देवरिया का सबसे बदनाम रेलवे स्टेशन जिसका पूरे भारत में है चर्चा इस वजह से है बदनाम

देवरिया में एक ऐसे रेलवे स्टेशन भी है जो यात्रियों और रेल कर्मियों में बदनाम रेलवे स्टेशन कहलाता है लेकिन बदलते समय में जिस वजह से रेलवे स्टेशन बदनाम था अब वह बदनामी का कार्य नहीं होता है।

उत्तर प्रदेश के लास्ट छोर पर स्थित देवरिया जनपद अपने आप में अनोखा है देवरिया जनपद में कुछ ऐसे अनोखा चीज है जिनके बारे में दुनिया जानकर हैरान हो जाती है आज मैं बात करने वाला हूं देवरिया जनपद किए एक एसे रेलवे स्टेशन के बारे में जिसे देवरिया जनपद में बदनामी झेलनी पड़ी आखिर यह बदनाम रेलवे स्टेशन कोन है और क्यों हुआ था बदनाम सब कुछ हम आपको बताएंगे।

ज्यादा नहीं आज से हम 20 साल पीछे जाए सन 2000 में तो देखेंगे कि भारत में बहुत कुछ सुविधा नहीं थी मोटर कार,दो पहिया वाहन, चार पहिया वाहन, ई रिक्शा, टेंपो,ऑटो रिक्शा, जैसे सुविधा बहुत कम थी, जिस वजह से यातायात के लिए लोगों के पास सस्ता और सुविधाजनक साइकिल और ट्रेन हुआ करती थी देवरिया जनपद में कहीं भी एक जगह से दूसरे जगह जाना होता था तो लोग साइकिल से जाते थे या ट्रेन से क्योंकि प्राइवेट सवारी जिप चलता था जो काफी महंगा हुआ करता था, और ज्यादातर छात्र बनकटा रेलवे स्टेशन, भाटपार रानी रेलवे स्टेशन, भटनी रेलवे स्टेशन, नुनखार,अहिल्यापुर, से सैकड़ो की संख्या में छात्र देवरिया पढ़ने जाते थे जरूरी कार्य से क्षेत्र के लोग भी जाते थे ।

छोटे स्टेशनों पर केवल पैसेंजर ट्रेन ही रुकती थी जिस वजह से लोगों को काफी दिक्कत होती थी क्योंकि पैसेंजर बहुत ज्यादा नहीं थी एक से दो पैसेंजर की वजह से लोगों को घंटो ट्रेन का इंतजार करना पड़ता था इसी वजह से चेन पुलिंग ज्यादा होता था, वजह से देवरिया का एक रेलवे स्टेशन बदनाम हो गया।

मैं बात कर रहा हूं भाटपार रानी रेलवे स्टेशन और भटनी रेलवे स्टेशन के बीच में नोनापार रेलवे स्टेशन की यह रेलवे स्टेशन इतना बदनाम हो गया था कि रेलवे को इस रेलवे स्टेशन की वजह से काफी नुकसान हो रहा था क्योंकि यहां से देवरिया पढ़ने वाले छात्रों की संख्या बहुत ज्यादा थी और दिन में कोई पैसेंजर नहीं होने की वजह से सिवान की तरफ जाने वाले किसी भी ट्रेन में छात्र बैठकर चल दिया करते थे, और नोनापार रेलवे स्टेशन पर लगभग 70% ट्रेनों का चेन पुलिंग होती थी जिस वजह से या रेलवे स्टेशन काफी बदनाम हो गया।

रेलवे स्टेशन इतना बदनाम हो गया की रेलवे को इस स्टेशन पर सुरक्षाकर्मी तैनात करना पड़ता था जब ट्रेन इस रेलवे स्टेशन के पास पहुंचती थी तो ट्रेन में मौजूद सुरक्षाकर्मी एक्टिव हो जाते थे कि कहीं चेन पुलिंग ना हो जाए। लेकिन| आज यह सिस्टम खत्म हो गई है अब लगभग पूरी देवरिया जनपद में कहीं भी चेन पुलिंग नहीं होती है और लोग सकुशल यात्रा करते हैं, नया भारत में बहुत कुछ बदल गया है अब लोगों के पास कहीं भी आने-जाने की बहुत सारे सुबिधा हो गए हैं, मारुति कार, दुपहिया वाहन, बस, ई रिक्शा, जैसे तमाम सुविधाएं अब मौजूद है जिस वजह से लोगों को आने-जाने में कोई दिक्कत नहीं होती है अब नोनापर रेलवे स्टेशन पर एक भी चेन पुलिंग नहीं होती है।

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