देवरिया के राजकीय आश्रम पद्धति इंटर कॉलेज मेहरौना में दूषित भोजन खाने से बीमार हुए बच्चों में से एक बच्चा, शिवम कुमार यादव, ने गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। यह घटना 7 अगस्त 2024 को लगभग 10:00 बजे हुई। शिवम की उम्र लगभग 12 वर्ष थी और वह महाराजगंज जिले के रामनगर गांव का निवासी था। उसके पिता का नाम सदानंद यादव है।
बीते दो दिनों में, दूषित भोजन के सेवन से इस कॉलेज के कई छात्र बीमार हो गए थे। शिवम के परिवारजन इस समय बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में मौजूद हैं। जैसे ही शिवम की मृत्यु की सूचना मिली, गोरखपुर की स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंच गई और शव को कब्जे में लेकर पंचायतनामा की कार्रवाई शुरू कर दी।
दूसरी ओर, देवरिया के जिला चिकित्सालय में अभी भी 60 बच्चे उपचाराधीन हैं। डॉक्टरों के अनुसार, इन बच्चों की स्थिति सामान्य है और आज कुछ बच्चों को डिस्चार्ज भी किया जाएगा। जिलाधिकारी और जनप्रतिनिधि पल-पल इन बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी रख रहे हैं।
इस घटना ने पूरे क्षेत्र में हलचल मचा दी है। परिजन और स्थानीय लोग कॉलेज प्रशासन और खाद्य आपूर्ति की गुणवत्ता पर सवाल उठा रहे हैं। प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
दूषित भोजन की जांच और प्रशासन की प्रतिक्रिया
फूड प्वाइजनिंग की इस घटना के बाद जिला प्रशासन ने तुरंत हरकत में आते हुए खाद्य पदार्थों के नमूने एकत्र किए और उन्हें जांच के लिए लैब भेजा। प्राथमिक जांच में पता चला कि भोजन में हानिकारक बैक्टीरिया पाए गए, जो इस फूड प्वाइजनिंग का मुख्य कारण हो सकते हैं।
जिलाधिकारी ने कहा, “हम इस मामले की गहन जांच कर रहे हैं। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और आवश्यकतानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी। हमारी प्राथमिकता है कि बच्चों का स्वास्थ्य सुरक्षित रहे और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।”
कॉलेज प्रशासन की स्थिति
कॉलेज प्रशासन ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है और बच्चों के इलाज में हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। प्रधानाचार्य ने कहा, “यह हमारे लिए बहुत दुखद घटना है। हम पूरी तरह से जांच में सहयोग कर रहे हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए कड़े कदम उठाएंगे।”
परिजनों की चिंताएँ और मांगें
मृतक के परिजनों और अन्य बीमार बच्चों के माता-पिता ने प्रशासन से न्याय की मांग की है। उनका कहना है कि दोषियों को सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई और बच्चा इस तरह की घटना का शिकार न हो। वे कॉलेज प्रशासन की लापरवाही को भी दोषी ठहरा रहे हैं और खाने की गुणवत्ता में सुधार की मांग कर रहे हैं।
बच्चों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम
इस घटना के बाद, जिला प्रशासन ने सभी स्कूलों और कॉलेजों में खाद्य सुरक्षा के मानकों का पालन सुनिश्चित करने के लिए विशेष टीमों का गठन किया है। ये टीमें समय-समय पर खाद्य पदार्थों की जांच करेंगी और किसी भी तरह की अनियमितता पाए जाने पर तुरंत कार्रवाई करेंगी। इसके अलावा, बच्चों को स्वच्छ और पोषक भोजन उपलब्ध कराने के लिए स्कूल प्रशासन को विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
इस दुखद घटना ने पूरे जिले को हिला कर रख दिया है और प्रशासन को सतर्क कर दिया है। बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। लेकिन इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि खाद्य सुरक्षा के मानकों का पालन कितना महत्वपूर्ण है, खासकर स्कूलों और कॉलेजों में जहां हमारे भविष्य के कर्णधार अध्ययन करते हैं।