आज का दिन 14 फरवरी, जब दुनिया भर में ‘वेलेंटाइन डे’ मनाया जाता है, लेकिन भारत के लिए यह दिन एक गहरे जख्म के रूप में दर्ज है। 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इस हमले में सीआरपीएफ (CRPF) के 40 जवान शहीद हो गए थे, जिनमें उत्तर प्रदेश के देवरिया जनपद के भटनी थाना क्षेत्र के जयदेव छपिया गांव के वीर सपूत विजय मौर्य भी शामिल थे।

आज इस हमले को छह साल हो चुके हैं, लेकिन यह जख्म आज भी ताजा है। विजय मौर्य की शहादत को आज पूरा देश याद कर रहा है और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है।
14 फरवरी 2019: जब गूंजा धमाका और थम गईं कई सांसें
14 फरवरी 2019 को जम्मू से श्रीनगर की ओर जा रहा सीआरपीएफ का काफिला पुलवामा जिले के अवंतीपोरा इलाके से गुजर रहा था। इस काफिले में 78 गाड़ियां थीं, जिनमें 2500 से ज्यादा जवान सवार थे। दोपहर करीब 3:15 बजे एक आत्मघाती हमलावर ने 350 किलो विस्फोटकों से भरी कार लेकर काफिले के पास आकर धमाका कर दिया। इस हमले में 40 जवानों की मौके पर ही शहादत हो गई।
शहीद विजय मौर्य: देवरिया का सपूत जिसने देश के लिए जान न्यौछावर कर दी
पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों में उत्तर प्रदेश के देवरिया जनपद के भटनी थाना क्षेत्र के जयदेव छपिया गांव के निवासी विजय मौर्य भी शामिल थे।

- विजय मौर्य 2004 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे।
- उनकी तैनाती 92वीं बटालियन में थी।
- वे अपने परिवार के इकलौते कमाने वाले सदस्य थे।
- उनकी शहादत के बाद पूरा गांव गमगीन हो गया था।
जब उनका पार्थिव शरीर गांव लाया गया, तो हजारों लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने उमड़ पड़े। पूरा इलाका “विजय मौर्य अमर रहें” के नारों से गूंज उठा।
भारत की जवाबी कार्रवाई: बालाकोट एयर स्ट्राइक
इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। भारत ने पुलवामा हमले का बदला लेने के लिए 26 फरवरी 2019 को ‘ऑपरेशन बालाकोट’ के तहत पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी ठिकानों पर हवाई हमला किया। इस स्ट्राइक में जैश-ए-मोहम्मद के कई ठिकाने तबाह कर दिए गए और बड़ी संख्या में आतंकवादी मारे गए।
आज भी जिंदा है पुलवामा हमले का दर्द
आज 14 फरवरी 2025 को, जब इस हमले की छठी बरसी मनाई जा रही है, पूरा देश शहीदों को नमन कर रहा है। जयदेव छपिया गांव में भी शहीद विजय मौर्य को श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है।
सरकार द्वारा शहीदों के परिवारों के लिए उठाए गए कदम
- विजय मौर्य के परिवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने सहायता राशि दी थी।
- परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी गई।
- गांव में शहीद विजय मौर्य के नाम पर एक स्मारक बनाया गया।
निष्कर्ष
14 फरवरी 2019 का पुलवामा हमला भारतीय इतिहास का एक काला अध्याय था, जिसमें 40 जवानों ने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। देवरिया के विजय मौर्य की शहादत को पूरा देश सलाम करता है। उनकी बहादुरी हमें हमेशा देशभक्ति और समर्पण की प्रेरणा देती रहेगी।
शहीद विजय मौर्य अमर रहें! जय हिंद! वंदे मातरम्!