हाथरस सत्संग समापन समारोह में भगदड़, 130 से अधिक की मौत, कई लोग घायल

हाथरस: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में मंगलवार को भोल बाबा के सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 130 से अधिक लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। मृतकों में अधिकतर महिलाएं शामिल हैं। यह घटना तब हुई जब सत्संग खत्म होने के बाद भक्तों की भारी भीड़ एकत्रित हो गई और अचानक भगदड़ मच गई।

घटना का विवरण: प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सत्संग के दौरान सुरक्षा व्यवस्था पर्याप्त नहीं थी। अधिक भीड़ होने के कारण भगदड़ मच गई, जिससे कई लोग नीचे गिर गए और कुचले जाने से उनकी मौत हो गई। भगदड़ के दौरान लोग अपने आप को बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई।

प्रशासन की प्रतिक्रिया: घटना की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर राहत कार्य शुरू किया। घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जहाँ उनका इलाज चल रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजनों के लिए 2 लाख रुपये और घायलों के लिए 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की है। साथ ही, उन्होंने इस घटना की गहन जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

सुरक्षा प्रबंधों पर सवाल: इस घटना ने आयोजकों और प्रशासन की तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सवाल यह उठता है कि इतने बड़े आयोजन के लिए पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम क्यों नहीं किए गए थे? भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल और स्वयंसेवकों की संख्या कम थी, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। स्थानीय लोगों और प्रभावित परिवारों ने प्रशासन से भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए बेहतर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की है।

भविष्य की योजना: प्रशासन ने अब भविष्य में इस तरह के आयोजनों के लिए कड़े नियम और सुरक्षा मानकों का पालन करने का निर्देश दिया है। भोल बाबा के आयोजकों से भी भविष्य में बेहतर प्रबंधन और सुरक्षा इंतजाम करने की अपील की गई है। प्रशासन और आयोजकों को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों और लोगों की जान-माल की सुरक्षा की जा सके।

निष्कर्ष: हाथरस की इस घटना ने एक बार फिर से दिखाया है कि बड़े आयोजनों में सुरक्षा की अनदेखी कितनी खतरनाक हो सकती है। यह आवश्यक है कि प्रशासन और आयोजक मिलकर बेहतर सुरक्षा और प्रबंधन व्यवस्था सुनिश्चित करें ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों। इस घटना से सबक लेते हुए, भविष्य में प्रशासन और आयोजकों को और भी सतर्क रहना होगा ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके और लोगों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके

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