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देवरिया में मुजफ्फरपुर की लीची की बढ़ी मांग, 140 रुपये किलो से ज्यादा में हो रही बिक्री

लीची एक ऐसा मौसमी फल है जो साल भर में सिर्फ एक बार, वह भी बहुत ही सीमित समय के लिए आता है। इसके स्वाद में खटास और मिठास का संतुलन होता है, जो इसे अन्य फलों से अलग बनाता है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर वर्ग के लोग इसे बेहद चाव से खाते हैं। यही वजह है कि जैसे ही लीची बाजार में आती है, लोग खरीदने के लिए उमड़ पड़ते हैं।

देवरिया के फल बाजारों, सब्जी मंडियों और फुटपाथ पर लीची की बिक्री जोरों पर है। दुकानदारों के अनुसार, इस बार लीची की पैदावार कम हुई है और मौसम की मार के कारण सप्लाई भी सीमित है, जिसकी वजह से इसकी कीमतें बढ़ गई हैं। बावजूद इसके ग्राहकों में लीची को लेकर उत्साह कम नहीं है।

मुजफ्फरपुर की लीची को खास तौर पर स्वाद, मिठास और रस के लिए जाना जाता है। इस क्षेत्र की जलवायु और मिट्टी लीची की खेती के लिए आदर्श मानी जाती है, जिसकी वजह से यहां की लीची पूरे देश में मशहूर है। देवरिया समेत पूर्वांचल के कई जिलों में लोग खासतौर से मुजफ्फरपुर की लीची की मांग करते हैं। दुकानदार भी बताते हैं कि जब भी वे ‘मुजफ्फरपुर की लीची’ का नाम लेते हैं, ग्राहक बिना मोलभाव किए खरीद लेते हैं।

फल विक्रेता शिवप्रसाद यादव बताते हैं कि इस बार लीची का दाम शुरुआत में ही 100 रुपये किलो के पार चला गया था, लेकिन अब 140 रुपये किलो तक पहुंच गया है। फिर भी मांग में कोई कमी नहीं है। वे बताते हैं कि प्रतिदिन कई क्विंटल लीची बिक रही है, और दोपहर तक स्टॉक खत्म हो जा रहा है।

दूसरी ओर, ग्राहक भी मानते हैं कि लीची भले ही महंगी हो, लेकिन इसका स्वाद हर कीमत पर खरीदने लायक होता है। खासतौर से मुजफ्फरपुर की लीची का स्वाद अनोखा होता है, जो अन्य जगहों की लीची से बिल्कुल अलग होता है। ग्राहक राधेश्याम वर्मा कहते हैं, “हर साल मैं इंतजार करता हूं कि कब लीची बाजार में आए। जब आती है तो कीमत चाहे जो हो, बिना खरीदे रहा नहीं जाता।”

स्वास्थ्य की दृष्टि से भी लीची बेहद लाभकारी मानी जाती है। यह विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट्स और मिनरल्स से भरपूर होती है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करती है। गर्मी में यह शरीर को ठंडक प्रदान करती है और डिहाइड्रेशन से भी बचाती है।

बढ़ती मांग को देखते हुए व्यापारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में अगर सप्लाई और कम हुई तो कीमतें और ऊपर जा सकती हैं। हालांकि किसानों को इसका लाभ मिल रहा है, लेकिन आम जनता के लिए लीची अब एक ‘मंहगा स्वाद’ बनती जा रही है।

देवरिया में लीची के प्रति लोगों का यह जुनून यह दर्शाता है कि भारतीय बाजार में मौसमी फलों का कितना महत्व है। हर साल सीमित समय के लिए आने वाली लीची सिर्फ स्वाद ही नहीं, बल्कि लोगों की भावनाओं और परंपरा से भी जुड़ी होती है। अब देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में लीची की कीमतें स्थिर रहती हैं या फिर आसमान छूती हैं।

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