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किशनगंज में पुल गिरा: 10 दिनों में चौथी घटना

बिहार के किशनगंज जिले में 70 मीटर लंबा पुल गिर गया है, जो पिछले 10 दिनों में चौथी बार है जब राज्य में कोई पुल गिरा है। यह पुल 2011 में मडिया नामक सहायक नदी पर बनाया गया था और कनकई और महानंदा नदियों को जोड़ता था। नेपाल में भारी बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ गया, जिससे पुल का पिलर टूट गया।

घटना का विवरण

यह घटना तब हुई जब पुल के एक पिलर ने अचानक से ढहना शुरू कर दिया और देखते ही देखते पूरा पुल गिर गया। स्थानीय प्रशासन ने तुरंत मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में लिया और पुल के दोनों तरफ बैरिकेडिंग कर दी गई ताकि आवागमन रोका जा सके। अधिकारियों ने बताया कि इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।

संबंधित घटनाएं

पिछले 10 दिनों में बिहार में यह चौथी बार है जब कोई पुल गिरा है। इससे पहले 18 जून को अररिया के सिकटी में बकरा नदी पर 12 करोड़ की लागत से बना पुल गिर गया था। इसके बाद 22 जून को सिवान में दरौंदा और महाराजगंज को जोड़ने वाला पुल गिरा और 23 जून को मोतिहारी के घोड़ासहन ब्लॉक में एक निर्माणाधीन पुल गिरा।

  1. अररिया, 18 जून: अररिया जिले के सिकटी में बकरा नदी पर बना पुल गिर गया था। यह पुल 12 करोड़ की लागत से बना था और इसके गिरने से आवागमन में बड़ी बाधा उत्पन्न हुई थी।
  2. सिवान, 22 जून: सिवान जिले में दरौंदा और महाराजगंज को जोड़ने वाला पुल भी अचानक ढह गया, जिससे लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
  3. मोतिहारी, 23 जून: मोतिहारी जिले के घोड़ासहन ब्लॉक में एक निर्माणाधीन पुल गिरा। यह पुल अभी निर्माणाधीन था और इसके गिरने से निर्माण कार्य में बड़ी देरी हुई।

कारण और जांच

पुल गिरने की इन घटनाओं ने राज्य में पुल निर्माण की गुणवत्ता और निर्माण प्रक्रियाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकार ने इन घटनाओं की जांच के आदेश दिए हैं और संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है। यह भी निर्देश दिया गया है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जाएं और निर्माण की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

किशनगंज के डीएम तुषार सिंगला ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि पुल का पिलर टूटने के कारण यह दुर्घटना हुई। उन्होंने यह भी बताया कि तत्काल प्रभाव से पुल के दोनों छोर पर बैरिकेडिंग कर दी गई है ताकि आवागमन रोका जा सके और किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके।

आम जनता की प्रतिक्रिया

स्थानीय लोगों ने इस घटना पर गहरा दुख और निराशा व्यक्त की है। उनका कहना है कि पुल गिरने की घटनाएं राज्य में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर सवाल खड़े करती हैं। लोगों का यह भी कहना है कि इन पुलों के गिरने से उन्हें आवागमन में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है और उनकी सुरक्षा पर भी सवाल उठ रहे हैं।

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