिन यह सवाल भी उठता है कि क्या यह कार्य वास्तव में धरातल पर हो रहे हैं या फिर यह सिर्फ कागजों तक ही सीमित हैं?

सबसे पहले बात करें भटनी ब्लॉक की तो वेबसाइट पर दिए गए आंकड़ों के अनुसार अगहिला ग्राम पंचायत में 226 मजदूरों की हाजिरी दर्ज की गई है। वहीं लाल चक गांव में 107 मजदूर मनरेगा के तहत कार्य कर रहे हैं। यहां पर चकबंदी जैसे महत्वपूर्ण कार्य चल रहे हैं, ऐसा वेबसाइट पर दर्ज है।

सदर ब्लॉक की बात करें तो लही पर उर्फ रतनपुरा ग्राम पंचायत में 207 मजदूरों की हाजिरी दर्ज है। यह आंकड़े यह दिखाते हैं कि मनरेगा के जरिए देवरिया के गांवों में कार्य चल रहा है और ग्रामीणों को रोजगार मिल रहा है।

लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या ये मजदूर वास्तव में काम कर रहे हैं? क्या ये विकास कार्य वाकई धरातल पर हो रहे हैं या फिर केवल कागजी आंकड़ों से गांवों का विकास दिखाने की कोशिश की जा रही है?

अगर वाकई में ये कार्य पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ हो रहे हैं, तो यह देवरिया जिले के लिए एक सकारात्मक संकेत है। गांवों का विकास मनरेगा जैसी योजनाओं के जरिए ही संभव है। लेकिन अगर इसमें भ्रष्टाचार या गड़बड़ी हो रही है, तो यह गंभीर चिंता का विषय है।

इसलिए ज़रूरी है कि जिले के उच्च अधिकारी इन कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करें। केवल वेबसाइट पर आंकड़े डाल देना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी आवश्यक है कि योजना का लाभ वास्तविक जरूरतमंद ग्रामीणों तक पहुंचे।

देवरिया के अन्य ब्लॉकों की जानकारी भी वेबसाइट पर उपलब्ध है, जिनमें मजदूरों की संख्या और कार्यों की स्थिति दर्ज की गई है। इन आंकड़ों की पड़ताल करने से साफ हो जाएगा कि गांवों में वास्तव में विकास हो रहा है या नहीं।

कटाक्ष यही है कि अगर मनरेगा का उपयोग केवल आंकड़ों की बाजीगरी तक सीमित रह गया तो यह योजना अपना उद्देश्य खो देगी। लेकिन यदि ईमानदारी से क्रियान्वयन हुआ तो वह दिन दूर नहीं जब देवरिया जिले के गांव भी सुविधाओं के मामले में शहरों को टक्कर देने लगेंगे।

मनरेगा केवल रोजगार योजना नहीं, बल्कि ग्रामीण भारत के विकास की नींव है – बशर्ते यह बिना भ्रष्टाचार और पूरी पारदर्शिता के साथ लागू की जाए।

UP Weather Alert:उत्तर प्रदेश के मौसम में अचानक ऐसे बदलाव क्यू हो रहे है क्या है कारण? आने वाले दिनों मे कैसा रहेगा मौसम जाने पूरी खबर……

उत्तर प्रदेश, भारत के सबसे बड़े और जनसंख्या में अग्रणी राज्यों में से एक है। इसका मौसम वर्षों से काफी बदलाव के दौर से गुजर रहा है। परंपरागत रूप से यूपी में मौसम चक्र बहुत स्पष्ट हुआ करता था गर्मी, मानसून और सर्दी तीनों ऋतुएं अपने समय पर आती थीं और सामान्य रूप से व्यवहार करती थीं। लेकिन अब यह स्थिरता टूटती दिख रही है। मौसम की अनिश्चितता, असमय बारिश, बेमौसम गर्मी व ठंड, और प्राकृतिक आपदाएं जैसे सूखा या बाढ़ अधिक सामान्य हो गई हैं। आइए समझते हैं इसके प्रमुख कारण और भविष्य की संभावनाएं।

मौसम में बदलाव के प्रमुख कारण:

  1. जलवायु परिवर्तन (Climate Change):
    वैश्विक स्तर पर हो रहे जलवायु परिवर्तन का सीधा असर उत्तर प्रदेश के मौसम पर भी पड़ रहा है। ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन, औद्योगिक प्रदूषण, और कार्बन डाइऑक्साइड की बढ़ती मात्रा से धरती का तापमान बढ़ रहा है। इसके कारण मौसम चक्र असामान्य हो गया है।वनों की कटाई (Deforestation):

  2. उत्तर प्रदेश में तेजी से बढ़ते शहरीकरण और खेती के विस्तार के चलते वनों की कटाई बड़े पैमाने पर हुई है। वृक्षों की कमी से वर्षा चक्र बाधित होता है और स्थानीय मौसम में असंतुलन पैदा होता है।भू-जल स्तर में गिरावट:
    अत्यधिक जल दोहन और बारिश के पानी को संरक्षित न करने के कारण भू-जल स्तर लगातार गिर रहा है। इससे सूखा पड़ने की संभावना बढ़ी है और मौसम पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।शहरीकरण और प्रदूषण:
    लखनऊ, कानपुर, वाराणसी जैसे शहरों में तेजी से बढ़ते वाहन, फैक्ट्रियां और निर्माण कार्य वातावरण को प्रदूषित कर रहे हैं। इससे हवा की गुणवत्ता घट रही है और वायुमंडलीय तापमान में वृद्धि हो रही है।
  3. असंतुलित कृषि प्रणाली:
    अत्यधिक रासायनिक खाद और कीटनाशकों का प्रयोग, जल संसाधनों का अत्यधिक उपयोग, और परंपरागत कृषि प्रणाली से हटने के कारण भी पर्यावरण पर दबाव बढ़ा है जिससे मौसम चक्र पर असर पड़ा है।

आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश का मौसम कैसा रहेगा?

  1. अत्यधिक तापमान की संभावना:
    आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश में गर्मी के दिनों की संख्या बढ़ सकती है और तापमान 48°C तक भी पहुंच सकता है, खासकर बुंदेलखंड और पश्चिमी यूपी के क्षेत्रों में।
  2. असमान वर्षा वितरण:
    मानसून अब नियमित नहीं रहा। कुछ क्षेत्रों में बहुत अधिक बारिश होती है जबकि कुछ इलाके सूखे की चपेट में आ जाते हैं। भविष्य में वर्षा का यह असंतुलन और बढ़ सकता है।
  3. कोहरे और ठंड में वृद्धि:
    सर्दियों में कोहरा अधिक घना और लंबा होता जा रहा है। इससे न केवल यातायात प्रभावित होता है बल्कि स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। भविष्य में कोहरे की घटनाएं और बढ़ सकती हैं।
  4. बाढ़ और सूखे की बढ़ती घटनाएं:
    गंगा, घाघरा, शारदा जैसी नदियों में मानसून के दौरान अचानक जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा बना रहता है। वहीं दूसरी ओर बुंदेलखंड जैसे क्षेत्र सूखे से प्रभावित रहते हैं।

उत्तर प्रदेश के मौसम में बदलाव गंभीर चिंता का विषय है। इसका मुख्य कारण मानव जनित गतिविधियां, जैसे प्रदूषण, वनों की कटाई और जलवायु परिवर्तन हैं। यदि यह प्रक्रिया ऐसे ही चलती रही, तो आने वाले दिनों में राज्य को और अधिक भीषण मौसम स्थितियों का सामना करना पड़ेगा। इससे बचने के लिए हरित क्षेत्र बढ़ाना, जल संरक्षण करना, स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग बढ़ाना और पर्यावरणीय जागरूकता आवश्यक है। राज्य और नागरिकों को मिलकर सतत विकास की ओर कदम बढ़ाना होगा, ताकि भविष्य में मौसम की इन विकट चुनौतियों से बचा जा सके।

Deoria News: टीनशेड में करंट उतरने से देवरिया में दर्दनाक हादसा: तीन की मौत, पांच लोग गंभीर रूप से झुलसे

देवरिया जनपद के लार थाना क्षेत्र के जनुआ गांव में शुक्रवार की शाम एक दिल दहला देने वाला हादसा सामने आया। यहां टीनशेड में करंट उतरने से तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पांच अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हादसा उस वक्त हुआ जब गांव के ही कृष्ण बिहारी पांडेय के घर पर टीनशेड लगाया जा रहा था। इस कार्य में गांव के कई लोग सहयोग कर रहे थे।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, काम के दौरान अचानक टीनशेड में करंट उतर आया, जिससे वहां मौजूद लोग उसकी चपेट में आ गए। इस दर्दनाक हादसे में 27 वर्षीय मोनू पांडेय, जो भारतीय सेना में कार्यरत थे, 18 वर्षीय पवन कुशवाहा और 22 वर्षीय शिवम उर्फ गुंजन पांडेय की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद पूरा गांव सदमे में डूब गया।

हादसे में घायल हुए लोगों में 22 वर्षीय वेद प्रकाश पांडेय, 22 वर्षीय अजय रजक, 25 वर्षीय जयशंकर शर्मा, 45 वर्षीय शत्रुघन पांडेय और 50 वर्षीय कृष्ण बिहारी पांडेय शामिल हैं। ये सभी लोग करंट की चपेट में आने से गंभीर रूप से झुलस गए हैं। घायलों को तत्काल सीएचसी लार पहुंचाया गया, जहां उनकी हालत को देखते हुए उन्हें महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज देवरिया रेफर कर दिया गया।

घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया। जिलाधिकारी दिव्या मित्तल और पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर तुरंत मौके पर पहुंचे और घटनास्थल की जांच शुरू कर दी। इसके साथ ही सलेमपुर की विधायक और राज्य मंत्री विजयलक्ष्मी गौतम भी गांव पहुंचीं और पीड़ित परिवारों को सांत्वना दी। प्रशासन की टीम ने मृतकों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच की जा रही है।

इस दर्दनाक हादसे ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया है। मृतकों के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। गांव में मातम पसरा हुआ है और लोग घटना को लेकर स्तब्ध हैं। बताया जा रहा है कि टीनशेड में करंट कैसे आया, यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। कुछ लोगों का कहना है कि टीनशेड बिजली के खंभे के संपर्क में आ गया था, जिससे यह हादसा हुआ। हालांकि, प्रशासनिक जांच के बाद ही वास्तविक कारण स्पष्ट हो सकेगा।

स्थानीय लोग और जनप्रतिनिधि प्रशासन से पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने और घायलों के उचित इलाज की मांग कर रहे हैं। वहीं प्रशासन का कहना है कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस हादसे ने एक बार फिर बिजली सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।

यह घटना न केवल एक तकनीकी लापरवाही का परिणाम है, बल्कि इससे कई परिवारों का भविष्य भी अंधकारमय हो गया है। लोगों की मांग है कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों, इसके लिए जरूरी एहतियाती कदम उठाए जाएं।

देवरिया में शादी समारोह के दौरान युवक की गोली मारकर हत्या, इलाके में सनसनी

देवरिया जिले के खुखुंदू थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम खजुरी करौता में उस समय हड़कंप मच गया जब एक शादी समारोह के दौरान बारात में शामिल एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मृतक की पहचान राजन यादव के रूप में हुई है, जो बारात में शामिल होने आए थे। यह दर्दनाक घटना शनिवार देर रात की है, जब शादी की रस्मों के दौरान अचानक गोलियों की आवाज से समारोह का माहौल मातम में बदल गया।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जब शादी में जयमाला की तैयारी चल रही थी, तभी अचानक एक अनजान व्यक्ति ने भीड़ में घुसकर राजन यादव को निशाना बनाते हुए दो गोलियां दाग दीं। गोली लगते ही राजन लहूलुहान होकर जमीन पर गिर पड़े। गोली चलने की आवाज सुनकर समारोह में अफरा-तफरी मच गई। लोगों ने तुरंत हमलावर को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन हमलावर ने पीछा कर रहे लोगों को धमकाते हुए कहा, “भाग जाओ, वरना तुमको भी गोली मार दूंगा,” और उसके बाद वह चार पहिया वाहन से मौके से फरार हो गया।

घायल राजन यादव को आनन-फानन में जिला अस्पताल लाया गया, जहां प्राथमिक इलाज के बाद हालत गंभीर देखते हुए मेडिकल कॉलेज देवरिया रेफर किया गया। लेकिन वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस घटना से जहां मृतक के परिजनों में कोहराम मच गया है, वहीं गांव और आसपास के इलाके में दहशत का माहौल बन गया है।

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस अधीक्षक देवरिया सहित भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा और घटनास्थल का निरीक्षण किया। पुलिस ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाने शुरू कर दिए हैं और आसपास के सीसीटीवी कैमरों की जांच की जा रही है। गांव में पूछताछ के साथ-साथ अपराधियों की तलाश में संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है।

पुलिस के अनुसार यह एक पूर्व नियोजित हत्या हो सकती है, क्योंकि जिस तरह से हमलावर सीधे राजन यादव को निशाना बनाकर आया और सटीक तरीके से गोली मारी, उससे यह कोई आपसी रंजिश या पुरानी दुश्मनी का मामला प्रतीत हो रहा है। फिलहाल पुलिस सभी पहलुओं से जांच में जुटी हुई है।

पुलिस अधीक्षक ने भरोसा दिलाया है कि जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा और इस जघन्य अपराध में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं, मृतक के परिजनों की ओर से भी थाने में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया है।

इस दर्दनाक वारदात से पूरे इलाके में शोक की लहर है और लोग इस घटना को लेकर बेहद आक्रोशित हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से आरोपी की जल्द गिरफ्तारी की मांग की है।

Deoria News: राप्ती नदी में नहाने गए किशोर को बचाने में दो युवकों की डूबकर मौत, गांव में छाया मातम

देवरिया जनपद के एकौना क्षेत्र से बेहद दर्दनाक खबर सामने आई है। यहां बुधवार की सुबह राप्ती नदी में नहाने के दौरान डूब रहे एक किशोर को बचाने की कोशिश में दो अन्य किशोरों की जान चली गई। हादसा एकौना थाना क्षेत्र के डढि़या गांव के पास हुआ, जिसने पूरे इलाके को गमगीन कर दिया। मृतकों में एक किशोर देवरिया जनपद के भिरवा गांव का निवासी था, जबकि दूसरा गोरखपुर जनपद के बड़हलगंज थाना क्षेत्र के खुटभार गांव का रहने वाला था। यह हादसा सुबह लगभग 11 बजे के आसपास हुआ।

जानकारी के मुताबिक, नरायनपुर गांव निवासी 12 वर्षीय समर पुत्र गिरीश बुधवार की सुबह राप्ती नदी में नहाने गया था। नहाते समय वह गहराई में चला गया और डूबने लगा। समर को डूबता देख उसी क्षेत्र के भिरवा गांव निवासी 17 वर्षीय सुजीत साहनी पुत्र राजेश बिना कुछ सोचे-समझे उसे बचाने के लिए नदी में कूद पड़ा। लेकिन नदी का बहाव तेज होने के कारण दोनों ही डूबने लगे।

इसी दौरान नदी के दूसरे छोर पर मौजूद कंसासुर गांव के घाट पर खड़ा गोरखपुर के खुटभार गांव निवासी 15 वर्षीय प्रियांशु पुत्र भोला पासवान भी यह दृश्य देख रहा था। इंसानियत का फर्ज निभाते हुए वह भी तुरंत नदी में कूद गया, ताकि दोनों की जान बचाई जा सके। लेकिन राप्ती नदी के तेज बहाव और गहराई ने उसकी भी जान ले ली।

घटना की जानकारी मिलते ही आसपास के गांवों से लोगों की भारी भीड़ घटनास्थल पर जुट गई। गनीमत रही कि समर किसी तरह खुद को संभालते हुए नदी के किनारे तक पहुंच गया और उसकी जान बच गई। लेकिन उसे बचाने के लिए नदी में कूदे सुजीत और प्रियांशु की मौत हो गई।

ग्रामीणों की मदद से दोनों किशोरों को किसी तरह नदी से बाहर निकाला गया। गंभीर हालत में सुजीत को उसके परिजन तत्काल सीएचसी रुद्रपुर लेकर पहुंचे, लेकिन वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। वहीं प्रियांशु को बड़हलगंज सीएचसी ले जाया गया, लेकिन तब तक उसकी भी मौत हो चुकी थी।

इस हृदयविदारक हादसे से दोनों गांवों में मातम छा गया है। जहां एक ओर समर के परिजन उसकी जान बच जाने पर राहत की सांस ले रहे हैं, वहीं सुजीत और प्रियांशु के परिजन गहरे सदमे में हैं। गांव में हर कोई इन दोनों किशोरों की बहादुरी और इंसानियत को सलाम कर रहा है, जिन्होंने किसी और की जान बचाने के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी।

स्थानीय प्रशासन और पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच की जा रही है। प्रशासन की ओर से पीड़ित परिवारों को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया गया है।

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Maharajganj News: महराजगंज में दो बच्चों की मां 17 वर्षीय नाबालिग के साथ फरार, इलाके में मची सनसनी

उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने पूरे क्षेत्र को चौंका दिया है। ठूठीबारी कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में दो बच्चों की मां अपने पड़ोस में रहने वाले महज 17 वर्षीय नाबालिग लड़के के साथ घर से फरार हो गई। यह घटना न केवल समाज में चर्चा का विषय बन गई है, बल्कि इसने सामाजिक मर्यादाओं और कानून व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, महिला और नाबालिग लड़के के बीच प्रेम संबंध थे। दोनों के बीच उम्र का बड़ा फासला होने के बावजूद उन्होंने अपने रिश्ते को इतना गंभीरता से लिया कि महिला अपने पति और दो मासूम बच्चों को छोड़कर युवक के साथ कहीं चली गई। इस घटना के बाद नाबालिग के परिजनों में हड़कंप मच गया है। पीड़ित लड़के की मां ने ठूठीबारी कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई है और महिला के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

लड़के की मां ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया कि 16 मई को दोपहर लगभग 1 बजे आरोपी महिला उसके बेटे को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गई। पीड़िता ने यह भी कहा कि उसका बेटा अभी नाबालिग है और महिला ने जानबूझकर उसे फंसा कर अपने साथ ले जाने की साजिश रची है। परिजनों को यह डर सता रहा है कि कहीं नाबालिग के साथ कोई अनहोनी न हो जाए। परिवार इस घटना से डरा-सहमा हुआ है और लगातार अपने बेटे की सुरक्षा को लेकर चिंतित है।

घटना के बाद इलाके में लोगों के बीच तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। सामाजिक मान्यताओं के विपरीत इस रिश्ते को लेकर लोग हैरान हैं। वहीं, पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तहरीर के आधार पर महिला के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है कि जांच जारी है और दोनों की जल्द बरामदगी के प्रयास किए जा रहे हैं।

बातचीत करते हुए प्रभारी कोतवाल महेंद्र मिश्रा ने बताया कि नाबालिग की मां द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है। पुलिस टीम गठित कर दी गई है और सभी संभावित स्थानों पर छापेमारी की जा रही है।

इस घटना ने न केवल क्षेत्र में सनसनी फैला दी है, बल्कि यह भी उजागर किया है कि प्रेम संबंधों की आड़ में किस प्रकार कानून और सामाजिक मर्यादाओं की अनदेखी की जा रही है। मामले की जांच जारी है और क्षेत्रवासी उम्मीद कर रहे हैं कि पुलिस जल्द ही सच्चाई का पता लगाकर नाबालिग को सकुशल घर वापस लाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

यह मामला यह भी दर्शाता है कि किस प्रकार आधुनिक परिवेश में रिश्तों की परिभाषाएं बदलती जा रही हैं और इसके परिणाम समाज के लिए कितने गंभीर हो सकते हैं। अब देखना यह है कि पुलिस अपनी जांच में कितनी तेजी दिखाती है और पीड़ित परिवार को न्याय कब तक मिलता है।

Deoria Weather News: देवरिया में तेज गर्मी के बीच बारिश बनी राहत की बौछार, मौसम के बदले मिजाज से लोगों ने ली राहत की सांस

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में मंगलवार 21 मई का दिन मौसम के अप्रत्याशित बदलाव के चलते राहत और मुस्कान भरा रहा। जहां एक ओर सुबह से ही भीषण गर्मी और लू के थपेड़ों ने लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया था, वहीं दोपहर करीब 11:45 बजे मौसम ने अचानक करवट ली। तेज धूप और तपती गर्मी के बीच अचानक आसमान में काले बादल छा गए और कुछ ही देर में मूसलाधार बारिश शुरू हो गई।

तेज हवाओं और गर्जना के साथ हुई इस बारिश ने जैसे तपती धरती को संजीवनी दे दी। गर्मी से बेहाल लोग, खासकर बच्चे, बुजुर्ग और ऑफिस जाने वाले लोग, इस बारिश को देख झूम उठे। तापमान में अचानक गिरावट दर्ज की गई और ठंडी हवाओं ने मौसम को पूरी तरह सुहाना बना दिया।

जैसे ही बारिश शुरू हुई, बच्चे गलियों, छतों और सड़कों पर नाचते-कूदते नजर आए। बारिश के इस तोहफे ने न केवल शरीर को ठंडक दी, बल्कि लोगों के चेहरों पर मुस्कान भी लौटाई। लंबे समय बाद मौसम इतना अच्छा हुआ कि बाजारों में भी चहल-पहल बढ़ गई। लोग गर्मी से राहत पाने के बाद खरीदारी के लिए बाहर निकलते नजर आए।

मौसम विभाग के अनुसार, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बने मौसमी सिस्टम के कारण उत्तर भारत के कई हिस्सों में प्री-मानसून गतिविधियां तेज हो रही हैं। इसका असर देवरिया सहित पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी देखने को मिल रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बारिश भले ही सीमित मात्रा में हुई हो, लेकिन भीषण गर्मी से परेशान लोगों के लिए यह किसी अमृत वर्षा से कम नहीं थी।

बारिश के बाद वातावरण में ठंडक फैल गई और तापमान सामान्य से काफी नीचे आ गया। हवा में आई नमी ने गर्मी की तपिश को काफी हद तक कम कर दिया। प्रशासन की ओर से भी आम जनता को अलर्ट किया गया कि मौसम के अचानक बदलते मिजाज को देखते हुए सतर्कता बरतें और अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचें।

खास हिदायत दी गई कि तेज आंधी, बिजली चमकने और बारिश के दौरान पेड़ों के नीचे या खुले स्थानों पर खड़ा न हों। बिजली गिरने की संभावना को देखते हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है।

ग्रामीण क्षेत्रों में इस बारिश से किसानों के चेहरों पर भी रौनक लौट आई है। खेतों में नमी बढ़ने से आगामी बुवाई की तैयारियों को बल मिलेगा। लंबे समय से बारिश का इंतजार कर रहे किसान इस प्राकृतिक राहत से काफी प्रसन्न नजर आए।

कुल मिलाकर देवरिया जिले के लिए 21 मई का दिन एक सकारात्मक बदलाव का प्रतीक बन गया। मौसम के बदले मिजाज ने जहां लोगों को गर्मी से राहत दी, वहीं आगामी मानसून की दस्तक का संकेत भी दे दिया। लोगों ने इस अप्रत्याशित लेकिन खुशनुमा बारिश का भरपूर आनंद उठाया और प्रकृति के इस उपहार के लिए आभार भी जताया।

Deoria News: मनरेगा के नाम पर देवरिया में हो रहा करोड़ों का घोटाला, ग्राम प्रधान, सचिव और सहायक की सांठगांठ से उड़ाया जा रहा सरकारी धन

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के नाम पर बड़ा घोटाला सामने आ रहा है। जिले के लगभग सभी ब्लॉकों में कई ऐसे ग्राम प्रधान, सचिव और ग्राम पंचायत सहायक हैं जो फर्जी तरीके से मनरेगा पोर्टल पर कार्य दिखाकर सरकारी धन की बंदरबांट कर रहे हैं। जबकि जमीनी स्तर पर उन कार्यों का कोई अस्तित्व ही नहीं होता।

सूत्रों के अनुसार, कई पंचायतों में एक ही दिन में 200 से अधिक मजदूरों की हाजिरी दर्शा दी जाती है, जबकि गांव में न तो कोई काम दिखता है और न ही मजदूर नजर आते हैं। कहीं पोखरे की खुदाई दिखाई जा रही है, तो कहीं चकबंदी का कार्य, लेकिन जब हकीकत जानने कोई गांव पहुंचता है, तो वहां न कोई मजदूर होता है और न ही कोई निर्माण कार्य।

यह मामला तब सामने आया जब कुछ स्थानीय मीडिया संस्थानों ने इस पर रिपोर्ट प्रकाशित की और मनरेगा योजना के अंतर्गत हो रहे करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार को उजागर किया। इसके बाद यह स्पष्ट हुआ कि देवरिया जनपद में मनरेगा का बड़ा हिस्सा केवल कागजों पर खर्च हो रहा है।

हैरानी की बात यह है कि इस पूरे घोटाले की जानकारी जिले के उच्च अधिकारियों को कई बार दी जा चुकी है। यहां तक कि जिलाधिकारी को भी मामले से अवगत कराया गया है, लेकिन अब तक किसी भी प्रकार की ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह भ्रष्टाचार ग्राम स्तर से लेकर ब्लॉक स्तर के अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा है। जब भी कोई शिकायत की जाती है, तो जांच की बात कहकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है।

अब सवाल उठता है कि मनरेगा जैसी पारदर्शी और गरीबों को रोजगार देने वाली योजना में इस तरह का खेल आखिर क्यों और कैसे हो रहा है? कौन हैं वो अधिकारी जो इन भ्रष्टाचारियों को संरक्षण दे रहे हैं? क्या शासन-प्रशासन इस करोड़ों रुपए के खेल की परतें खोलेगा या गरीबों के नाम पर सरकारी धन यूं ही लुटता रहेगा?

देवरिया के ग्रामीणों में इस घोटाले को लेकर रोष है और वे चाहते हैं कि शासन इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे। साथ ही मनरेगा पोर्टल पर दिखाए जा रहे कार्यों का भौतिक सत्यापन कराया जाए ताकि असली और नकली कार्यों की सच्चाई सामने आ सके।

सरकार को चाहिए कि वह इस गंभीर मामले को प्राथमिकता पर लेकर कार्रवाई करे ताकि गरीबों की हक की योजना भ्रष्टाचार की भेंट न चढ़े और जिम्मेदार लोगों को उनके किए की सजा मिल सके।

उत्तर प्रदेश में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, 20 से अधिक अफसरों के तबादले

उत्तर प्रदेश में मंगलवार देर रात एक बड़ा प्रशासनिक बदलाव देखने को मिला। सरकार ने 14 आईएएस और 6 पीसीएस अधिकारियों के तबादले कर दिए हैं। इनमें चार जिलों के जिलाधिकारी और दो जिलों के मुख्य विकास अधिकारी भी शामिल हैं। जिन जिलों में डीएम बदले गए हैं, उनमें पीलीभीत, बलिया, हरदोई और महाराजगंज जैसे प्रमुख जिले शामिल हैं। इसके अलावा सिद्धार्थनगर और बुलंदशहर के मुख्य विकास अधिकारियों को भी नई जिम्मेदारियां दी गई हैं।

प्रशासनिक फेरबदल के तहत वरिष्ठ आईएएस और अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार की जिम्मेदारियों में विस्तार किया गया है। उन्हें अब कृषि उत्पादन आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है, जो पहले मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के पास था।

हरदोई के जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह को बलिया का नया जिलाधिकारी बनाया गया है। इससे पहले वे गाजीपुर में भी डीएम रह चुके हैं और वाराणसी में विभिन्न पदों पर कार्य कर चुके हैं। वहीं, बलिया के डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार को संयुक्त प्रबंध निदेशक, उत्तर प्रदेश जल निगम (नगरीय) बनाया गया है।

महाराजगंज के जिलाधिकारी अनुनय झा को हरदोई भेजा गया है, जबकि अयोध्या तीर्थ विकास परिषद के मुख्य कार्यपालक अधिकारी संतोष कुमार शर्मा अब महाराजगंज के जिलाधिकारी होंगे। सिद्धार्थनगर के मुख्य विकास अधिकारी जयेंद्र कुमार को अयोध्या का नया सीईओ और नगर आयुक्त बनाया गया है।

गोरखपुर की संयुक्त मजिस्ट्रेट मृणाली अविनाश जोशी को सिद्धार्थनगर का मुख्य विकास अधिकारी नियुक्त किया गया है। वहीं, रविन्द्र कुमार-1 को विशेष सचिव, कृषि, विपणन, विदेश व्यापार और कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग में भेजा गया है।

पिलभीत के डीएम संजय कुमार सिंह को विशेष सचिव, संस्कृति विभाग एवं निदेशक धर्मार्थ कार्य नियुक्त किया गया है। उनकी जगह जल निगम में संयुक्त प्रबंध निदेशक रहे ज्ञानेन्द्र सिंह को पिलभीत का जिलाधिकारी बनाया गया है।

इसके अतिरिक्त, अलीगढ़ विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष अपूर्वा दुबे को सूडा का निदेशक बनाया गया है। उनकी जगह कुलदीप मीणा को अलीगढ़ विकास प्राधिकरण का उपाध्यक्ष बनाया गया है, जो अब तक बुलंदशहर के सीडीओ थे। अब मथुरा की संयुक्त मजिस्ट्रेट श्रीमती निशा बुलंदशहर की नई सीडीओ होंगी। प्रेरणा शर्मा को सूडा से विशेष सचिव, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग में भेजा गया है।

पीसीएस अधिकारियों में भी कई बदलाव हुए हैं। प्रकाश चंद्र को एडीएम न्यायिक हाथरस, शिव नारायण को एडीएम न्यायिक बागपत, विनीत कुमार सिंह को एडीएम नगर गाजियाबाद, हिमांशु वर्मा को एडीएम वित्त एवं राजस्व गोरखपुर, उत्कर्ष श्रीवास्तव को नगर मजिस्ट्रेट गोरखपुर और अलंकार अग्निहोत्री को नगर मजिस्ट्रेट बरेली की जिम्मेदारी दी गई है।

इस व्यापक फेरबदल से प्रदेश के प्रशासनिक ढांचे में नए संतुलन की उम्मीद जताई जा रही है। सरकार ने अनुभव और दक्षता के आधार पर अधिकारियों को नई जिम्मेदारियां दी हैं, जिससे प्रशासनिक कार्यों में गति और पारदर्शिता आने की संभावना है।

नगर पंचायत पथरदेवा में 43.58 करोड़ के विकास कार्यों का लोकार्पण व शिलान्यास, मंत्री ए.के. शर्मा बोले- पूर्वांचल का हर हाल में होगा विकास

उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री श्री ए.के. शर्मा ने शुक्रवार को देवरिया जनपद की नगर पंचायत पथरदेवा में 43.58 करोड़ रुपए की लागत से होने वाले विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पूर्वांचल का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने पथरदेवा में आयोजित एक भव्य जनसभा को भी संबोधित किया।

इस मौके पर मंत्री श्री शर्मा ने बताया कि वंदन योजना के अंतर्गत 1.44 करोड़ रुपये के कार्य, बेसहारा पशुओं के लिए कान्हा गौशाला के निर्माण हेतु 1.66 करोड़ रुपये, मुख्यमंत्री वैश्विक नगर योजना के अंतर्गत वार्ड संख्या 01 के अंबेडकर नगर में 40 करोड़ रुपये की लागत से छठ घाट का जीर्णोद्धार और वार्ड नंबर 03 व 10 में 24-24 लाख रुपये से प्राथमिक विद्यालयों के कायाकल्प का कार्य किया जाएगा।

मंत्री ने शिव मंदिर परिसर में आयोजित कार्यक्रम में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी भी स्वयं शाही जी का सम्मान करते हैं। शाही जी की कार्य संस्कृति से पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रेरणा मिलती है और उन्होंने देवरिया के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ी है।

श्री शर्मा ने बताया कि वर्ष 2022-23 में हेतिमपुर नगर पंचायत को 11.93 करोड़, पथरदेवा को 17.76 करोड़ और तरकुलवा को 16.58 करोड़ रुपए दिए गए। 2023-24 में हेतिमपुर को 11 करोड़, तरकुलवा को 12.50 करोड़ और पथरदेवा को 9 करोड़ रुपये मिले। अब 2025-26 के लिए हेतिमपुर को 17 करोड़, तरकुलवा को 10 करोड़ और पथरदेवा को 18.50 करोड़ रुपये विकास कार्यों के लिए स्वीकृत हुए हैं।

उन्होंने विद्युत व्यवस्था को लेकर कहा कि पूरे प्रदेश में आरडीएसएस योजना और बिजनेस प्लान के अंतर्गत पुराने तारों और खंभों को हटाने, ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाने, नई लाइनें बिछाने जैसे कार्य तेजी से हो रहे हैं। देवरिया में भी 2023-24 में 31 करोड़, 2024-25 में 27 करोड़ और 2025-26 में 43.67 करोड़ रुपए के कार्य स्वीकृत किए गए हैं। जिले में 33 और 11 केवी की लाइनें बढ़ाई जा रही हैं, 81 नए डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर लगाए जा रहे हैं और 311 ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाई जा चुकी है।

मंत्री ने कहा कि बीते दो वर्षों में जिले की बिजली व्यवस्था को मजबूत करने के लिए 100 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। देवरिया के 247 मजरों में विद्युतीकरण का कार्य हो चुका है और यदि कोई मजरा इससे वंचित रह गया है तो सूचना मिलने पर तुरंत कार्यवाही होगी। ट्रांसफार्मरों को भी बदला जा रहा है ताकि बिजली आपूर्ति बेहतर हो सके।

पूर्वांचल के विकास पर जोर देते हुए श्री शर्मा ने कहा कि क्षेत्र विकास की दौड़ में पिछड़ गया था, लेकिन अब लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। सभी नगर निकायों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए नई योजनाएं लागू की गई हैं। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि नगरों को स्वच्छ और सुंदर बनाने में वे सहयोग करें।

इस अवसर पर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, भाजपा जिलाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि, नगर निकायों के अध्यक्ष, सभासद, भाजपा पदाधिकारी, वरिष्ठ कार्यकर्ता, प्रशासनिक अधिकारी व बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, युवा एवं मातृशक्ति उपस्थित रही।

Deoria Wather Update: बढ़ती तापमान के बीच देवरिया के कुछ हिस्सों में धूल मिट्टी के साथ चली आधी मौसम विभाग इस दिन से होगी बारिश?

इन दिनों गर्मी का सीजन चल रहा है गर्मी से लोग बेहद परेशान नजर आ रहे हैं आपको बता दें कि गर्मी इतनी बढ़ गई थी कि लोग यह चाहने लगे थे कि जल्द से जल्द बारिश आए और गर्मी से लोगों को निजात मिले देवरिया के कुछ हिस्सों में आयी आधी जिससे लोगों में राहत की सांस ली हालांकि बारिश नहीं हुई लेकिन धूल मिट्टी के साथ तेज हवाएं चली जिससे लोगों ने राहत की सांस ली

आपको बता दे की गर्मी इतनी बढ़ गई थी कि लोग बेहद परेशान नजर आ रहे थे ऐ सी भी काम करना बंद कर दिया था लोग यह माना रहे थे कि कहीं से तो बारिश आ जाए जिसमें मौसम की बढ़ती तापमान में कुछ गिरावट आए जिसे हम लोगों को राहत मिल सके

वहीं धूल मिट्टी के साथ तेज हवाएं चली जिससे लोगों ने काफी राहत की सांस ली लोगों का कहना था कि चलो कुछ तो राहत मिली गर्मी की तापमान इस कदर बढ़ गई थी कि लोग चारों तरफ परेशान नजर आ रहे थे कुछ लोग नदी का भी सहारा लेने लगे थे

देवरिया के कुछ हिस्सों में तेज आधी के साथ धूल मिट्टी भी उड़ती हुई दिखी लोगों में एक आस जगी की क्या पता हवा रुकने के बाद कहीं बारिश हो जाए तेज हवाओं से लोगों को गर्मी से तो कुछ समय के लिए राहत मिली है लेकिन लोगों का कहना है कि अगर बारिश हो जाती है तो कुछ दिनों के लिए बहुत ही बड़ी राहत मिल जाएगी

वही मौसम विभाग का कहना है की पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 16 और 19-21 मई के बीच हल्की बारिश होगी। इससे गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद है।

Deoria News:घर में चल रही थी शादी की तैयारी आज ही आनी थी तिलक एक पल में पसरा सन्नाटा

आपको बता दे कि इन दिनों शादियों का सीजन चल रहा है और लोग चारों तरफ अपने आस-पड़ोस रिश्तेदार के यहां आना-जाना चल रहे हैं इसी तरह देवरिया के इजरही गांव में शादियों की तैयारी चल रही थी सब चीज अच्छा से चल रहा था तभी अचानक एक ऐसी घटना घटती है की एक पल में सब कुछ बिराना पड़ जाता है और एक पल में ही मातम में बदल जाता है

सदर कोतवाली क्षेत्र के मालकौली गांव के रहने वाले 4 वर्षीय कार्तिक पुत्र दीपक गुप्ता अपनी मां के साथ ननिहाल इजरही गांव में आया था जहां शाम को उसके मामा निलेश गुप्ता का तिलक कार्यक्रम था दरवाजे पर तिलक समारोह की तैयारी चल रही थी इस दौरान देवरिया की तरफ से जा रही तेज रफ्तार बोलेरो ने मासूम को कुचल दिया और चालक बोलोरो लेकर फुलवरिया की तरफ भाग निकाल मासूम को महाराज महर्षि देवरवाह मेडिकल कॉलेज में इमरजेंसी में लेकर पहुंचे जहां चिकित्साक ने उसे मृत्यु घोषित कर दिया

आप को बता दे की देवरिया जिला के इजरही गांव में तिलक समारोह की तैयारी चल रही थी इस दौरान एक बोलेरो ने दरवाजे पर खेल रहे एक मासूम बच्चे को कुचल दिया बच्चों को मेडिकल कॉलेज में ले जाया गया जिसके दौरान बच्चे की मृत्यु हो गई चालक की गिरफ्तारी की मांग को लेकर घर वालों ने शव देने से मना कर दिया एसडीएम श्रुति शर्मा सीओ सदर संजय कुमार रेड्डी ने इमरजेंसी पहुंचकर समझाकर परिवार को शांत कराया और पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया

पटना से दिल्ली जा रही स्लीपर बस में भीषण आग, 5 यात्रियों की जिंदा जलकर मौत, कई घायल

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प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बस जैसे ही किसान पथ पर पहुंची, अचानक आग की लपटें उठने लगीं। आग इतनी तेजी से फैली कि पूरी बस कुछ ही मिनटों में आग की चपेट में आ गई। बस में अफरा-तफरी मच गई। कई यात्री खिड़कियों से कूद गए, लेकिन जो ऊपरी स्लीपर पर सो रहे थे, वे समय रहते बाहर नहीं निकल सके और उनकी मौत हो गई। बस का ड्राइवर और कंडक्टर हादसे के तुरंत बाद दरवाजा खोलकर भाग निकले, जिससे लोगों में आक्रोश है।

लखनऊ के मोहनलालगंज इलाके में गुरुवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हो गया। किसान पथ पर बिहार के पटना से दिल्ली जा रही एक स्लीपर बस में सुबह लगभग 5 बजे अचानक भीषण आग लग गई। हादसे में बस में सो रहे पांच यात्रियों की जिंदा जलकर मौत हो गई, जबकि अन्य यात्रियों ने दरवाजों और खिड़कियों से कूदकर अपनी जान बचाई। मृतकों में दो महिलाएं, दो बच्चे और एक पुरुष शामिल हैं, सभी बिहार के निवासी बताए जा रहे हैं।

सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंची और आग बुझाने का काम शुरू किया, लेकिन तब तक बस पूरी तरह जल चुकी थी। आग पर काबू पाने में टीम को काफी मशक्कत करनी पड़ी। इस दौरान किसान पथ पर ट्रैफिक भी काफी देर तक रुका रहा। मौके पर पहुंची मोहनलालगंज और पीजीआई थाने की पुलिस ने शवों को बस से बाहर निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। वहीं, घायलों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है।

पीजीआई थाना प्रभारी ने पुष्टि की है कि आग बस की ऊपरी मंजिल पर लगी थी, जहां पांच लोग सो रहे थे। इनकी मौके पर ही मौत हो गई। प्रथम दृष्टया माना जा रहा है कि आग शॉर्ट सर्किट या बस के इंजन से निकली चिंगारी के कारण लगी होगी, हालांकि फायर ब्रिगेड और पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

यह हादसा न सिर्फ दर्दनाक है, बल्कि यह भी सवाल उठाता है कि लंबी दूरी की यात्रा करने वाली बसों की सुरक्षा व्यवस्था कितनी लचर है। यदि बस में आग बुझाने के पर्याप्त इंतजाम होते, तो शायद इन पांच लोगों की जान बचाई जा सकती थी। हादसे के बाद मृतकों के परिवारों में कोहराम मचा हुआ है और स्थानीय लोग प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

अगर भारत-पाकिस्तान के बीच हुआ परमाणु युद्ध, तो कितना होगा विनाश? जानिए भयावह सच

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भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों से चले आ रहे तनाव की पृष्ठभूमि में एक सवाल हमेशा लोगों के मन में उठता है—अगर दोनों देशों के बीच परमाणु युद्ध छिड़ गया, तो इसका अंजाम क्या होगा? विशेषज्ञों की मानें तो यह न केवल इन दो देशों के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए भी भयावह साबित हो सकता है। इस युद्ध से जो तबाही मचेगी, उसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है।

दोनों देशों के पास करीब 150-160 परमाणु हथियार हैं। अगर इनका इस्तेमाल होता है तो एक-दूसरे के प्रमुख शहर जैसे दिल्ली, मुंबई, कराची और लाहौर पूरी तरह से तबाह हो सकते हैं। एक अनुमान के अनुसार, ऐसे युद्ध में लगभग 10 से 20 करोड़ लोग तत्काल मारे जा सकते हैं। इससे भी अधिक संख्या में लोग रेडिएशन के प्रभाव से धीरे-धीरे मौत के मुंह में चले जाएंगे।

परमाणु विस्फोट से निकलने वाली रेडिएशन और धूल वातावरण में फैलकर सूर्य की रोशनी को ब्लॉक कर सकती है, जिससे ‘परमाणु सर्दी’ (Nuclear Winter) जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। इससे खेती पर बुरा असर पड़ेगा, खाद्य संकट गहराएगा और भूख से करोड़ों लोग मारे जा सकते हैं।

ऐसा युद्ध सिर्फ सीमित नहीं रहेगा; इसके असर से पूरी दुनिया की जलवायु, स्वास्थ्य और आर्थिक व्यवस्था चरमरा जाएगी। WHO की रिपोर्ट के अनुसार, किसी भी देश की स्वास्थ्य व्यवस्था इतनी सक्षम नहीं है कि वह इतने बड़े पैमाने पर घायल और बीमार लोगों की देखभाल कर सके।

इसके अलावा, भारत और पाकिस्तान की आर्थिक व्यवस्था पूरी तरह से खत्म हो सकती है। ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था मिनटों में राख हो जाएगी। स्कूल, अस्पताल, सड़कें, पुल सब मलबे में तब्दील हो जाएंगे।

संयुक्त राष्ट्र और दुनिया के अन्य देश भी इस टकराव को रोकने की कोशिश करेंगे, लेकिन अगर एक बार मिसाइलें चल पड़ीं, तो उन्हें रोकना लगभग असंभव हो जाएगा।

इसलिए ज़रूरत है कि दोनों देश बातचीत और शांति के रास्ते को अपनाएं। कूटनीति, आपसी समझ और परस्पर सम्मान ही एकमात्र रास्ता है जिससे इस संभावित महाविनाश को टाला जा सकता है। युद्ध से कोई भी नहीं जीतता—यह केवल मानवता की हार होती है।

पाकिस्तान के पास भारत से ज्यादा परमाणु बम, लेकिन तकनीक में पीछे; जानिए दोनों देशों की परमाणु ताकत का पूरा आंकलन

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भारत और पाकिस्तान दोनों ही दक्षिण एशिया के परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं। दोनों देशों के बीच लंबे समय से राजनीतिक और सैन्य तनाव बना रहता है, ऐसे में यह जानना जरूरी है कि कौन सा देश परमाणु हथियारों के मामले में कितना सक्षम है। हाल के अंतरराष्ट्रीय रक्षा और परमाणु विश्लेषणों के मुताबिक, परमाणु बमों की संख्या के लिहाज से पाकिस्तान इस समय भारत से थोड़ा आगे है।

परमाणु हथियारों की अनुमानित संख्या की बात करें तो
वर्ष 2024 की रिपोर्ट्स के अनुसार भारत के पास लगभग 164 परमाणु हथियार हैं, जबकि पाकिस्तान के पास यह संख्या 170 से 180 के बीच मानी जाती है। यानी पाकिस्तान के पास भारत से 10 से 15 ज्यादा परमाणु बम हैं। हालांकि, संख्या के इस मामूली अंतर का रणनीतिक रूप से बहुत बड़ा महत्व नहीं है, क्योंकि किसी भी परमाणु युद्ध की स्थिति में परिणाम विनाशकारी होंगे।

भारत की परमाणु नीति
भारत ने 1998 में पोखरण परीक्षण के जरिए खुद को औपचारिक रूप से परमाणु शक्ति संपन्न देश घोषित किया था। भारत की परमाणु नीति “No First Use” यानी “पहले प्रयोग नहीं करेंगे” पर आधारित है। इसका अर्थ है कि भारत कभी भी पहले परमाणु हमला नहीं करेगा, लेकिन यदि उस पर परमाणु हमला होता है, तो वह जवाबी कार्रवाई करेगा और दुश्मन को पूरी तरह तबाह कर सकता है।

पाकिस्तान की परमाणु नीति
पाकिस्तान की ओर से अब तक किसी भी प्रकार की ‘No First Use’ नीति की पुष्टि नहीं की गई है। पाकिस्तान ने हमेशा भारत के साथ संभावित पारंपरिक युद्ध के खतरे के चलते परमाणु हथियारों को एक रणनीतिक संतुलन के रूप में देखा है।

तकनीक और डिलीवरी सिस्टम में कौन आगे?
जहां पाकिस्तान के पास थोड़ी अधिक संख्या में परमाणु बम हैं, वहीं भारत तकनीक और डिलीवरी सिस्टम के मामले में आगे है। भारत के पास अग्नि सीरीज की इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलें, परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम लड़ाकू विमान और परमाणु पनडुब्बियों की क्षमता है। वहीं पाकिस्तान की मिसाइल प्रणाली और परमाणु ले जाने वाले वाहन भारत की तुलना में अभी भी सीमित और विकासशील स्थिति में हैं।

बुद्ध पूर्णिमा पर देवरिया में विधिक साक्षरता कार्यक्रम का आयोजन, आमजन को दी गई कानूनी जानकारी

देवरिया। भगवान बुद्ध की शिक्षाओं और संविधान में नागरिकों को मिले कानूनी अधिकारों के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) देवरिया के तत्वावधान में बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर एक विधिक साक्षरता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम जिला पंचायत सभागार, देवरिया में संपन्न हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में आमजनमानस, सामाजिक कार्यकर्ता एवं शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री मनोज कुमार तिवारी ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान बुद्ध का जीवन दर्शन आज के समाज के लिए अत्यंत प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि बुद्ध के विचारों में प्रेम, करुणा, शांति, अहिंसा, त्याग और संयम जैसे गुण समाहित हैं, जो किसी भी व्यक्ति को एक बेहतर इंसान बना सकते हैं। उन्होंने भगवान बुद्ध के अष्टांगिक मार्ग की चर्चा करते हुए बताया कि इस मार्ग पर चलकर व्यक्ति सम्यक दृष्टिकोण, सम्यक आचरण और सम्यक जीवनशैली को अपनाकर जीवन को संतुलित बना सकता है।

श्री तिवारी ने कहा कि भगवान बुद्ध का दर्शन मानववाद पर आधारित है, जो भारतीय संविधान की भावना से पूरी तरह मेल खाता है। उन्होंने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 51 (क) प्रत्येक नागरिक से वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानवीय संवेदना, सुधार की भावना और ज्ञान प्राप्ति को बढ़ावा देने की अपेक्षा करता है। साथ ही उन्होंने अनुच्छेद 39(ए) का उल्लेख करते हुए कहा कि यह अनुच्छेद समाज के वंचित और कमजोर वर्गों को न्याय तक समान अवसर और निःशुल्क कानूनी सहायता सुनिश्चित करता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का मुख्य उद्देश्य भी यही है कि समाज के पिछड़े और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को निःशुल्क विधिक सहायता मिल सके।

कार्यक्रम के दौरान लोगों को कानूनी अधिकारों, निःशुल्क विधिक सहायता पाने की प्रक्रिया, डीएलएसए की सेवाएं, और न्यायालय में प्रतिनिधित्व जैसे विषयों पर विस्तार से जानकारी दी गई। श्री तिवारी ने यह भी बताया कि विधिक सेवा प्राधिकरण आम नागरिकों को कानूनी सलाह देने, उनके अधिकारों की रक्षा करने और न्याय प्राप्त करने में सहायता करने के लिए निरंतर कार्यरत है।

इस अवसर पर महन्थ त्रिवेणी पर्वत इंटर कॉलेज, विशुनपुरा बाजार के प्रतिनिधियों सहित आमजन, सामाजिक कार्यकर्ता और कई गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में लोगों ने विधिक सेवा प्राधिकरण के इस प्रयास की सराहना की और भगवान बुद्ध की शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लिया।

यह कार्यक्रम न सिर्फ बुद्ध पूर्णिमा के आध्यात्मिक संदेश को लेकर आया, बल्कि समाज में विधिक जागरूकता की एक नई लौ भी जगाई।

भारत-पाकिस्तान में युद्धविराम की घोषणा, डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों को दी बधाई

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नई दिल्ली/वाशिंगटन: भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चले आ रहे तनाव को लेकर एक बड़ी और सकारात्मक खबर सामने आई है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने एक सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया है कि अमेरिका की मध्यस्थता में भारत और पाकिस्तान के बीच पूर्ण और तत्काल युद्धविराम (सीजफायर) पर सहमति बन गई है। यह पोस्ट देखते ही देखते वायरल हो गया और पूरे विश्व में चर्चा का विषय बन गया।

ट्रंप ने अपने आधिकारिक हैंडल से पोस्ट करते हुए लिखा, “संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा मध्यस्थता किए गए एक लंबे संवाद के बाद, मुझे यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि भारत और पाकिस्तान ने पूर्ण और तत्काल युद्धविराम पर सहमति जताई है।” उन्होंने आगे लिखा कि यह दोनों देशों की ‘कॉमन सेंस’ और ‘ग्रेट इंटेलिजेंस’ का प्रतीक है, और उन्होंने इस फैसले के लिए दोनों देशों को बधाई दी।

इस खबर से न केवल दक्षिण एशिया में शांति की उम्मीदें जगी हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी इसे सराहनीय कदम बताया है। हालांकि, अभी तक भारत या पाकिस्तान की ओर से इस युद्धविराम की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। लेकिन ट्रंप के बयान से संकेत मिलता है कि बैकडोर डिप्लोमेसी के जरिए कोई बड़ी पहल की गई है।

विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच अगर यह युद्धविराम वाकई में लागू होता है, तो यह दोनों देशों के लिए एक बड़ा कूटनीतिक और मानवीय लाभ होगा। वर्षों से सीमा पर तनाव, गोलीबारी और आम नागरिकों की मौत की खबरें आती रही हैं। ऐसे में यदि अब शांति की दिशा में कोई ठोस कदम उठता है, तो यह क्षेत्रीय स्थिरता के लिए बेहद महत्वपूर्ण होगा।

डोनाल्ड ट्रंप पहले भी कई बार भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की पेशकश कर चुके हैं, हालांकि भारत की नीति यह रही है कि वह किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करता। इसके बावजूद अगर यह पहल सफल होती है तो यह अमेरिकी कूटनीति की एक महत्वपूर्ण जीत मानी जाएगी।

अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि भारत और पाकिस्तान इस कथित सहमति की आधिकारिक घोषणा कब करते हैं और क्या वाकई दोनों देश सीमा पर शांति बनाए रखने को लेकर प्रतिबद्ध हैं।

भारत-पाक तनाव के बीच X ने उठाया बड़ा कदम, 8000 से ज्यादा अकाउंट्स किए ब्लॉक, एलन मस्क का बड़ा बयान

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के माहौल में अब डिजिटल मोर्चे पर भी हलचल तेज हो गई है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) ने भारत सरकार के आदेश के बाद भारत में 8000 से अधिक अकाउंट्स को ब्लॉक करना शुरू कर दिया है। यह कार्रवाई उस समय की गई जब पाकिस्तान ने जम्मू एयरपोर्ट को ड्रोन और मिसाइल से निशाना बनाने की कोशिश की। सरकार को आशंका है कि सोशल मीडिया के जरिए अफवाहें फैलाकर देश में अस्थिरता पैदा की जा सकती है।

ब्लॉकिंग के पीछे की वजह

भारत सरकार ने X को एक्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी कर स्पष्ट रूप से कहा कि कुछ अकाउंट्स देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं। सरकार ने कहा कि यदि X इन अकाउंट्स को ब्लॉक नहीं करता है, तो कंपनी को बड़ा आर्थिक दंड भुगतना पड़ सकता है और कंपनी के भारतीय कर्मचारियों को जेल तक जाना पड़ सकता है।

X की ग्लोबल गवर्नमेंट अफेयर्स टीम ने बयान जारी कर बताया कि उन्हें भारत सरकार से यह आदेश मिला है और वे उसका पालन कर रहे हैं। इस आदेश में कई इंटरनेशनल न्यूज आउटलेट्स और प्रसिद्ध व्यक्तियों के अकाउंट्स शामिल हैं, जो कथित तौर पर भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए गए हैं।

एक्स का बयान

X की ओर से कहा गया कि, “हम सरकार के आदेशों का पालन कर रहे हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि हम इन आदेशों से सहमत हैं। हमने यह कदम केवल भारत में अपनी सेवाओं को जारी रखने के लिए उठाया है।”

X ने यह भी बताया कि कुछ मामलों में उन्हें यह जानकारी नहीं दी गई कि किस पोस्ट या कंटेंट के कारण अकाउंट्स को ब्लॉक किया गया है। इससे पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। कंपनी का मानना है कि इस तरह की ब्लॉकिंग से लोकतांत्रिक मूल्यों को नुकसान पहुंच सकता है।

झूठी खबरों से सरकार सख्त

भारत सरकार का कहना है कि सोशल मीडिया पर झूठी और भड़काऊ खबरों के जरिए जनता को उकसाने की कोशिश की जा रही है। ऐसे में यह जरूरी हो गया था कि इन माध्यमों पर नियंत्रण स्थापित किया जाए। सरकार ने स्पष्ट किया कि यह फैसला देश की आंतरिक सुरक्षा और शांति व्यवस्था को बनाए रखने के लिए लिया गया है।

सूचना तक पहुंच की चुनौती

X ने यह भी कहा कि ऐसे ऑर्डर के पालन से सरकार की जवाबदेही पर भी असर पड़ता है। अगर यूज़र्स को जानकारी नहीं दी जाती कि किन कारणों से उन्हें ब्लॉक किया गया है, तो लोकतंत्र में पारदर्शिता बनाए रखना मुश्किल हो जाता है। X का कहना है कि “हम भारत में लोगों को जानकारी तक पहुंच का हक देने के पक्ष में हैं, और आगे भी इस संतुलन को बनाए रखने की कोशिश करेंगे।”

भारत-पाक तनाव के इस दौर में डिजिटल दुनिया में भी सरकारें कड़े फैसले ले रही हैं। एक ओर जहां सरकार सुरक्षा के लिहाज़ से सख्त कदम उठा रही है, वहीं सोशल मीडिया कंपनियां अभिव्यक्ति की आज़ादी और पारदर्शिता के संतुलन में उलझी हुई हैं।