उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य प्रशासनिक ढांचे में व्यापक बदलाव करते हुए सोमवार देर रात 31 आईएएस अधिकारियों के तबादले कर दिए। यह फेरबदल न सिर्फ शासन स्तर पर बल्कि जिलों और मंडलों में भी प्रभावशाली पदों पर हुआ है। इसमें कई जिलों के जिलाधिकारियों के साथ-साथ तीन मंडलों के आयुक्तों की भी नियुक्ति की गई है। सरकार के इस फैसले को लोक प्रशासन की गुणवत्ता और जवाबदेही बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।

इन जिलों को मिले नए डीएम
नवीन नियुक्तियों के तहत मथुरा जिले की कमान अब चंद्रप्रकाश सिंह को सौंपी गई है, वहीं गाजियाबाद में दीपक मीणा को जिलाधिकारी बनाया गया है। मेरठ जैसे महत्वपूर्ण जिले में विजय कुमार सिंह को डीएम नियुक्त किया गया है। बाराबंकी में शशांक त्रिपाठी, बिजनौर में जसजीत कौर और बुलंदशहर में श्रुति को जिलाधिकारी का कार्यभार मिला है। कानपुर नगर जैसे औद्योगिक शहर में अब जितेंद्र प्रताप सिंह डीएम होंगे। इसके अलावा प्रतापगढ़ में शिव सहाय अवस्थी, बांदा में जे. रीभा और अलीगढ़ में संजीव रंजन को जिम्मेदारी दी गई है।
मंडलायुक्त स्तर पर भी बड़े बदलाव
तीन प्रमुख मंडलों में नए मंडलायुक्तों की नियुक्ति की गई है। मेरठ के मंडलायुक्त के रूप में ऋषिकेश भास्कर यशोद को लाया गया है, जबकि आगरा मंडल की जिम्मेदारी शैलेंद्र कुमार सिंह को दी गई है। अलीगढ़ मंडल में अब संगीता सिंह कमान संभालेंगी। इन नियुक्तियों से इन क्षेत्रों में प्रशासनिक गति और निगरानी व्यवस्था को मजबूती मिलने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री कार्यालय में बदलाव
लखनऊ के जिलाधिकारी पद पर विशाख जी की तैनाती की गई है, वहीं सूर्यपाल गंगवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में सचिव बनाया गया है। ईशान प्रताप सिंह को मुख्यमंत्री के सचिव पद के साथ नागरिक उड्डयन विभाग का विशेष सचिव भी बनाया गया है। ये नियुक्तियाँ सीएम ऑफिस की कार्यप्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में मानी जा रही हैं।
विभागीय पदों पर भी नए अफसर
रितु माहेश्वरी को स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग में सचिव के रूप में जिम्मेदारी दी गई है। वहीं अर्चना वर्मा को राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना की सीईओ नियुक्त किया गया है। अंकित कुमार अग्रवाल को अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का निदेशक बनाया गया है और इंद्र विक्रम सिंह को कृषि विपणन एवं विदेश व्यापार विभाग का सचिव नियुक्त किया गया है।
सरकार का उद्देश्य
इन तबादलों के पीछे सरकार का उद्देश्य प्रशासनिक व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाना, विकास कार्यों को गति देना और योजनाओं को धरातल पर प्रभावी रूप से लागू करना है। जिन अफसरों को नई जिम्मेदारियाँ मिली हैं, वे सभी अनुभवी और कार्यकुशल माने जाते हैं। सरकार को उम्मीद है कि इन बदलावों से जनहित से जुड़े कार्यों में सकारात्मक प्रभाव दिखेगा।