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Deoria News: साइबर क्राइम में बड़ी सफलता: पीड़ित को लौटे 30 लाख रुपये, देवरिया पुलिस की त्वरित कार्रवाई

देवरिया। साइबर ठगी के मामलों में बढ़ती चुनौतियों के बीच देवरिया की साइबर क्राइम टीम ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। टीम ने ऑनलाइन फ्रॉड के शिकार हुए एक पीड़ित के 30 लाख रुपये वापस कराए हैं। यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक देवरिया संजीव सुमन के निर्देशन में चलाए जा रहे साइबर अपराधों के विरुद्ध अभियान के तहत की गई, जिसे जिले में अब तक की महत्वपूर्ण कामयाबी के रूप में देखा जा रहा है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, पीड़ित ज्ञानचंद यादव, पुत्र लालजी यादव, निवासी बासपार बैदा, थाना सुरौली, जनपद देवरिया, ऑनलाइन मिनरल वाटर फ्रेंचाइजी लेने की प्रक्रिया में जुड़े थे। इस दौरान अज्ञात साइबर ठगों ने भरोसा दिलाने के नाम पर उनसे चरणबद्ध तरीके से कुल 30,00,000 रुपये (तीस लाख रुपये) की रकम ठगी। घटना सामने आने के बाद पीड़ित ने मामले की सूचना साइबर क्राइम सेल देवरिया को दी, जिसके बाद पुलिस टीम ने तत्काल कार्रवाई शुरू की।

साइबर सेल ने लेन-देन से जुड़े बैंक खातों, डिजिटल ट्रेल, ट्रांजेक्शन आईडी और भुगतान माध्यमों की जांच की। तकनीकी विश्लेषण और संबंधित बैंकिंग संस्थानों के सहयोग से पुलिस ने धनराशि को होल्ड करवाया और नियमानुसार प्रक्रिया पूरी करते हुए दिनांक 26 नवंबर 2025 को पूरी रकम वापस पीड़ित के बैंक खाते में जमा करा दी। साइबर क्राइम टीम की इस त्वरित कार्रवाई से पीड़ित और उसके परिवार को बड़ी राहत मिली है।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि साइबर अपराध तेजी से बदलते तरीके अपना रहे हैं और आम लोगों को सतर्क रहना सबसे जरूरी है। पुलिस ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि ओटीपी, पासवर्ड, एटीएम विवरण, बैंक खाते की जानकारी या अन्य गोपनीय डिटेल किसी भी व्यक्ति, एजेंट या कंपनी के साथ साझा न करें। लुभावने ऑफर, निवेश योजनाओं, ऑनलाइन बिजनेस फ्रेंचाइजी और अनजान लिंक पर विश्वास करना साइबर अपराध का कारण बन सकता है। किसी भी भुगतान, रजिस्ट्रेशन या ऑनलाइन एग्रीमेंट से पहले कंपनी और स्रोत की पूरी जांच करना आवश्यक है।

देवरिया पुलिस ने नागरिकों से यह भी अपील की है कि यदि किसी के साथ ऑनलाइन ठगी या साइबर अपराध होता है, तो घटना को छिपाने के बजाय तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें या cybercrime.gov.in पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराएं। समय पर सूचना देने से धनराशि वापस मिलने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।

पुलिस अधीक्षक संजीव सुमन ने कहा कि साइबर अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई लगातार जारी रहेगी और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने लोगों से जागरूक रहने, सतर्क रहने और दूसरों को भी साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करने की अपील की।

यह मामला न सिर्फ देवरिया पुलिस की तत्परता को दर्शाता है, बल्कि साइबर अपराध के खिलाफ जनजागरूकता की जरूरत को भी मजबूत करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि डिजिटल युग में सावधानी ही सुरक्षा है और जागरूकता ही बचाव का सबसे प्रभावी माध्यम।

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