Deoria News: देवरिया में बड़ा बाढ़ का खतरा सरयू नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है

देश के पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही भारी बारिश के कारण तमाम नदियां उफान पर हैं। इसका प्रभाव देवरिया जनपद में भी देखने को मिल रहा है, जहां सरयू नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। खासतौर पर बरहज क्षेत्र में सरयू नदी का विकराल रूप चिंता का विषय बना हुआ है। नदी के किनारे बसे गांवों के निवासियों को डर सता रहा है कि कहीं उनका गांव बाढ़ की चपेट में न आ जाए।

देवरिया जनपद के बाढ़ से संबंधित अधिकारी इस परिस्थिति को लेकर काफी सजग हैं और नदी तटीय क्षेत्रों में लगातार निरीक्षण कर रहे हैं। प्रशासन द्वारा आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।

स्थिति का आकलन और तैयारियां

देवरिया के बाढ़ प्रबंधन अधिकारी और संबंधित विभागों के कर्मचारी सरयू नदी के तटीय क्षेत्रों का निरीक्षण कर रहे हैं। बरहज के निकट स्थित गांवों के निवासियों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। बाढ़ संभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने की तैयारियां की जा रही हैं। प्रशासन ने बाढ़ राहत केंद्रों को सक्रिय कर दिया है और वहां पर आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था की जा रही है।

ग्रामीणों की चिंताएं और तैयारियां

नदी के किनारे बसे गांवों के लोग बाढ़ के खतरे को लेकर चिंतित हैं। गांव वालों का कहना है कि हर साल बरसात के मौसम में सरयू नदी का जलस्तर बढ़ता है, लेकिन इस बार की स्थिति कुछ अधिक गंभीर है। कई गांवों के लोग अपने पशुओं और अन्य महत्वपूर्ण सामानों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं। लोग प्रशासन द्वारा दी जा रही चेतावनियों और निर्देशों का पालन कर रहे हैं।

प्रशासन की सावधानियां और उपाय

प्रशासन ने सरयू नदी के किनारे बाढ़ चौकियां स्थापित की हैं, जहां से नदी के जलस्तर की नियमित निगरानी की जा रही है। ग्रामीणों को बाढ़ के खतरे के प्रति जागरूक करने के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। बाढ़ से प्रभावित होने वाले संभावित क्षेत्रों में आवश्यक बचाव सामग्रियों जैसे नाव, रस्सी, जीवनरक्षक जैकेट आदि की व्यवस्था की गई है।

सरयू नदी का बढ़ता जलस्तर

सरयू नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और अगर यही स्थिति बनी रही तो आने वाले दिनों में बाढ़ का खतरा और बढ़ सकता है। मौसम विभाग ने भी अगले कुछ दिनों में और अधिक बारिश होने की संभावना जताई है। इसको देखते हुए प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी किया है और सभी संबंधित विभागों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।

बाढ़ के संभावित खतरे

बाढ़ का खतरा सिर्फ जान-माल के नुकसान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह कृषि और आर्थिक गतिविधियों को भी प्रभावित करता है। बरहज और इसके आसपास के क्षेत्रों में कृषि प्रमुख रूप से नदी के पानी पर निर्भर है, लेकिन बाढ़ की स्थिति में फसलें बर्बाद हो सकती हैं। इसके साथ ही, बाढ़ के कारण गांवों में संचार और यातायात व्यवस्था भी बाधित हो जाती है, जिससे लोगों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

स्थानीय लोग और सामाजिक संगठनों की भूमिका

बाढ़ की स्थिति में स्थानीय लोग और सामाजिक संगठन भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। लोग एक दूसरे की मदद कर रहे हैं और जिनके पास संसाधन हैं वे बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए राहत सामग्री पहुंचा रहे हैं। सामाजिक संगठन भी बाढ़ राहत कार्यों में सक्रिय हैं और प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

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