देवरिया जनपद में सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा था जिसमें दावा किया जा रहा था कि मोहर्रम के मौके पर कुछ लोग “पाकिस्तान जिंदाबाद” के नारे लगा रहे हैं। इस वीडियो के साथ यह भी कहा जा रहा था कि यह घटना देवरिया कचहरी क्षेत्र के पास की है। वीडियो के वायरल होते ही जिले में हलचल मच गई और आमजन के बीच भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई।

इस मामले को गंभीरता से लेते हुए देवरिया पुलिस ने तत्काल जांच शुरू की। पुलिस अधीक्षक देवरिया के निर्देश पर वीडियो की बारीकी से जांच की गई और तकनीकी विश्लेषण के साथ प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ की गई। जांच में यह साफ हुआ कि वीडियो को गलत तरीके से एडिट कर प्रस्तुत किया गया था और उसमें लगाए जा रहे “जिंदाबाद” के नारों को भ्रामक रूप से “पाकिस्तान जिंदाबाद” बताया जा रहा था।
पुलिस के अनुसार, वायरल हो रहा वीडियो फाइव स्टार क्लब नामक स्थानीय युवाओं के समूह का था, जो किसी आयोजन में भाग ले रहे थे और “फाइव स्टार क्लब जिंदाबाद” के नारे लगा रहे थे। लेकिन कुछ अराजक तत्वों ने इसे एडिट कर “पाकिस्तान जिंदाबाद” का रूप दे दिया और इसे सोशल मीडिया पर वायरल कर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की।
देवरिया पुलिस ने इस मामले में फर्जी वीडियो फैलाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी है। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस तरह की भ्रामक जानकारी फैलाना कानूनन अपराध है और इसके जिम्मेदार व्यक्तियों की पहचान कर उनके खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, पुलिस प्रशासन ने जनता से अपील की है कि किसी भी तरह की वीडियो, मैसेज या सूचना को बिना पुष्टि किए न तो साझा करें और न ही उस पर विश्वास करें। विशेषकर ऐसे मामलों में जहां सांप्रदायिक या सामाजिक तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, वहां अतिरिक्त सतर्कता बरतना आवश्यक है।
देवरिया पुलिस ने लोगों से संयम और सतर्कता बरतने की अपील करते हुए कहा है कि अगर किसी को किसी वीडियो या मैसेज की सत्यता को लेकर संदेह हो, तो वह तत्काल पुलिस को सूचित करें। सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाना समाज के लिए घातक हो सकता है और इससे कानून-व्यवस्था को खतरा उत्पन्न होता है।
इस मामले में पुलिस की तत्परता और सच्चाई सामने लाने की पहल की प्रशंसा हो रही है। उन्होंने यह भी बताया कि अफवाह फैलाने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा और उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में कोई इस तरह की हरकत करने की हिम्मत न कर सके।
इस घटनाक्रम ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही सूचनाएं हमेशा सही नहीं होतीं और बिना जांचे-परखे उन पर प्रतिक्रिया देना समाज में गलत प्रभाव डाल सकता है। इसलिए हर नागरिक की यह जिम्मेदारी है कि वह सत्य और असत्य की पहचान करे और अफवाहों से दूर रहे।