Salempur Loksabha seat ka itihaas: कुशवाहा के गढ़ माने जाने वाले सलेमपुर लोकसभा सीट का क्या है इतिहास

देवरिया जनपद के सलेमपुर लोकसभा सीट इन दिनों चर्चा का विषय बन गया है क्योंकि यहां पर बड़े कारोबारी के चुनाव मैदान में उतरने की वजह से सलेमपुर लोकसभा सीट चर्चा का विषय बन गया है आज हम आपको बताएंगे सलेमपुर लोकसभा सीट पर कब से हो रहा है चुनाव और पहले सांसद कौन था।

भारत में लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर सभी राजनीतिक पार्टी और उनके नेता कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर उतरकर एक-एक मतदाता से मिलकर अपने पक्ष में वोट डालने की बात कर रहे हैं लेकिन सलेमपुर लोकसभा सीट जिस पर कभी कांग्रेस पार्टी का दबदबा था आज बीजेपी ने कैसी पलटी बाजी और सलेमपुर लोकसभा सीट 1952 से लेकर 2024 तक का इतिहास।

सलेमपुर लोकसभा सीट

सलेमपुर लोकसभा सीट की बात करें तो शुरू से ही यह कांग्रेस के हाथों में रहा है लेकिन 1977 के बाद यह सीट में काफी बदलाव हो गया कुछ रिपोर्ट के मुताबिक सलेमपुर लोकसभा सीट का इतिहास 1952 से शुरू होता है 1952 में सलेमपुर लोकसभा सीट पर पहली बार चुनाव हुआ था जिसमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार विश्वनाथ राय विजय घोषित हुए और विश्वनाथ राय 1952 से 1957 तक सांसद मौजूद रहे, इनके बाद 1962 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बैनर तले विश्वनाथ पांडे सांसद चुने गए और 1967 तक सलेमपुर लोकसभा सीट पर मौजूद रहे, इनके बाद 1971 में तारकेश्वर पांडे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से 1971 में चुनाव जीतकर सलेमपुर का सांसद बने और 1977 तक सांसद के गद्दी पर बैठे रहे।

सलेमपुर लोकसभा सीट 1977 में चुनाव हुआ तो जनता पार्टी से रामनरेश कुशवाहा सांसद चुने गए इन्होंने सलेमपुर सीट पर 1980 तक सांसद की गद्दी संभाली 1980 में फिर चुनाव हुआ और कांग्रेस पार्टी ने फिर अपना सत्ता जमा लिया जहां राम नगीना मिश्रा सांसद चुने गए राम नगीना दो बार सलेमपुर से सांसद बने और 1989 तक सांसद के पद पर बने रहे।

लोकसभा सीट सलेमपुर में 1989 में चुनाव हुआ जिसमें हरि केवल प्रसाद जनता दल पार्टी की टिकट से चुनाव लड़े और इन्होंने जीत हासिल की लगातार दो बार सलेमपुर के सांसद हरि केवल प्रसाद जनता दल से चुने गए हरि केवल प्रसाद 1989 से 1996 तक सांसद बने रहे सलेमपुर लोकसभा सीट पर 1996 में चुनाव हुआ और यहां से समाजवादी पार्टी सलेमपुर में पहली बार सत्ता में आई जीत दिलाने वाले थे हरिवंश सहाय जिन्होंने समाजवादी पार्टी के बैनर तले चुनाव लड़कर 1996 में सलेमपुर का सांसद बने यह 1998 तक सांसद रहे 1998 में चुनाव हुआ फिर एक बार हरि केवल प्रसाद समता पार्टी से चुनाव लड़कर जीत हासिल की, किन्ही कारण बस 1999 में फिर चुनाव हुआ और इस बार सलेमपुर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए बब्बन राजभर जो बहुजन समाज पार्टी के टिकट से चुनाव लड़े थे और बब्बन राजभर ने भी सलेमपुर लोकसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी को पहली बार जीत दिलाई।

इसके बाद 2004 में सलेमपुर लोकसभा सीट से चुनाव हुआ और फिर एक बार हरि केवल प्रसाद समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़कर जीत हासिल किए इसके बाद 2009 में चुनाव हुआ और रमाशंकर राजभर सलेमपुर लोकसभा सीट का सांसद बने इन्होंने बहुजन समाज पार्टी को दूसरी बार जीत दिलाई।

2014 में लोकसभा का चुनाव हुआ और लोकसभा में वर्तमान सांसद रविंद्र कुशवाहा को भारतीय जनता पार्टी के द्वारा टिकट दिया गया और रविंद्र कुशवाहा ने 2014 में भारतीय जनता पार्टी की टिकट से चुनाव लड़कर जीत हासिल की इसके बाद 2019 में फिर लोकसभा चुनाव की तैयारी हुई चुनाव हुआ और कुशवाहा वोट को देखते हुए बहुजन समाज पार्टी ने रविंद्र कुशवाहा के खिलाफ आर एस कुशवाहा को चुनाव लड़ाया लेकिन भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी रविंद्र कुशवाहा के आगे आरएस कुशवाहा को हर का सामना करना पड़ा और दूसरी बार रविंद्र कुशवाहा सलेमपुर के सांसद बने जो वर्तमान में हैं, यह था सलेमपुर लोकसभा सीट का 1952 से 2024 तक का इतिहास अब यहां कौन कौन प्रत्याशी है मैदान में ।

सलेमपुर लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी राजनीतिक पार्टी अपनी-अपनी स्तर से तैयारी करने में जुटी हुई हैं लेकिन एक प्रत्याशी सलेमपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की दावेदारी के बाद सलेमपुर लोकसभा सीट चुनाव में काफी हलचल देखा जा रहा है, बड़े कारोबारी राजेश दयाल के आने से चुनाव कुछ अलग नजरिए से देखा जा रहा है हालांकि आम जनता का राय कुछ अलग है, आम जनता का कहना है कि उनके आने से कुछ चुनाव में खास फर्क नहीं पड़ेगा।

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