देवरिया जनपद के शहीद आचार्य रामचंद्र विद्यार्थी पार्क में पर्यटन विभाग कार्यालय के निर्माण के विरोध में भूख हड़ताल और धरना प्रदर्शन की खबर इन दिनों सुर्खियों में है। यह पार्क ऐतिहासिक महत्व का है, क्योंकि अंग्रेजों के समय में यह कलेक्ट्री के रूप में कार्य करता था। वर्तमान में इस स्थल पर पर्यटन विभाग कार्यालय का निर्माण प्रस्तावित है, जिसके कारण जनप्रतिनिधियों और जिला अधिकारियों की पहल पर पार्क का स्वरूप बदलने की तैयारी की जा रही है। इस बदलाव को लेकर शहीद आचार्य रामचंद्र विद्यार्थी के परिवार और अन्य सामाजिक संगठनों ने कड़ा विरोध जताया है और भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं।
शहीद आचार्य रामचंद्र विद्यार्थी के परिवार और प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार शहीद के सम्मान में कोताही बरत रही है। उनका मानना है कि यह कार्य जातीय भावना से ग्रसित होकर किया जा रहा है और शहीद को वह सम्मान नहीं दिया जा रहा है, जिसके वे हकदार हैं। प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि इस भूमि का उपयोग केवल पार्क के रूप में हो और पर्यटन विभाग कार्यालय का निर्माण रोक दिया जाए। प्रजापति समाज संगठन के कार्यकर्ता और नेता भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए हैं। उन्होंने मांग की है कि इस स्थल को पूरी तरह से पार्क घोषित किया जाए और शहीद के सम्मान की रक्षा की जाए।
आचार्य रामचंद्र विद्यार्थी के छोटे भाई राम बधाई प्रजापति ने इस मुद्दे पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है। उनका कहना है कि आचार्य रामचंद्र विद्यार्थी ने मात्र 13 वर्ष की आयु में देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी, लेकिन उनके नाम पर अब तक कोई भी सरकारी संस्थान स्थापित नहीं किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि आचार्य जी के गांव का अभी तक समग्र विकास नहीं हुआ है, जो कि शहीद के परिवार और गांव के प्रति सरकार की उदासीनता को दर्शाता है।
आचार्य रामचंद्र विद्यार्थी देवरिया जनपद के देसाई देवरिया ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले नौतन हथियागढ़ गांव के निवासी थे। यह गांव पथरदेवा विधानसभा क्षेत्र में आता है, जहां के वर्तमान विधायक और उत्तर प्रदेश सरकार में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही हैं। हालांकि, उनके कार्यकाल के दौरान भी आचार्य रामचंद्र विद्यार्थी पार्क की स्थिति दयनीय बनी हुई है, जो मंत्री जी के कामकाज पर सवाल खड़ा करता है। प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा है कि जब तक इस मुद्दे का समाधान नहीं हो जाता, तब तक वे अपनी भूख हड़ताल जारी रखेंगे।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि शहीद आचार्य रामचंद्र विद्यार्थी को उचित सम्मान नहीं मिल रहा है और उनकी स्मृति के स्थान को व्यावसायिक उपयोग के लिए बदलने की योजना अनुचित है। उनका आरोप है कि सरकार इस कार्य को जातीय आधार पर देख रही है और शहीद के नाम पर राजनीति कर रही है। प्रदर्शन में शामिल प्रजापति समाज के नेताओं ने स्पष्ट किया कि वे शहीद आचार्य रामचंद्र विद्यार्थी के सम्मान की लड़ाई लड़ेंगे और तब तक शांत नहीं बैठेंगे जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं।
इस विरोध प्रदर्शन ने देवरिया के प्रशासन और राजनीति में हलचल मचा दी है। जनप्रतिनिधियों और स्थानीय अधिकारियों के सामने यह चुनौती है कि वे इस समस्या का समाधान करें और शहीद के परिवार और समाज की भावनाओं का सम्मान करें। प्रदर्शनकारियों का यह भी कहना है कि शहीद के सम्मान को बनाए रखने के लिए पार्क को एक धरोहर स्थल के रूप में संरक्षित किया जाना चाहिए। वहीं, सरकार और प्रशासन की तरफ से इस मुद्दे पर अभी तक कोई ठोस बयान नहीं आया है, जिससे प्रदर्शनकारियों की नाराजगी और बढ़ गई है।
शहीद आचार्य रामचंद्र विद्यार्थी के गांव के लोगों का भी मानना है कि उनके गांव का समुचित विकास नहीं हुआ है। वे इस बात पर दुखी हैं कि इतने बड़े शहीद के नाम पर न तो कोई संस्था है और न ही उनके गांव को कोई विशेष पहचान दी गई है। गांव के लोग चाहते हैं कि सरकार उनके गांव के विकास पर ध्यान दे और शहीद के नाम पर किसी संस्थान की स्थापना की जाए, ताकि आने वाली पीढ़ियां उनके बलिदान को याद रख सकें।
प्रजापति समाज संगठन के नेताओं ने इस विरोध को और तेज करने की चेतावनी दी है, अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं। उन्होंने कहा कि शहीद का अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और वे इसके खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करते रहेंगे।